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जी-7 ने रूस और ईरान को दी सख्त चेतावनी

१३ दिसम्बर २०२१

जी-7 देशों ने रूस को यूक्रेन से परे रहने या गंभीर नतीजे झेलने की चेतावनी दी है. लिवरपूल में जी-7 के विदेश मंत्रियों की बैठक में रूस का मुद्दा छाया रहा. इसके अलावा ईरान पर भी बात हुई.

तस्वीर: Olivier Douliery/AP/picture alliance

दुनिया के सबसे धनी सात देशों के संगठन जी-7 ने रविवार को युनाइडेट किंग्डम के लिवरपूल में मुलाकात की. इस बैठक के बाद जारी साझा बयान में रूस और ईरान को चेतावनी दी गई है.

जी-7 ने कहा कि परमाणु समझौता करने के लिए ईरान के हाथ से वक्त निकलता जा रहा है और अगर ऐसा ना हुआ तो उसे सख्त नतीजे झेलने होंगे. इसी के साथ रूस को यूक्रेन में आक्रमण के मंसूबे ना पालने की भी चेतावनी जारी की गई.

रूस पर प्रतिबंधों की तैयारी

जी-7 देशों के विदेश मंत्रियों ने रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले की संभावनाओं की चर्चा की. अमेरिकी जासूसी एजेंसियों का आकलन है कि रूस अगले साल की शुरुआत में पौने दो लाख की फौज के साथ यूक्रेन पर चढ़ाई कर सकता है.

तस्वीर: Olivier Douliery/AP/picture alliance

रूस इन आरोपों से इनकार करता रहा है. हालांकि उसने यह गारंटी मांगी है कि यूक्रेन को नाटो में शामिल नहीं किया जाएगा और रूसी सीमा के नजदीक नाटो देश हथियार तैनात नहीं करेंगे. पिछले हफ्ते अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से वीडियो पर हुई एक मुलाकात में भी रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने यही मांग रखी थी.

तब जो बाइडेन ने कहा था कि अगर यूक्रेन पर चढ़ाई की जाती है तो रूस को सख्त आर्थिक प्रतिबंध झेलने होंगे. जी-7 देशों ने अमेरिका के इस कदम का समर्थन किया है. ब्रिटिश विदेश मंत्री लिज ट्रस ने मीडिया से बातचीत में कहा, "हम इस बात को लेकर स्पष्ट हैं कि यूक्रेन पर रूस के किसी भी आक्रामक कदम के गंभीर नतीजे होंगे और उनकी भारी कीमत होगी.”

पाइप लाइन पर खतरा

ट्रस ने कहा कि आर्थिक प्रतिबंधों की जहां तक बात है तो सारे विकल्पों पर विचार किया गया. हालांकि किसी तरह की स्पष्ट सहमति नहीं बनी है कि नॉर्ड स्ट्रीम-2 गैस पाइप लाइन पर भी प्रतिबंध लगाया जाए या नहीं. लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन ने कहा कि यदि "रूस यूक्रेन पर फिर आक्रामक होता है या फिर से कोई कार्रवाई करता है” तो पाइप लाइन के चालू होने की संभावना बहुत कम होगी.

तस्वीरेंः नॉर्ड स्ट्रीम-2 गैस पाइपलाइन

ब्लिंकेन ने कहा, "इसलिए जब राष्ट्रपति पुतिन आगे के कदमों पर विचार कर रहे हैं तो उन्हें इस बात को भी ध्यान में रखना चाहिए.” जी-7 की बैठक के बाद जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने टीवी चैनल जेडडीएफ को बताया कि "और आक्रामक कार्रवाई की सूरत में यह गैस पाइपलाइन सेवा में नहीं आ पाएगी.”

नॉर्ड स्ट्रीम-2 गैस पाइपलाइन रूस की गैस को जर्मनी तक पहुंचाएगी. हालांकि इसके संचालन के लिए अभी जर्मनी को लाइसेंस जारी करना है. पोलैंड और अमेरिका ने जर्मनी को लाइसेंस देने से पहले थोड़ा इंतजार करने का आग्रह किया है.

ईरान का मुद्दा

जी-7 की बैठक में ईरान द्वारा परमाणु संधि को लेकर आनाकानी का मुद्दा भी उठा. ब्रिटेन ने कहा कि विएना में फिर से शुरू हो रही परमाणु वार्ता ईरान के लिए संधि के लिए फिर से आने का आखिरी मौका है. ब्रिटिश विदेश मंत्री ट्रस ने कहा, "ईरान के पास अब भी वक्त है कि समझौते पर सहमत हो.”

ब्रिटेन इस संधि के साझीदारों में से एक है और पहली बार संधि में शामिल किसी पक्ष ने ईरान को इस तरह की सख्त चेतावनी दी है. 2015 में हुए परमाणु समझौते को पुनर्स्थापित करने के लिए गुरुवार से विएना में बातचीत दोबारा शुरू हुई है. 2018 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप द्वारा तोड़ दिए जाने के बाद यह समझौता खतरे में पड़ गया था.

मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि वह समझौते में वापस लौटने को तैयार हैं. ईरानी नेताओं ने भी कहा है कि वे बातचीत को लेकर गंभीर हैं. लेकिन पश्चिमी नेताओं का आरोप है कि ईरान अब तक हुई प्रगति को खत्म कर रहा है और आनाकानी के जरिए वक्त चाह रहा है.

वीके/एए (एएफपी, एपी, रॉयटर्स)

जब रूस और यूक्रेन के बीच मैर्केल ने की मध्यस्थता

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