रूस को उपकरण पहुंचाने वाला जर्मन निर्माता गिरफ्तार
२४ अगस्त २०२३
जर्मनी के एक पूर्व उपकरण निर्माता को रूस को प्रतिबंधित सामान उपलब्ध करवाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. 2022 में यूक्रेन हमले के बाद जर्मनी ने रूसी हथियार इंडस्ट्री को कुछ टूल्स बेचने पर बैन लगा दिया.
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जर्मनी के एक पूर्व उपकरण निर्माता को रूसी हथियार इंडस्ट्री को बैन सामान उपलब्ध करवाने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उनपर दोहरे इस्तेमाल वाली प्रतिबंधित चीजों को पहुंचाने का संदेह है. इस बात की जानकारी जर्मनी के प्रॉसिक्यूटर जनरल ने 24 अगस्त को दी.
अभियोजन पक्ष के अधिकारी ने एक बयान में कहा, उली एस नाम के व्यक्ति पर एक रूसी हथियार निर्माता को छह मशीन टूल्स डिलीवरी के तीन कॉन्ट्रैक्ट साइन करने का आरोप है. इन टूल्स का इस्तेमाल रूसी कंपनी ने स्नाइपर राइफल्स बनाने में किया. हालांकि ये करार 2015 में किए गए थे.
करीब 16.48 करोड़ का था ऑर्डर
आरोपों के मुताबिक उली एस ने यूक्रेन पर रूस के 2022 के हमले के मद्देनजर लगाए गए प्रतिबंधों को दरकिनार किया. ये प्रतिबंध रूस को दोहरे उपयोग वाले सामानों के निर्यात पर रोक लगाते हैं. मशीन टूल्स स्विट्जरलैंड के जरिये और एक मामले में लिथुआनिया के माध्यम से थर्ड पार्टी कंपनियों की मदद से डिलीवर किए गए थे. मशीनों की बिक्री का ऑर्डर करीब 16.48 करोड़ का था.
जनरल के बयान के मुताबिक, कंपनी ने 2016 में रूसी हथियार निर्माता के कर्मचारियों को उपकरणों के इस्तेमाल की ट्रेनिंग भी दी. आरोपी को यूरोपीय गिरफ्तारी वारंट के आधार पर 10 अगस्त को फ्रांस से हिरासत में लिया गया था. फिर 22 अगस्त को फ्रैंकफर्ट एयरपोर्ट पर जर्मन हिरासत में ट्रांसफर कर दिया.
क्या होते हैं डुअल यूज गुड्स
ये वो सामान, सॉफ्टवेयर और टेक्नोलॉजी हैं, जिनका इस्तेमाल नागरिक और सैन्य दोनों क्षेत्रों में किया जा सकता है. इसमें ड्रोन से लेकर केमिकल तक कुछ भी हो सकते हैं.
यूरोपीय संघ दोहरे उपयोग वाली वस्तुओं के निर्यात, ट्रांजिट, दलाली और तकनीकी मदद को कंट्रोल करता है. ऐसा करके वह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बढ़ावा देता है और सामूहिक विनाश के हथियारों (डब्ल्यूएमडी) के प्रसार को रोकने में सहायता करता है. यूक्रेन हमले के बाद पश्चिमी देशों ने रूस को इस श्रेणी में आने वाली चीजों का एक्सपोर्ट करना बंद कर दिया था. यह कई प्रतिबंधों में से एक है.
पीवाई/ओएसजे (रॉयटर्स)
मिलिए रूसी सेना के तीसरे सबसे ताकतवर व्यक्ति जनरल गेरासिमोव से
माना जाता है कि रूस में परमाणु हमला करने का आदेश देने के लिए जरूरी तीन सूटकेसों में से एक जनरल वालेरी गेरासिमोव के पास है. जानिये क्यों हैं जनरल गेरासिमोव रूसी सेना के तीसरे सबसे ताकतवर व्यक्ति.
तस्वीर: Mikhail Kuravlev/AP/picture alliance
एक शक्तिशाली जनरल
जनरल वालेरी गेरासिमोव को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रक्षा मंत्री सेर्गेई शोइगु के बाद रूसी सेना में तीसरा सबसे शक्तिशाली व्यक्ति माना जाता है. उन्हें नवंबर, 2012 में शोइगु को रक्षा मंत्री बनाए जाने के तीन दिन बाद रूसी सेना का चीफ ऑफ जनरल स्टाफ और डिप्टी रक्षा मंत्री बना दिया गया था.
तस्वीर: SPUTNIK via REUTERS
परमाणु हथियारों का नियंत्रण
माना जाता है कि 67 साल के गेरासिमोव के पास उन तीन सूटकेसों में से एक है जिनके जरिये परमाणु हथियारों के इस्तेमाल का आदेश भेजा जा सकता है.
तस्वीर: Cover-Images/IMAGO
कई अभियानों में सक्रिय
गेरासिमोव ने 2014 में रूस द्वारा यूक्रेन से क्रीमिया ले लेने के अभियान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने सीरिया के गृहयुद्ध में राष्ट्रपति बशर अल-असद को रूस के समर्थन में भी अहम भूमिका निभाई थी. यह ऐसी घटना थी जिससे युद्ध की दिशा ही बदल गई थी.
तस्वीर: Vitaly Ankov/SNA/IMAGO
अमेरिका के निशाने पर
2022 में रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के अगले दिन ही अमेरिका ने गेरासिमोव पर प्रतिबंध लगा दिया था. अमेरिका का कहना था कि वो हमले के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार लोगों में शामिल हैं. जनवरी 2023 में पुतिन ने यूक्रेन अभियान का नेतृत्व उनके हाथ में सौंप दिया था.
तस्वीर: Sputnik/Aleksey Nikolskyi/Kremlin via REUTERS
रूसी सेना की असफलता का ठीकरा
रूस में कई राष्ट्रवादी ब्लॉगरों ने यूक्रेनी सेना को हराने में रूसी सेना की असफलता के लिए गेरासिमोव को जिम्मेदार ठहराया है. पश्चिमी आलोचक हों या रूसी, सबका कहना है कि रूसी सेना गैर-तजुर्बेकार, हथियारों से अपर्याप्त रूप से लैस, प्रतिक्रिया में धीमी और अव्यवस्थित कमान संरचना जैसी समस्याओं से ग्रसित रही है.
तस्वीर: NATO
अफवाहों के केंद्र में
कई महीनों तक ऐसी अफवाहें गर्म रहीं कि गेरासिमोव को दरकिनार कर दिया गया है. किराए के सैनिकों वाले वागनर समूह के नेता येवगेनी प्रिगोजिन ने गेरासिमोव और शोइगु की कड़ी निंदा की थी और उन्हें बर्खास्त करने की मांग ले कर जून में एक असफल बगावत भी की थी.
तस्वीर: Press service of "Concord"/REUTERS
नहीं हुई कार्रवाई
प्रिगोजिन की बगावत के समय गेरासिमोव कहीं दिखाई नहीं दिए, लेकिन बगावत खत्म होने के कुछ दिनों बाद 10 जुलाई को रूस का रक्षा मंत्रालय गेरासिमोव को पहली बार सार्वजनिक रूप से सबके सामने लाया. इसे इस बात का संकेत माना गया कि उन्हें बर्खास्त नहीं किया गया है - सीके/एए (रॉयटर्स)