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अपराध

एक नर्स ने क्यों ली 85 मरीजों की जान

६ जून २०१९

पूर्व नर्स नील्स होएगेल को अपनी ड्यूटी के दौरान 85 लोगों की हत्या करने के दोष में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है. वह 2005 तक जर्मन अस्पताल में काम करता था. शांतिकाल में वह जर्मनी का सबसे खतरनाक सीरियल किलर बन गया है.

Deutschland Prozess gegen Patientenmörder Högel
तस्वीर: picture-alliance/dpa/H.-C. Dittrich

सीरियल किलर और पूर्व नर्स नील्स होएगेल को 85 लोगों की हत्या के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. न्यायाधीश  सेबेस्टियन बेहरमैन ने दोषी से कहा, "तुम्हारा जुर्म अकल्पनीय है. सामान्य इंसान का दिमाग इस तरह का जुर्म सोच भी नहीं सकता." आगे उन्होंने कहा कि ऐसा महसूस हो रहा है जैसे वो मौतों का अकाउंटेंट हों. ऐसी चीजों को बुरे से बुरे सपने में भी नहीं सोचा जा सकता है.

होएगेल पर जून 1999 से 2005 के बीच 100 मरीजों की मौत का आरोप लगा. मारे गए लोग अलग-अलग उम्र और पृष्टभूमि के थे. इनमें से कुछ ज्यादा बीमार थे तो कुछ ठीक हो रहे थे. होएगेल जर्मन राज्य लोअर सैक्सॉनी के मेडिकल सेंटरों में काम करता था. वहीं इन सब लोगों की हत्या हुई.

ऑल्डनबर्ग की अदालत ने दोषी को सबसे कठोर आजीवन कारावास की सजा दी है. इसका मतलब है कि दोषी आजीवन जेल में रहेगा. साधारण आजीवन कारावास में दोषी व्यक्ति 15 साल की कैद के बाद पैरोल की अपील कर सकता है. लेकिन होएगेल के जुर्म को जघन्य अपराध माना गया है. इसलिए उसे पूरी जिंदगी में कभी पैरोल नहीं मिल सकेगी.

पीड़ितों  से  मांगी  माफी

अदालत में जिरह खत्म होने के दौरान 42 वर्षीय होएगेल ने पीड़ित लोगों के रिश्तेदारों और दोस्तों को संबोधित किया. उसने इन सभी लोगों से माफी मांगी.

ओल्डेनबुर्ग के एक क्लीनिक और डेलमेनहोर्स्ट के एक अस्पताल में काम करते हुए होएगेल मरीजों को जानबूझकर एक खास दवाई दे देता था. इससे उनकी हृदयगति रुकने लगती थी. फिर वो उन्हें पुनर्जीवित करने की कोशिश करता, जिससे उसे शाबाशी मिल सके. लेकिन कई बार उसका यह स्टंट गलत हो जाता और मरीज की मौत हो जाती.

अदालत में मौजूद हत्यारा होएगेल.तस्वीर: picture-alliance/dpa/H.-C. Dittrich

होएगेल के एक पूर्व सहकर्मी ने बताया कि मरीजों को पुनर्जीवित करते समय होएगेल सभी को एक तरफ हटा देता था. वो खुद को एक हीरो की तरह दिखाता था. होएगेल के ऐसा करते समय जूनियर डॉक्टर भी कुछ नहीं करते थे. वो खुद को रैंबो की तरह दिखाता था.

पीड़ित पक्ष ने होएगेल पर 97 हत्याओं का आरोप लगाया. तीन केसों में पर्याप्त सबूत नहीं मिले. होएगेल के बचाव पक्ष ने उसके ऊपर 55 हत्याओं, 14 हत्याओं की कोशिश का दोष माना. 31 केसों को उन्होंने गलत बताया.

ट्रायल  के  बाद  ट्रायल

होएगेल की इन हरकतों के बारे में जून 2005 में पता चला जब डेलमेनहोर्स्ट के अस्पताल में एक सहकर्मी नर्स ने उसे किसी मरीज की सिरिंज को बदलते देख लिया. शुरुआत में होएगेल पर एक हत्या का मामला दर्ज हुआ. फिर उस पर तीन हत्याओं का आरोप लगा. और जब आगे सबूत सामने आने लगे तो तय हो गया कि उसने बहुत सी हत्याएं की हैं.

