जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने अपने भारत दौरे के पहले दिन भारत और जर्मनी के संबंधों के और मजबूत होने की उम्मीद जताई. नई दिल्ली के हैदराबाद हाउस में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई विषयों पर बातचीत की.
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बतौर चांसलर, यह शॉल्त्स की पहली भारत यात्रा है. वो शनिवार 25 फरवरी की सुबह भारत पहुंचे जिसके बाद उन्हें राष्ट्रपति भवन ले जाया गया. वहां भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने उनका स्वागत किया और फिर उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
वहीं पर मीडिया को एक संक्षेप बयान देते हुए शॉल्त्स ने कहा, "भारत और जर्मनी के बीच पहले से बहुत अच्छे रिश्ते हैं. हम उम्मीद करते हैं कि हम इस रिश्ते को और मजबूत करेंगे और हम उन सभी विषयों पर चर्चा करेंगे जो हमारे देशों के विकास के लिए प्रासंगिक तो हैं ही और दुनिया में शांति के लिए भी जरूरी हैं.".
निवेश का निमंत्रण
उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी ने हैदराबाद हाउस में चांसलर शॉल्त्स का स्वागत किया और उनके साथ बातचीत की. बातचीत के बाद दोनों नेताओं ने मीडिया को संबोधित किया.
मोदी ने कहा कि दोनों देशों के "मजबूत संबंध, साझा लोकतांत्रिक मूल्यों, और एक दूसरे के हितों की गहरी समझ पर आधारित हैं और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक एवं आर्थिक आदान-प्रदान का भी लंबा इतिहास रहा है."
उन्होंने यह भी कहा, "विश्व की दो बड़ी लोकतान्त्रिक अर्थव्यवस्थाओं के बीच बढ़ता सहयोग, दोनों देशों की जनता के लिए तो लाभकारी है ही, आज के तनाव-ग्रस्त विश्व में इससे एक सकारात्मक संदेश भी जाता है."
भारत में जर्मन निवेश की संभावनाओं को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि "आज 'मेक इन इंडिया' और 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान की वजह से भारत में सभी क्षेत्रों में नए अवसर खुल रहे हैं. इन अवसरों के प्रति जर्मनी की रुचि से हम उत्साहित हैं."
मोदी ने पिछले वर्ष उनकी जर्मनी यात्रा का हवाला देते हुए कहा कि उस यात्रा के दौरान दोनों देशों ने "ग्रीन और सस्टेनेबल विकास साझेदारी की घोषणा की थी. इसके माध्यम से, हम जलवायु एक्शन और सतत विकास लक्ष्यों के क्षेत्रों में सहयोग बढ़ा रहे हैं."
रक्षा क्षेत्र में बढ़े सहयोग
उन्होंने यह भी बताया कि दोनों देश "त्रिकोणीय विकास सहयोग के तहत तीसरे देशों के विकास के लिए आपसी सहयोग बढ़ा रहे हैं" और पिछले कुछ वर्षों में "हमारे बीच पीपल-टू-पीपल संबंध भी सुदृढ़ हुए हैं."
नई जर्मन सरकार से क्या चाहते हैं भारतीय
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भारतीय प्रधानमंत्री ने दोनों देशों के बीच आतंकवाद और अलगाववाद के खिलाफ लड़ाई में "सक्रिय सहयोग" की भी बात की और कहा कि "दोनों देश इस बात पर भी सहमत हैं, कि सीमा पार के आतंकवाद को समाप्त करने के लिए ठोस कार्रवाई आवश्यक है."
रक्षा क्षेत्र में सहयोग की और गुंजाइश पर जोर देते हुए मोदी ने कहा कि यह दोनों देशों की "सामरिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण स्तम्भ बन सकता है. इस क्षेत्र में हमारी अप्रयुक्त क्षमता को पूरी तरह से हासिल करने के लिए हम साथ मिलकर प्रयास करते रहेंगे."
साथ ही उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने इस बात पर भी "सहमति दोहराई कि वैश्विक वास्तविकताओं को बेहतर तरीके से दर्शाने के लिए बहुराष्ट्रीय संस्थानों में सुधार आवश्यक है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार लाने के लिए जी4 के अंतर्गत हमारी सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट है."
