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52 स्टोर बंद करेगा जर्मनी का सबसे बड़ा डिपार्टमेंट स्टोर

१४ मार्च २०२३

जर्मनी में बड़े डिपार्टमेंट स्टोर की चेन गैलेरिया कारश्टाट काउफहोफ अपने बाकी बचे स्टोर में से 52 को बंद करने की योजना बना रही है. काउफहोफ जर्मन शहरों के सिटी सेंटर की एक प्रमुख पहचान हैं, जो अब कई जगहों से छिन जायेंगे.

कंपनी के 40 स्टोर पहले ही बंद हो चुके हैं
गैलेरिया कार्सडाट के 52 स्टोर बंद होंगे तस्वीर: Thomas Banneyer/dpa/picture alliance

रसोई में रोजमर्रा की चीजों से फैशन और बड़े इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों समेत सैकड़ों तरह के सामान बेचने वाली चेन का पता जर्मनी के किसी भी शहर में ढूंढना मुश्किल नहीं है. बड़े शहरों में तो कई काउफहोफ एक साथ चलते हैं. हालांकि, बीते सालों में अर्थव्यवस्था के बदले तेवर और लोगों की अभिरुचियों ने इन स्टोरों की स्थिति बिगाड़ दी है. इन भारी भरकम स्टोरों को चलाना कंपनी के लिए भारी पड़ रहा है. फिलहाल जर्मनी में 129 काउफहोफ चल रहे हैं, जिनमें से कंपनी 52 स्टोर बंद करना चाहती है. कोरोना की महामारी ने कई कंपनियों और कारोबारों के लिए मुश्किल पैदा की. काउफहोफ के बुरे दिन भी कोरोना काल में ही शुरू हुए. 

जर्मनी के श्रम मंत्री हुबर्टस हाइल ने इसे देश के सिटी सेंटरों और स्टोर के कर्मचारियों के लिए "बुरी खबर" कहा है. कंपनी की केंद्रीय कार्य परिषद ने सोमवार को कहा कि योजना के मुताबिक स्टोर बंद हुए, तो 5,000 लोगों की नौकरी जायेगी. कर्मचारियों को लिखे पत्र में कंपनी के प्रमुख मिगेल मुलेनबाख ने कहा है कि ऊर्जा की बढ़ती कीमतों और ग्राहकों की घटती संख्या के कारण कंपनी को संघर्ष करना पड़ रहा है. उन्होंने यह साफ कर दिया है कि स्टोर के नेटवर्क और नौकरियों में बड़ी कटौती की जायेगी. 

जर्मनी में डिपार्टमेंट स्टोर की सबसे बड़ी चेन है गैलेरिया काउफहोफतस्वीर: Christoph Reichwein/dpa/picture alliance

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तीन साल में दूसरी बार मदद की जरूरत

बीते अक्टूबर में कंपनी को दिवालिया होने से बचने के लिए राहत के उपायों का इस्तेमाल करना पड़ा. पिछले तीन सालों के भीतर यह दूसरी बार हुआ. पहली बार 2020 में कंपनी को राहत के उपायों की शरण में जाना पड़ा था. तब देश में कोरोना वायरस महामारी के चलते पहली बार तालाबंदी चल रही थी.

तब लगभग 40 स्टोर बंद किये गये, 4,000 लोगों की नौकरियां गईं और लगभग 2 अरब यूरो का कर्ज रद्द किया गया था. हालांकि, इतने भर से भी कंपनी को संभाला नहीं जा सका. इसके बाद 2021 में और 2022 की शुरुआत में भी कंपनी ने सरकार से महामारी से राहत के लिए मदद मांगी. जर्मनी के इकोनॉमिक स्टेबिलाइजेशन फंड ने कुल-मिलाकर 68 करोड़ यूरो की मदद दी है.

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जर्मनी के श्रम मंत्री हुबर्टस हाइल ने टीवी चैनल एआरडी से सोमवार को कहा कि वह गैलेरिया के कर्मचारियों की राहत के लिए कुछ उपाय करने की कोशिश में हैं. सरकार एक ट्रांसफर कंपनी बनाने पर विचार कर रही है, जो कंपनी के कर्मचारियों को दूसरी नौकरियों के लिए तैयार करने में मदद करेगी.

कंपनी के स्टोर जर्मन शहरों के सिटी सेंटर की पहचान रहे हैंतस्वीर: D. Kerlekin/Snowfield Photograph/picture alliance

1879 में जर्मनी के कोलोन शहर में गैलेरिया काउफहोफ की नींव पड़ी थी. जर्मनी और पड़ोसी देश बेल्जियम में इसके स्टोर हैं. 2015 तक यह कंपनी मेट्रो एजी की सब्सिडियरी थी. सितंबर 2015 में हडसन बे एजी ने इसका अधिग्रहण कर लिया. 2018 में प्रमुख प्रतिद्वंद्वी कंपनी कारश्टाट के साथ विलय होने पर गैलेरिया कारश्टाट काउफहोफ कंपनी बनी. अब कंपनी का मुख्यालय एसेन में है. जून 2019 में ऑस्ट्रिया की सिगना होल्डिंग ने इसके सारे शेयर खरीद कर इस पर एकाधिकार कर लिया. 

कंपनी का भविष्य

कंपनी का कहना है कि आर्थिक स्थितियों और स्थानीय कारणों को देखते हुए मकान मालिकों और सरकारी एजेंसियों से लंबे दौर की बातचीत के बाद इन स्टोरों के लिए कोई सकारात्मक नजरिया नहीं बनाया जा सका है और ऐसे में इन्हें बंद करना ही एकमात्र उपाय है. कंपनी बाकी बचे 77 स्टोर का अगले तीन सालों में आधुनिकीकरण करेगी और उन्हें स्थानीय जरूरतों के मुताबिक ढाला जायेगा. तकरीबन 11,000 नौकरियों को सुरक्षित रखने की कोशिश होगी.

एनआर/वीएस (डीपीए, एपी)

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