राहुल गांधी को मानहानि के मामले में गुजरात हाई कोर्ट से बड़ा झटका लगा है. अदालत ने दोष सिद्धि और दो साल के जेल के आदेश पर रोक लगाने की गांधी की अपील को खारिज कर दिया है.
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राहुल गांधी की अपील को खारिज करते हुए न्यायाधीश हेमंत प्रच्छक ने अपने फैसले में कहा कि इस मामले में गांधी की दोषसिद्धि "न्यायपूर्ण और वैध" है. जज ने यह भी कहा कि दोषसिद्धि पर रोक लगाना कोई नियम नहीं है और ऐसा सिर्फ दुर्लभ मामलों में ही किया जाना चाहिए.
अदालत ने अपने फैसले में गांधी के खिलाफ चल रहे मानहानि के दूसरे मामलों का हवाला दिया और कहा, "उनके खिलाफ कम से कम 10 आपराधिक मामले लंबित हैं. इस मामले के बाद भी उनके खिलाफ कुछ ताजा मामले दायर किये गए."
क्या कहा अदालत ने
अदालत ने आगे कहा, "जन प्रतिनिधियों को साफ चरित्र का रहना चाहिए. ऐसा एक मामला वीर सावरकर के पौत्र ने पुणे में एक अदालत में दायर किया हुआ है, क्योंकि मुल्जिम ने केम्ब्रिज में सावरकार के खिलाफ मानहानि भरे शब्दों का इस्तेमाल किया."
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अदालत ने यह भी कहा कि वैसे भी दोषसिद्धि की वजह से गांधी के खिलाफ कोई अन्याय नहीं हो रहा है, इसलिए मूल आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है. कांग्रेस पार्टी ने इस फैसले अपनी त्वरित प्रतिक्रिया में कहा है, "हाई कोर्ट के फैसले ने इस मामले को आगे ले जाने के हमारे संकल्प को दोगुना किया है."
23 मार्च को सूरत की एक स्थानीय अदालत ने मानहानि के एक मामले में राहुल गांधी को दोषी पाया था और उन्हें दो साल की जेल की सजा सुनाई थी. उसके बाद गांधी की लोक सभा की सदस्यता रद्द कर दी गई थी.
क्या है मामला
मामला 2019 में कर्नाटक के कोलार में गांधी द्वारा एक चुनावी सभा के दौरान "सभी चोरों का उपनाम मोदी क्यों होता है" कहने का था. गुजरात में बीजेपी के पूर्व विधायक पूर्णेश मोदी ने इस बयान को लेकर गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दायर कर दिया था.
उनका आरोप था कि गांधी ने ऐसा कह कर मोदी उपनाम वाले हर व्यक्ति को ठेस पहुंचाई है. चुनावी नियमों के तहत अगर किसी सांसद को किसी मामले में दो साल जेल या उससे ज्यादा कि सजा हो जाती है तो उसकी लोक सभा की सदस्यता अपने आप रद्द हो जाती है, लिहाजा गांधी की सदस्यता भी रद्द कर दी गई.
हालांकि चुनाव आयोग ने अभी तक उनकी पूर्व लोक सभा सीट वायनाड को रिक्त घोषित नहीं किया है. अभी राहुल गांधी के पास सुप्रीम कोर्ट में अपील करने का विकल्प बाकी है.
ईडी की जद में विपक्षी नेता
भारत में प्रवर्तन निदेशालय पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक भ्रष्टाचार के कई मामलों में कार्रवाई कर रही है. ज्यादातर मामले विपक्षी नेता और राजनीतिक दल से जुड़े हैं.
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सोनिया गांधी
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) नेशनल हेराल्ड अखबार से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ कर चुकी है. कांग्रेस का कहना है कि केंद्र सरकार ईडी का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार के रूप में कर रही है.
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राहुल गांधी
सोनिया गांधी से पहले कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से ईडी कई घंटे की पूछताछ कर चुकी है. राहुल से भी नेशनल हेराल्ड केस में पूछताछ हुई है.
आईएनएक्स मीडिया और एयरसेल मैक्सिस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम की ईडी जांच कर रही है. पी चिदंबरम को ईडी ने 2019 में आईएनएक्स मीडिया मामले में गिरफ्तार किया था.
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कार्ति चिदंबरम
पी चिदंबरम के बेटे और सांसद कार्ति चिदंबरम पर कथित वीजा रैकेट मामले की जांच सीबीआई कर रही है. आरोप है कि 2011 में जब पी चिदंबरम केंद्र में गृह मंत्री थे तब पंजाब में काम कर रही एक चीनी कंपनी के लोगों को वीजा दिलाने के लिए कार्ति चिदंबरम ने कथित तौर पर रिश्वत ली थी.
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अभिषेक बनर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के भतीजे और तृणमूल कांग्रेस के सांसद अभिषेक बनर्जी अपनी पत्नी रुजीरा बनर्जी के साथ कथित कोयला तस्करी मामले में ईडी की जांच के घेरे में हैं. इस मामले में अभिषेक बनर्जी से ईडी दो बार पूछताछ कर चुकी है.
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संजय राउत
शिवसेना के सांसद संजय राउत के खिलाफ ईडी पात्रा चॉल घोटाले की जांच कर रही है. ईडी की छापेमारी के दौरान उनके घर से साढ़े ग्यारह लाख रुपये बरामद हुए थे. पूछताछ के बाद 31 जुलाई को ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था. राउत का आरोप है कि ईडी केंद्र के निर्देशों पर काम कर रही है.
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सत्येंद्र जैन
आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन को मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में ईडी गिरफ्तार कर चुकी है. उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप है.
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पार्थ चटर्जी
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी पार्थ चटर्जी पर कथित स्कूल भर्ती घोटाले का आरोप है. उनकी करीबी अर्पिता मुखर्जी के फ्लैट से 50 करोड़ रुपये से ज्यादा की नकदी मिल चुकी है. ममता बनर्जी ने पार्थ चटर्जी को न केवल मंत्री पद से हटा दिया है बल्कि पार्टी से बाहर का भी रास्ता दिखा दिया है.
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फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के बाद उनके खिलाफ चार्जशीट दायर की गई है. उन पर जम्मू-कश्मीर क्रिकेट एसोसिएशन का अध्यक्ष रहते हुए वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगे थे. 2019 में अब्दुल्ला का बयान ईडी ने दर्ज किया था.
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नवाब मलिक
एनसीपी नेता नवाब मलिक को ईडी ने इसी साल फरवरी में मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार किया था. जांच एजेंसी उनकी एक जमीन सौदे की जांच कर रही थी, जो संदिग्ध तौर पर अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम से जुड़ी थी.