जर्मनी ने 2020 में मध्य पूर्व में 1 अरब यूरो से ज्यादा के हथियारों के समझौतों को मंजूरी दी. ऐसे देशों को भी हथियार बेचे गए जो लीबिया और यमन यद्धों में उलझे हैं. जर्मनी दुनिया के पांच सबसे बड़े हथियार निर्यातकों शामिल है.
विज्ञापन
जर्मन समाचार एजेंसी डीपीए ने आर्थिक मंत्रालय का हवाला देते हुए मध्य पूर्व के देशों को होने वाले जर्मन हथियारों के निर्यात पर रिपोर्ट दी है. इसके मुताबिक 17 दिसंबर तक मिस्र को 75.2 करोड़ के हथियार और सैन्य उपकरण निर्यात करने की अनुमति दी गई. इसी तरह कतर को 30.5 करोड़ यूरो, संयुक्त अरब अमीरात को 5.1 करोड़ यूरो, कुवैत को 2.34 करोड़ यूरो और तुर्की को 2.29 करोड़ यूरो के हथियार निर्यात करने की अनुमति दी गई.
इसके अलावा जॉर्डन को 17 लाख यूरो और बहरीन को 15 लाख यूरो लाइसेंस दिए गए. हथियारों के निर्यात से जुड़ा यह ब्यौरा ग्रीन पार्टी के सांसद ओमिद नोरोपुर की तरफ से पूछे गए सवाल के जवाब में आर्थिक मंत्रालय ने दिया है.
यमन और लीबिया से संबंध
मध्य पूर्व के जिन देशों को जर्मनी ने हथियार निर्यात करने की मंजूरी दी है, उनमें से सभी के तार किसी ना किसी तरह यमन और लीबिया के युद्धों से जुड़े हैं. यमन में सऊदी अरब के नेतृत्व वाला सैन्य गठबंधन शिया हूथी बागियों के खिलाफ लड़ रहा है जिन्हें ईरान का समर्थन मिल रहा है. यह लड़ाई 2014 से चल रही है. सऊदी अरब के गठबंधन में संयुक्त अरब अमीरात, मिस्र, कुवैत, जॉर्डन और बहरीन शामिल हैं.
संयुक्त राष्ट्र के मानवीय सहायता कार्यालय के आंकड़े बताते हैं कि यमन में छह साल से चल रहे युद्ध में अब तक लगभग 2.33 लाख लोग मारे गए हैं. इनमें वे 1.31 लाख लोग भी शामिल हैं जो युद्ध से होने वाली खाने की किल्लत, स्वास्थ्य देखभाल का आभाव और बुनियादी ढांचे की कमी जैसी समस्याओं के कारण मारे गए हैं.
उधर लीबिया में भी 2014 से जारी युद्ध में हजारों लोग मारे जा चुके हैं. इस युद्ध में तुर्की और कतर त्रिपोली से चलने वाले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त संगठन प्रधानमंत्री फयाज अल सराज सरकार का साथ दे रहे हैं. वहीं जनरल खलीफा हफ्तार के नेतृत्व वाले बागी खेमे को संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र का समर्थन प्राप्त है. अभी लीबिया में युद्ध विराम है, जिससे संकट खत्म होने की उम्मीद बढ़ती है.
वो बम जिसने अमेरिका को सुपरपावर बनाया
05:10
हथियारों की होड़
दुनिया भर में हथियारों की खरीद फरोख्त पर नजर रखने वाली संस्था स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) का कहना है कि जर्मनी हथियारों का निर्यात करने वाले पांच सबसे बड़े देशों में शामिल हैं. उसके अलावा इस फेहरिस्त में अमेरिका, रूस फ्रांस और चीन शामिल हैं.
सिपरी की रिपोर्ट कहती है कि 2015 से 2019 के बीच दुनिया भर में होने वाले हथियार के निर्यात में 76 फीसदी इन्हीं पांच देशों ने किया है.
जर्मनी दुनिया में एक सकारात्मक भूमिका निभा रहा है. जर्मनी और जर्मन, दोनों ही को दुनिया भर में पसंद किया जाता है. जानिए जर्मनी की वे खूबियां जो खास तौर पर पसंद की जाती हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
सोच विचार का देश
अंतरराष्ट्रीय समुदाय बदला है और इसमें जर्मनी का भी बड़ा हाथ है. बीते कई दशकों में जर्मनी का पूरे विश्व पर सकारात्मक असर रहा है. जहां विश्व के ज्यादातर लोग जर्मनी की राजनीति भी पसंद करते हैं वहीं अमेरिका और रूस की राजनीति कई लोगों को ज्यादा पसंद नहीं आती.