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यूक्रेन पर भारत को इशारा
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मोदी ने यूक्रेन युद्ध का भी जिक्र किया और कहा कि यूक्रेन संकट ने कमोडिटीज के दामों पर असर डाला है. युद्ध को खत्म करने के लिए बातचीत और कूटनीति की अहमियत ओर जोर डालते उन्होंने कहा कि भारत किसी भी शांति योजना का समर्थन करेगा.
शॉल्त्स ने अपने संबोधन को यूक्रेन युद्ध पर केंद्रित रखा और कहा कि यह "रूस द्वारा यूक्रेन के खिलाफ शुरू किया गया एक भयावह आक्रमण" है. उन्होंने कहा कि उसकी वजह से जो भारी नुकसान हुआ है वो एक "बड़ी तबाही" है. उन्होंने यह भी कहा कि रूसी युद्ध के परिणामों की वजह से दुनिया कष्ट भोग रही है.
उन्होंने विशेष रूप से एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देशों पर पर युद्ध के असर की तरफ ध्यान दिलाया और कहा कि हमें सुनिश्चित करना होगा कि इन देशों पर युद्ध का ज्यादा असर ना पड़े.
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक शॉल्त्स ने बतौर जी20 अध्यक्ष भारत की जिम्मेदारी पर जोर देते हुए कहा, "भारत के पास इस साल जी20 की अध्यक्षता है, जो एक मुश्किल समय में एक बहुत जिम्मेदाराना काम है. लेकिन मुझे विश्वास है कि इस विषय में जो भी किए जाने की जरूरत है भारत उसका पूरी तरह से पालन करेगा."
उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में भी यूक्रेन युद्ध के मामले में उपयुक्त कदम उठाने की बात की. उन्होंने कहा, "यह महत्वपूर्ण है की संयुक्त राष्ट्र में हम बार बार स्पष्ट रूप से यह कहें कि इस विषय पर हम कहां खड़े हैं."
ये बातें करती हैं भारत और जर्मनी को एक दूसरे से जुदा
भारत में कुत्ता पालने पर कोई कर नहीं देना पड़ता लेकिन जर्मनी में कुत्ता पालने पर टैक्स देना होता है. साथ ही कुत्ते का बीमा करवाना भी जरूरी है. ऐसी और कौन सी बातें हैं जो जर्मनी में भारत से बहुत अलग हैं, आइए जानते हैं.
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घरों में कूलर पंखे नहीं
जर्मनी में आधे साल ठंड का मौसम रहता है. बाकी साल में भी अधिकतकम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच पाता है. यहां हर घर में हीटर लगा होता है. कुछ घरों में एयर कंडीशनर हैं लेकिन यहां सीलिंग फैन या कूलर देखने को नहीं मिलते.
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हर जगह सुरक्षा जांच नहीं
भारत में मेट्रो, रेलवे स्टेशन और मॉल हर जगह सुरक्षा जांच होती है. लेकिन जर्मनी में ऐसा नहीं है. किसी भी जगह जाने पर अलग से कोई सुरक्षा जांच नहीं होती है. एक बार जर्मनी में प्रवेश लेने पर एयरपोर्ट पर सुरक्षा जांच होती है. इसके अलावा विशेष परिस्थितियों में सुरक्षा जांच हो सकती है.
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भीड़भाड़ ही नहीं है
भारत में आप किसी गली में भी चले जाइए वहां भीड़ जरूर होती है. लेकिन जर्मनी में सार्वजनिक जगहों पर भी ऐसी भीड़भाड़ देखने को नहीं मिलती है. शाम ढलने के बाद गलियों में तो किसी का दिखना भी दुर्लभ होता है. पब्लिक ट्रांसपोर्ट में यहां सीट के लिए आमतौर पर मारामारी नहीं होती. जर्मनी की कुल जनसंख्या सवा आठ करोड़ है जो उत्तर प्रदेश की जनसंख्या के आधे से भी कम है.