अदालत में उसने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया. हालांकि उसके पास कोई रास्ता भी नहीं बचा था क्योंकि जांच एजेंसियों के पास उसके खिलाफ पर्याप्त सबूत थे. 2015 में उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.

आगे हुई जांच से लगा कि होएगेल अब भी पूरा सच नहीं बोल रहा था. कई सारे संभावित पीड़ितों के बारे में जानकारी इसलिए नहीं मिल सकी क्योंकि उन्हें दफनाया जा चुका था.

पूछे जाने पर होएगेल ने कहा कि उसे याद नहीं है कि और मरीजों के साथ क्या हुआ. जब उससे और मरीजों की हत्या के बारे में पूछा गया तो उसने कहा कि उसे बिल्कुल याद नहीं है.

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक होएगेल ने अपने किए पर कोई पछतावा नहीं जताया. वो ऐसे बात कर रहा था जैसे यह कोई छोटी-मोटी बात हो. उसने पांच और लोगों की हत्या में शामिल होने से इंकार किया.

'बेहद  क्रूर  व्यक्ति'

होएगेल का बचपन बहुत खुशहाल रहा था. उसके बाद भी उसका जीवन व्यवस्थित था. उसके जीवन की घटनाओं से ये अंदाजा लगाना मुश्किल है कि उसने दर्जनों हत्याएं क्यों की है.

25 साल से मरीजों की हत्या करने वाले चिकित्सा कर्मियों के मनोविज्ञान पर रिसर्च कर रहे कार्ल बेन का कहना है कि शायद वो ज्यादा बीमार और मृतप्राय मरीजों के दुख को नहीं देख पा रहा हो. इसलिए उसने मामले को अपने हाथ में लेकर खत्म कर दिया हो.

अदालत ने हत्यारे को आजीवन जेल में रखने की सजा दी है.तस्वीर: picture-alliance/dpa/H.-C. Dittrich

कार्ल बेन के मुताबिक, "होएगेल जानबूझकर ऐसी परिस्थितियां बना रहा था जिसमें वो मरीज को पुनर्जीवित कर हीरो बन सके. इसका मतलब वो बेहद आत्मवादी इंसान है जो अपने कमजोर ईगो को संतुष्ट करने के लिए बस तारीफ सुनना चाहता है."

मौत  के  प्रति  असंवेदनशीलता

बेन होएगेल को एक ऐसा इंसान बनाते हैं जो मौत के प्रति असंवेदनशील हो चुका था और उसके दिल में बिल्कुल दया नहीं थी. उसे कभी भी मारे गए मरीजों के परिवार का दुख महसूस नहीं हुआ. कोई उसके उद्देश्य को नहीं समझ सकता.

होएगेल का मामला सामने आने के बाद अस्पताल के दूसरे कर्मचारियों को भी अदालत में जाना पड़ा. जांचकर्ता ये भी पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि इसमें दूसरे कर्मचारियों का भी तो हाथ नहीं है. क्या अस्पताल में सुरक्षा के दूसरे उपाय नहीं थे जिनके चलते इस तरह लोगों की हत्याएं हुईं.

शुरुआती शक के बाद होएगेल को सघन चिकित्सा इकाई से बाहर कर दिया था. फिर भी उसे अच्छे काम का सर्टिफिकेट दिया गया जिससे उसे दूसरे अस्पताल में नौकरी मिल गई और वहां उसने 60 से ज्यादा मरीजों की हत्या की.

गैबी लैब्बेन पीड़ित पक्ष के कई वकीलों में से एक वकील हैं. उन्होंने कोर्ट में होएगेल को मारे गए मरीजों की तस्वीरें दिखाईं और उनके जीवन के बारे में बताया. आखिर में उन्होंने कहा, "मैं आशा करती हूं कि ये तस्वीरें हमेशा होएगेल के जेहन में तैरती रहेंगी. और जिंदगी भर जेल की सलाखों के पीछे रहते हुए वो उन चेहरों को नहीं भूलेगा."

Ralf Bosen

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