अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका के कई शहरों में दो हफ्तों तक विरोध प्रदर्शन हुए. मंगलवार को टेक्सास के ह्यूस्टन में उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए ढाई हजार से अधिक लोग इक्ट्ठा हुए.
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अश्वेत नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस के हाथों मौत के बाद दुनियाभर में विरोध प्रदर्शन हुए और लोगों ने नस्लीय अन्याय का मुद्दा उठाया. ह्यूस्टन में मंगलवार को जॉर्ज फ्लॉयड का अंतिम संस्कार किया गया. अंतिम संस्कार के पहले फ्लॉयड का शव अंतिम दर्शन के लिए एक फाउंटेन ऑफ प्रेज चर्च में रखा गया जहां हजारों की संख्या में आम लोग समेत अधिकार समूह के सदस्य और राजनेता शामिल हुए.
फ्लॉयड साधारण व्यक्ति थे लेकिन भाग्य द्वारा "एक आंदोलन की आधारशिला" में तब्दील हो गए. चर्च में अंतिम दर्शन का सीधा प्रसारण अमेरिका के सभी मुख्य टीवी नेटवर्क पर किया. चर्च में भी ढाई हजार से अधिक लोग अंतिम दर्शन के लिए शामिल हुए. एक अश्वेत नागरिक की मौत के बाद अमेरिका में गुस्से का उबाल आ गया और कई राज्यों में हिंसा और आगजनी तक हुई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक व्हाइट हाउस के बाहर विरोध प्रदर्शन के कारण एक बार राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को भूमिगत बंकर में जाना पड़ा.
जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका में दो हफ्तों तक विरोध प्रदर्शन हुए. विरोध प्रदर्शन यूरोप तक पहुंच गए और रंगभेद के खिलाफ एक नई बहस छिड़ गई. 46 वर्षीय फ्लॉयड को पुलिस अधिकारी द्वारा घुटने के बल पर दबाने का वीडियो वहीं खड़े एक शख्स ने बनाया था और उसी वीडियो के कारण पुलिस की बर्बरता सामने आई थी. जब पुलिस अधिकारी ने फ्लॉयड को घुटने से दबाया था तब वे पुलिस से गुहार लगा रहे थे "मैं सांस नहीं ले पा रहा हूं."
25 मई की घटना के बाद पुलिस अधिकारी डेरेक शोविन पर सेकंड डिग्री मर्डर का आरोप लगा और घटना के दौरान मौजूद तीन अधिकारियों को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. फ्लॉयड की मौत के आखिरी शब्दों को नारा बनाते हुए हजारों लोगों ने कोरोना वायरस महामारी के डर के बिना कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किए. ह्यूस्टन में फाउंटेन ऑफ प्रेज चर्च में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में फ्लॉयड की भतीजी ब्रूकलिन विलियम्स ने सर्विस के दौरान कहा, "मैं सांस ले रही हूं और जब तक मैं सांस ले रही हूं न्याय मिलेगा. यह ना सिर्फ हत्या है बल्कि नफरत से भरा अपराध है."
फ्लॉयड के छोटे भाई टेरेंस फ्लॉयड ने कहा कि वे अक्सर रात को अचानक नींद से उठ जाते हैं. उनके मुताबिक फ्लॉयड के आखिरी शब्द उनके कानों में गूंजते हैं. फ्लॉयड के शव को ह्यूस्टन के करीब पर्ललैंड कब्रिस्तान में दफनाया गया. यहीं पर उनकी मां लॉरेंसी फ्लॉयड की भी कब्र है. लॉरेंसी की कब्र के करीब ही उनके शव को दफन किया गया.
एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)
रंगभेद के खिलाफ दुनिया भर में प्रदर्शन
अमेरिका के मिनियापोलिस में जॉर्ज फ्लॉयड की मौत से पूरी दुनिया आंदोलित है. वीकएंड में सभी महादेशों में लाखों लोगों ने नस्लवाद के खिलाफ प्रदर्शन किया है. भारत में भी सेलेब्रिटी "ब्लैक लाइव्स मैटर" का समर्थन कर रहे हैं.
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पेरिस: भेदभाव का विरोध
कुछ दिन पहले फ्रांस की राजधानी में पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आंसू गैस का इस्तेमाल कर तितर बितर कर दिया था. शनिवार को भी आइफेल टॉवर और अमेरिकी दूतावास के सामने प्रदर्शनों की इजाजत नहीं दी गई थी. फिर भी दसियों हजार लोगों ने प्रदर्शन में हिस्सा लिया. पेरिस के बाहरी इलाकों में रहने वाले काले नागरिकों के खिलाफ पुलिस हिंसा आम है.
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लिएज: प्रतिबंधों के बावजूद प्रदर्शन
कई दूसरे यूरोपीय देशों की तरह बेल्जियम का भी औपनिवेशिक शोषण और लोगों को गुलाम बनाने का इतिहास रहा है. आज का डेमोक्रैटिक रिपब्लिक कॉन्गो कभी किंग लियोपोल्ड द्वितीय की निजी संपत्ति हुआ करता था. उनके नाम पर वहां नस्लवादी शासन चलता था. ब्रसेल्स, अंटवैर्पेन और लिएज शहरों में कोरोना के प्रतिबंधों के बावजूद प्रदर्शन हुए.
