जर्मन पुरातत्वविदों ने बाल्टिक में खोजा 400 साल पुराना जहाज
३ अगस्त २०२३पानी के भीतर काम करने वाले पुरातत्वविदों ने उत्तरी जर्मन शहर ल्यूबेक में ट्रैव नदी के मुहाने पर सदियों पुराने जहाज के मलबे को बचाने का काम पूरा कर लिया. ऐसा माना जाता है कि यह जहाज साल 1650 के आसपास हॉलैंड में बनाया गया था. इस पूरे प्रोजेक्ट में लगभग 2 लाख यूरो खर्च होने का अनुमान है. दिलचस्प है कि यह खर्च ल्यूबेक के नागरिकों ने खुद ही उठाया.
सतह से 11 मीटर नीचे यह मलबा क्षेत्रीय जल और नौवहन कार्यालय (डब्ल्यूएसए) द्वारा नियमित सर्वेक्षण के दौरान संयोगवश मिला. इसे जुलाई 2022 में सार्वजनिक किया गया. प्रोजेक्ट के प्रमुख फेलिक्स रोश ने कहा, "हमने अपनी उम्मीद से कहीं अधिक पाया है और हैन्सियाटिक जहाज के कार्गो और उपकरणों के बारे में कई निष्कर्ष निकालने में सक्षम हुए हैं."
जहाज डूबने की वजह
पुरातत्वविद रोश ने कहा कि जहाज के साथ पाए गए कुछ माल पर काले निशान से पता चलता है कि यह आग लगने के चलते डूब गया होगा. उन्होंने कहा, "जाहिर तौर पर डेक पर बड़ी आग लगी थी." जहाज के माल में कैल्शियम ऑक्साइड के बैरल थे, जिन्हें अक्सर चूना कहा जाता था. यह उस समय आमतौर पर घर बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता था.
रोश ने बताया, "वहां नीचे लगभग 170 बैरल हैं, उन्हें अगले कुछ दिनों में हटा दिया जाएगा." रोश बताते हैं कि बैरल में पानी रिसने से रासायनिक प्रतिक्रिया हो सकती है, जिससे तेज गर्मी पैदा होगी और अंत में आग लग जाएगी. शुरूआती संकेतों से पता चलता है कि डूबते समय जहाज शायद स्कैंडिनेविया से ल्यूबेक जा रहा था.
सतह पर लाई गई सभी चीजों का 3डी डिजिटल स्कैन किया जा रहा है. मिले हुए टुकड़ों को तेजी से खराब होने से बचाने के लिए काम चल रहा है. सभी चीजों को के बारे में दस्तावेज तैयार किए जा रहे हैं.
हैन्सियाटिक लीग की राजधानी के रूप में ल्यूबेक का इतिहास
मलबे के विश्लेषण से वैज्ञानिकों को ल्यूबेक शहर के इतिहास और हैन्सियाटिक लीग के भीतर इसके व्यापारिक संबंधों से जुड़ी बातें पता चलेंगी. ल्यूबेक सदियों से इसमें अहम किरदार निभाता रहा है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, यह संभव है कि यह जहाज पुराने दस्तावेजों में बताए गए 1680 जहाज के मलबे से संबंधित हो. हालांकि, पिछले कुछ सालों में बाल्टिक में इस अवधि के कई युद्धपोत पाए गए हैं. लेकिन ऐसे अच्छी तरह से संरक्षित व्यापारिक जहाज की खोज ने ज्यादा ध्यान आकर्षित किया है.
हैन्सियाटिक लीग, यूरोपीय शहरों और शहर-राज्यों का एक वाणिज्यिक और रक्षात्मक संघ था. यह 12वीं शताब्दी में उत्तरी जर्मनी में शुरू हुआ. यह उत्तरी और बाल्टिक समुद्र में व्यापार पर हावी होने के लिए विकसित हुआ और 17वीं शताब्दी के अंत में विघटित हो गया.
हैन्सियाटिक लीग और व्यापार
हैन्सियाटिक लीग एक प्रभावशाली मध्ययुगीन व्यापारिक संघ था, जिसका यूरोपीय व्यापार संबंधों पर आज भी असर है. लीग एक समय नोवगोरोड से लंदन तक फैली हुई थी और लातविया, एस्टोनिया, पोलैंड, स्वीडन, नॉर्वे, जर्मनी, नीदरलैंड और बेल्जियम सहित विभिन्न देशों में व्यापार करती थी. इसका केंद्र ल्यूबेक था.
लीग के भीतर व्यापारियों को आधुनिक फ्रीपोर्ट्स के समान विशेषाधिकार और स्वायत्तता प्राप्त थी. हालांकि अमेरिका की खोज और ट्रांस अटलांटिक व्यापार के बढ़ने से इसमें गिरावट आई. 1666 में लंदन की भीषण आग में लंदन स्टीलयार्ड की हानि आम तौर पर इसके विघटन का प्रतीक है.
हाल की पुरातात्विक खोजें, जैसे ल्यूबेक जहाज की तबाही ने लीग के ऐतिहासिक महत्व पर रोशनी डाली है. ऐतिहासिक व्यापारिक गठबंधन की विरासत को आगे बढ़ाते हुए 2018 में विभिन्न यूरोपीय देशों के यूरोपीय संघ के वित्त मंत्रियों द्वारा स्थापित न्यू हैन्सियाटिक लीग जैसी पहल के साथ परिसंघ का विचार आधुनिक समय में भी जीवित है.
इसके खत्म होने के बावजूद, परिसंघ का विचार हमेशा चर्चा में रहा. न्यू हैन्सियाटिक लीग या हैन्सियाटिक लीग 2.0 की स्थापना 2018 के फरवरी में डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, आयरलैंड, लातविया, लिथुआनिया, नीदरलैंड और स्वीडन के यूरोपीय संघ के वित्त मंत्रियों द्वारा की गई थी.
पीवाई/एसबी (एएफपी)