तस्वीर: Reuters
दोस्ती का हाथ
जर्मनी बदल रहा है. पहले दुनिया भर में जर्मन सम्राट ने अपने युद्धपोत भेजे, जर्मन तानाशाह ने भी अपने लाखों सैनिकों से अलग अलग देशों पर चढ़ाई करवाई. लेकिन आधुनिक जर्मनी के दुनिया के ज्यादातर मुल्कों से दोस्ताना संबंध हैं.
तस्वीर: Tobias Schwarz/AFP/Getty Images
यूरोप का बटुआ
ऐसे भी देश हैं जो जर्मनी की राजनीति को पसंद नहीं करते. चांसलर अंगेला मैर्केल के बारे में ग्रीस के लोगों की राय बहुत अच्छी नहीं. उन्हें लगता है कि जर्मनी की वजह से ग्रीस यूरोपीय संघ और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के उधार तले दब गया है.
तस्वीर: AFP/Getty Images
भांति भांति के लोग
जर्मनी में कई विदेशी आकर बसते हैं, वे यहां पढ़ते हैं, काम करते हैं और यहीं रह जाते हैं. जर्मन शिक्षा प्रणाली और कंपनियां खासा आकर्षण हैं. धीरे धीरे विदेशी भी जर्मन तौर तरीकों में ढल जाते हैं और यहां की संस्कृति अपना लेते हैं. और अपनी संस्कृति यहां के समाज में लाते हैं. जैसे ब्राजील का यह डांस ग्रुप.
तस्वीर: Nadine Wojcik
आरामपंसद लोग
यहां लाइफ अच्छी है. फ्रैंकफर्ट, ड्युसेलडॉर्फ और म्यूनिख जर्मनी के तीन टॉप शहर हैं, जो दुनिया भर में सबसे ज्यादा रहने लायक हैं. कई जर्मन अपने देश के बारे में शिकायत करते हैं, लेकिन यहां की आराम वाली जिंदगी उन्हें विदेश जाने पर ही याद आती है.
तस्वीर: dpa
क्वालिटी का कमाल
अच्छी सड़क, पढ़े लिखे लोग, अच्छी कानून व्यवस्थाः जर्मनी को कंपनियां और उनके मैनेजर खूब पसंद करते हैं. दुनिया में निवेश के लिए लोकप्रिय देशों में जर्मनी चौथे स्थान पर है. यूरो संकट के बावजूद अर्थव्यवस्था स्थिर रही है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
मेड इन जर्मनी
पवन चक्की से लेकर कार तक, मेड इन जर्मनी यानि बेहतरीन सामान. जर्मनी में बने उत्पाद क्वालिटी और तकनीक की मिसाल हैं. लेकिन कई बार लोग भूल जाते हैं कि जर्मनी भी अपना बहुत सारा सामान विदेशों में बनवाता है. मेड इन जर्मनी में और कई देशों का योगदान है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
हथियारों की होड़
जर्मन अर्थव्यवस्था की स्थिरता की अहम वजह हथियार हैं. दूसरे विश्वयुद्ध के बाद जर्मन उद्योग बेहाल था. आज जर्मनी दुनिया के बड़े हथियार निर्यातकों में शामिल है. कई हथियार नाटो क्षेत्र से बाहर के देशों में भी जाते हैं और जर्मनी में विवाद का कारण बनते हैं, जैसे यहां सऊदी अरब को निर्यात होने वाले टैंक.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
जर्मन संस्कृति
विवाद से परे हैं जर्मनी के सबसे महान कवियों में गिने जाने वाले योहान वोल्फगांग फॉन गोएथे. दुनिया भर में उन्हीं के नाम पर बनाए संस्थान जर्मन भाषा सिखाते हैं. भारत में इन्हें मैक्समूलर भवन के नाम से जाना जाता है. इस तस्वीर में पूर्वी जर्मन शहर वाइमार में गोएथे का कमरा देखा जा सकता है. यहां उन्होंने अपनी कई कविताएं और महाकाव्य फाउस्ट लिखा.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
जर्मन फुटबॉल
बायर्न म्यूनिख और बोरुसिया डॉर्टमुंड जैसे जर्मन फुटबॉल क्लब दुनिया भर में मशहूर हैं. चार बार फीफा फुटबॉल विश्व कप जीत चुकी जर्मनी की राष्ट्रीय टीम के प्रशंसक विश्व भर में हैं. यह आज भी जर्मनी का सबसे लोकप्रिय खेल बना हुआ है.
तस्वीर: Imago/Revierfoto
जर्मन बीयर
एक लीटर बीयर से भरी गिलास, पारंपरिक जर्मन डिर्नडल में महिलाएं और चमड़े की पैंट पहने पुरुष. जर्मनी के बारे में सोचने वाले अकसर बवेरिया के ऑक्टोबरफेस्ट के बारे में सोचते हैं. लेकिन जर्मन खुद अपनी इस छवि को बहुत पसंद नहीं करते.