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म्यूनिख: रंग बिरंगा बवेरिया
जर्मनी के बड़े प्रदर्शनों में से एक दक्षिणी प्रांत बवेरिया की राजधानी म्यूनिख में हुआ. यहां करीब 30,000 लोग नस्लवाद का विरोध करने सड़कों पर उतरे. इसके अलावा कोलोन, फ्रैंकफर्ट और हैम्बर्ग में भी प्रदर्शन हुए. राजधानी बर्लिन में प्रदर्शन के लिए जाते लोगों को रोकने के लिए पुलिस ने कुछ समय के लिए सिटी सेंटर में स्थित अलेक्जांडरप्लात्स का रास्ता रोक दिया था.
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वियना: 50,000 लोगों का विरोध प्रदर्शन
ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में शुक्रवार को ही 50,000 लोगों ने प्रदर्शन किया. ये देश में पिछले सालों में हुए बड़े प्रदर्शनों में एक रहा. स्थानीय पुलिसकर्मी भी प्रदर्शन के समर्थन में दिखे. रिपोर्टरों के अनुसार पुलिस की एक गाड़ी पर भी "ब्लैक लाइव्स मैटर" का नारा लिखा दिखा.
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सोफिया: सैकड़ों नस्लवाद विरोधी
कई दूसरे यूरोपीय देशों की तरह बुल्गारिया में भी दस लोगों से ज्यादा के साथ प्रदर्शन की अनुमति नहीं है. फिर भी नस्लवाद का विरोध करने राजधानी सोफिया में सैकड़ों लोग पहुंचे. वे जॉर्ज फ्लयॉड के कहे कथित तौर पर अंतिम शब्द "आई कांट ब्रीद" के नारे लगा रहे थे. प्रदर्शनकारियों ने साथ बुल्गारियाई समाज में व्याप्त नस्लवाद की ओर भी ध्यान दिलाया.
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तूरीन: कोरोना काल में विरोध
इस महिला ने अपना नारा कोरोना काल में जरूरी किए गए मास्क के ऊपर लिख रखा है, "काली जिंदगियां इटली में भी कीमती हैं." रोम और मिलान में हुए प्रदर्शनों में कोरोना महामारी की वजह से हुई तालाबंदी के बाद पहली बार लोग इतनी बड़ी तादाद में एक साथ इकट्ठा हुए. यूरोपीय संघ में सबसे ज्यादा अफ्रीकी आप्रवासी इटली में रहते हैं.
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लिस्बन: बिना अनुमति के रैली
पुर्तगाल की राजधानी लिस्बन में निकाले गए मार्च में इस प्रदर्शनकारी ने अपनी तख्ती पर लिख रखा है, "अब कार्रवाई करो." हालांकि विरोध प्रदर्शन करने की अनुमति नहीं दी गई थी, लेकिन पुलिस ने रैली को नहीं रोका. पुर्तगाल में भी काले नागरिकों के खिलाफ पुलिस बर्बरता की घटना अक्सर होती रहती है. जनवरी 2019 में पुलिस ने नस्लवाद विरोधी प्रदर्शनकारियों पर रबर की गोलियां चलाई थी.
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मेक्सिको सिटी: फ्लॉयड और लोपेस
मेक्सिको में सिर्फ जॉर्ज फ्लॉयड की मौत का गुस्सा नहीं है बल्कि जोवानी लोपेस के साथ हुए बर्ताव पर भी है. राजमिस्त्री का काम करने वाले लोपेस को मई में पश्चिमी प्रांत खालिस्को में मास्क नहीं पहनने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया था. कथित तौर पर पुलिस हिंसा के कारण उनकी मौत हो गई थी. कुछ समय एक वीडियो सामने आने के बाद मेक्सिको के लोगों में आक्रोश है.
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सिडनी: मूल निवासियों के खिलाफ नस्लवाद
सिडनी में प्रदर्शन की शुरुआत धुआं करने के परंपरागत महोत्सव के साथ हुई. यहां प्रदर्शन में शामिल होने वालों की एकजुटता सिर्फ जॉर्ज फ्लॉयड के साथ नहीं बल्कि देश के अबोरिजिन मूल निवासियों के साथ भी थी. वे भी पुलिस हिंसा के शिकार रहे हैं. प्रदर्शनकारियों की मांग है कि उनमें से किसी की मौत पुलिस हिरासत में नहीं होनी चाहिए.
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प्रिटोरिया: मुक्का तान कर प्रदर्शन
हवा में तना हुआ मुक्का ब्लैक लाइव्स मैटर आंदोलन का प्रतीक चिह्न है. लेकिन यह प्रतीक हाल के आंदोलन से कहीं पुराना है. जब दक्षिण अफ्रीका की नस्लवादी सरकार ने फरवरी 1990 में नस्लवाद विरोधी नेता नेल्सन मंडेला को 27 साल बाद जेल से रिहा किया था, तो वे हवा में मुक्का लहराते जेल से बाहर निकले थे. अभी भी दक्षिण अफ्रीका में गोरी आबादी बेहतर स्थिति में है. रिपोर्ट: डाविड एल