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जर्मन अर्थनीति मंत्री भारत दौरे पर क्या करेंगे

१९ जुलाई २०२३

जर्मनी के अर्थनीति और पर्यावरण सुरक्षा मंत्री रॉर्बट हाबेक बुधवार को भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर पहुंच रहे हैं. व्यापार, ऊर्जा और पर्यावरण नीति उनके एजेंडे में सबसे ऊपर हैं. वह जी20 की बैठक में भी हिस्सा लेंगे.

रॉबर्ट हाबेक अपनी इस यात्रा के दौरान जी20 देशों के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे
रॉबर्ट हाबेक अपनी इस यात्रा के दौरान जी20 देशों के ऊर्जा मंत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगेतस्वीर: Jens Krick/Flashpic/picture alliance

हाबेक के साथ भारत पहुंच रहे दल में जर्मनी के निचले सदन बुंडेसटाग सदस्यों के अलावा कारोबारियों का एक प्रतिनिधिमंडल भी है. उनके मंत्रालय की तरफ से जारी आधिकारिक बयान में कहा गया है, "यह यात्रा लचीले और विविधतापूर्ण संबंधों के लिए है. अक्षय ऊर्जा साधनों के मामले में दोनों देशों के बीच सहयोग, लचीलापन और आर्थिक सुरक्षा बढ़ाने की बहुत गुंजाइश है."

विविधतापूर्ण का अर्थ यह है कि जर्मनी लगातार चीन पर व्यापारिक निर्भरता को खत्म करके नए बाजार और सहयोगी तलाश रहा है. इस मुहिम में एशिया-पैसिफिक का स्थान काफी अहम है. कुछ रोज पहले ही जर्मनी ने अपनी न्यू चाइना पॉलिसी जारी की है जिसमें चीन को साफ तौर पर प्रतिद्वंद्वी देश बताते हुए नए साथी तलाशने की जरूरत पर जोर दिया गया है. कंपनियों से भी कहा गया है कि उन्हें चीन पर निर्भर अपने व्यापार के जोखिमों के बारे में गंभीरता से कदम उठाने होंगे.

जर्मनी भारत को नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को विकसित करने के लिए वित्तीय मदद देता हैतस्वीर: Tristan Stedman/MHI Vestas

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क्या है कार्यक्रम

इस दौरे पर वह राजनीतिक विचार-विमर्श के साथ-साथ दिल्ली और मुंबई में कंपनियों के साथ भी मुलाकात करेंगे. शनिवार को हाबेक गोवा में जी20 देशों के ऊर्जा मत्रियों की बैठक में हिस्सा लेंगे. भारत उभरती औद्योगिक अर्थव्यवस्था के समूह जी20 का अध्यक्ष देश है. इस गुट में भारत के अलावा19 देश और यूरोपियन यूनियन शामिल हैं.

समूह की दो दिवसीय बैठक दिल्ली में है. भारत समेत विकासशील देशों ने वैश्विक कर व्यवस्था को उदार बनाने पर लगातार जोर दिया है. इस बैठक में भी यही मुद्दा हावी रहने का अनुमान है. पिछले साल दिसबंर में जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक की भारत यात्रा के दौरान 20 विकास परियोजनाओं के लिए भारत को पैसा देने पर सहमति बनी थी. 

जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स की फरवरी में भारतीय प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात में नवीकरणीय ऊर्जा पर सहयोग की सहमित बनी थीतस्वीर: Manish Swarup/AP Photo/picture alliance

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भारत के साथ सहयोग

जर्मनी भारत के अक्षय ऊर्जा से जुड़े सपनों को साकार करने में मदद करने वाला सहयोगी देश है. साथ ही दोनों देशों के बीच पर्यावरण सुरक्षा से जुड़े मसलों पर भी साझेदारी है. जर्मनी ऐसी परियोजनाओं के लिए भारत को 10 अरब यूरो की सहायता देकर 2030 तक अक्षय ऊर्जा भंडार को विकसित करने का लक्ष्य रखकर चल रहा है.

इस पर एक समझौता भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के बीच मुलाकात के दौरान हुआ था. भारत दुनिया का चौथा सबसे बड़ा कार्बन उत्सर्जक है और जोर इस बात पर है कि दीर्घकालिक शहरी विकास, पर्यावरण की सुरक्षा और यातायात के साधनों में जीवाश्म ईंधन का इस्तेमाल कम कैसे किया जाए.

एसबी/एनआर(डीपीए)

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