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शाकाहारी को खाना खोजना पड़ेगा
भारत में एक बड़ी आबादी शाकाहारी है जबकि जर्मनी की बड़ी आबादी मांसाहारी है. यहां शाकाहारी लोगों को खाने के लिए जगह तलाश करनी पड़ती है. अधिकांश जगह शाकाहारी खाने के नाम पर उबली हुई सब्जियां मिलती हैं. पिछले समय में वीगन रेस्तरां लोकप्रिय हो रहे हैं. अब बड़े शहरों में भारतीय रेस्त्रां भी खुलने लगे हैं.
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बाएं नहीं दाएं चलें
भारत में सड़क पर बाईं तरफ चलने का नियम है और गाड़ियां दाईं तरफ स्टीयरिंग वाली होती हैं. जर्मनी और यूरोप में यह उल्टा है. यहां गाड़ियां बाईं तरफ स्टीयरिंग वाली और सड़क पर दाईं तरफ चलने का नियम है.
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देर शाम तक सूरज चमकना
जर्मनी में जून के महीने में देर शाम तक सूरज निकलता है. सुबह करीब 5 बजे से रात 10 बजे तक सूरज निकलता है. अप्रैल के महीने में एक सामान्य दिन रात साढ़े आठ बजे तक सूरज निकलता है. भारत में मई-जून की गर्मी में भी शाम साढ़े सात बजे तक ही सूरज निकलता है. रमजान के महीने में रोजा रखने वाले लोगों के लिए ये मुश्किल का समय होता है.
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कुत्ता पालने पर टैक्स
भारत में कुत्ता पालने पर कोई कर नहीं देना पड़ता लेकिन जर्मनी में कुत्ता पालने पर टैक्स देना होता है. साथ ही कुत्ते का बीमा करवाना भी जरूरी है.
भारत में एक सामान्य धारणा है कि यूरोप, अरब और अमेरिकी देशों में आईफोन और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस सस्ते मिलते हैं. लेकिन जर्मनी में ऐसा नहीं है. इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस यहां भारत के बराबर या मंहगे दामों पर मिलते हैं.
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बटन दबाइए सड़क पार करिए
भारत में जेब्रा क्रॉसिंग से सड़क पार करने का नियम है. इसके लिए जेब्रा क्रॉसिंग पर खड़े होकर वाहनों के रुकने का इंतजार करना होता है. जर्मनी में सड़क पर लगे ट्रैफिक सिग्नल में एक बटन लगा होता है. इस बटन को दबाने पर समय होने पर वाहनों के लिए लाल सिग्नल हो जाएगा और पैदल यात्री निकल सकेंगे. यहां पैदल और साइकिल यात्रियों को प्राथमिकता दी जाती है.
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टीवी के पैसे देने होंगे
भारत में अगर आपके घर में टीवी है और आप कोई ऐसी सर्विस इस्तेमाल करते हैं जिसके पैसे लगते हैं तो आपको उसका खर्च देना होता है. लेकिन जर्मनी में भले ही आपके घर में टीवी हो या ना हो आपको टीवी टैक्स देना होता है.
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सट्टेबाजी, लॉटरी, वैश्यावृत्ति सब वैध
भारत में सट्टेबाजी पूरी तरह अवैध है. लॉटरी और वैश्यावृत्ति के लिए अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग नियम हैं. कहीं ये वैध हैं कही अवैध. लेकिन जर्मनी में ये तीनों वैध हैं.
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शराब के ठेके नहीं
भारत में सामान्य दुकानों में शराब नहीं बिकती है. इसके लिए अलग से ठेका दिया जाता है और शराब की अलग दुकानें होती है. लेकिन जर्मनी में ग्रोसरी की सामान्य दुकानों में शराब मिलती है. यहां जगह-जगह ठेका तलाशने की जरूरत नहीं है. साथ ही जर्मनी में खुले में शराब पीने पर कोई रोक नहीं है.
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मोबाइल रखना सस्ता नहीं
भारत में 4जी आने के बाद मोबाइल का खर्चा बेहद कम हो गया है. अब लगभग 500 रुपये में कंपनियां तीन महीने के अनलिमिटेड कॉलिंग और इंटरनेट के प्लान दे रही हैं. जर्मनी में ऐसा नहीं है. जर्मनी में दो जीबी 4जी इंटरनेट और 200 मिनट कॉलिंग के लिए 10 यूरो यानी करीब 800 रुपये खर्च करने होते हैं.