जर्मनी में एक व्यक्ति द्वारा कोविड-19 की 87 खुराक लेने की रिपोर्ट है. इस व्यक्ति ने एक दिन में तीन-तीन टीके लगवाए. अधिकारी इसे बड़ी साजिश का हिस्सा मानते हैं.
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जर्मन अधिकारियों का कहना है कि पूर्वी जर्मनी में एक व्यक्ति ने कोरोना के 87 टीके लगवाए. वह अलग-अलग टीकाकरण केंद्रों पर गया और दिन में तीन-तीन बार तक टीके लगवाए. अधिकारियों का कहना है कि वैक्सीन विरोधी लोगों को वैक्सीनेशन पास बेचने के बड़े गोरखधंधे के तहत यह व्यक्ति टीके लगवा रहा था.
‘फ्री प्रेस' अखबार ने खबर छापी है कि 61 साल के इस व्यक्ति को काम से निलंबित कर दिया गया है. संदेह है कि वह हफ्तों तक अलग-अलग केंद्रों पर जा-जाकर टीके लगवाता रहा ताकि वैक्सीनेशन पासपोर्ट बेच सके.
जर्मनी में कोविड-19 के खिलाफ संघर्ष जारी है और बीते दिनों में मामलों में थोड़ी सी वृद्धि ने चिंता भी बढ़ाई है. अधिकारी टीकाकरण की दर बढ़ाने के लिए भी संघर्षरत हैं क्योंकि अब भी लोग वैक्सीन लगवाने से झिझक रहे हैं.
इतनी बार क्यों ली वैक्सीन?
फ्री प्रेस अखबार को मिली जानकारी के मुताबिक यह व्यक्ति पूर्वी जर्मनी के दो राज्यों सैक्सनी और सैक्सनी-अनहाल्ट में दर्जनों केंद्रों पर गया था. माना जाता है कि उसने सिर्फ सैक्सनी राज्य में 87 टीके लगवाए हैं. यह स्पष्ट नहीं है कि अन्य राज्यों में उसने कितने टीके लिए. यानी टीकों की संख्या 87 से ज्यादा भी हो सकती है.
वैक्सीन लगवाओ, लेडी के साथ आधा घंटा फ्री पाओ
ऑस्ट्रिया की राजधानी वियना में वेश्यालयों ने ग्राहकों के लिए एक स्कीम शुरू की है. वैक्सीन लगवाने पर अपनी पसंद की महिला के साथ आधा घंटा बिताने का मौका.
तस्वीर: Leonhard Foeger/REUTERS
वैक्सीन के लिए ऑफर
वियना में एक वेश्यालय ने लोगों को कोविड वैक्सीन लगवाने के लिए जागरूक करने का बीड़ा उठाया है. इसके लिए एक विशेष योजना चलाई गई है.
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जागरूकता और मार्किटिंग
फन पलास्ट नामक इस वेश्यालय को उम्मीद है कि उनकी इस पेशकश से शहर में वैक्सीनेशन को लेकर जागरूकता भी बढ़ेगी और उनके ग्राहक भी.
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फ्री वाउचर
वेश्यालय में ही टीका लगवाने की सुविधा है और बदले में अपनी पसंद की महिला के साथ सॉना क्लब में आधे घंटे की फ्री विजिट का वाउचर दिया जा रहा है.
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आधे रहे गए ग्राहक
फन पलास्ट का कहना है कि कोविड महामारी के दौरान उनके ग्राहक आधे रह गए हैं. उन्हें उम्मीद है कि मुफ्त वैक्सीन से लोग उनकी ओर आकर्षित होंगे.
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खस्ता है हालत
ऑस्ट्रिया में टीकाकरण की दर यूरोप के देशों के मुकाबले काफी खराब है. देश के 64 फीसदी लोगों ने ही पूरी खुराक ली है. पिछले दिनों देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़े हैं और एक साल में सबसे ऊपर पहुंच गए हैं.
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कड़ी पाबंदियां लागू
जिन लोगों ने कोविड का टीका नहीं लगवाया है उन पर कैफे, रेस्तरां, सैलून आदि में जाने की रोक है. होटल और सिनेमा आदि भी ऐसे लोगों के लिए बंद हैं.
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इस व्यक्ति की कथित हरकत पकड़ में तब आई जब ड्रेसडेन में एक टीकाकरण केंद्र में कर्मचारी को संदेह हुआ. जर्मन रेड क्रॉस के एक प्रवक्ता काई क्रानिच ने बताया कि उस कर्मचारी को लगा कि उसने व्यक्ति को पहले देखा था.
लाइपजिष के करीब आइलेनबुर्ग में स्थित उस केंद्र का वह कर्मचारी चौकस हो गया और अगली बार जब आरोपी केंद्र में पहुंचा तो स्टाफ ने पुलिस को सूचित कर दिया. जर्मन रेड क्रॉस ने इस व्यक्ति पर वैक्सीनेशन पासपोर्ट बेचने के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाया है. सैक्सनी राज्य में अपराधिक जांच शुरू हो गई है जबकि अन्य राज्यों में भी अधिकारी पड़ताल कर रहे हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक हर बार टीका लेने के लिए यह व्यक्ति जब भी केंद्र पर जाता था तो अपने साथ नया कोरा दस्तावेज लेकर जाता था. टीका लगवाने के बाद वह वैक्सीन के बैच नंबर और सूचना वाले पेज को फाड़ लेता और उसे ऐसे लोगों को बेच देता जो वैक्सीन नहीं लगवाना चाहते.
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सिस्टम पर सवाल
व्यक्ति ने चौकसी यह बरती कि हर बार अपॉइंटमेंट तो अपने नाम और जन्म तिथि से ही बुक की लेकिन स्वास्थ्य बीमा कार्ड का प्रयोग नहीं किया जिसका पता चल सकता था. इस घटना ने जर्मन हेल्थ केयर सिस्टम में खामियां भी उजागर की हैं. अब विशेषज्ञ स्वास्थ्य संबंधी सूचनाओं का एक केंद्रीय डिजिटल रिकॉर्ड ना रकने पर चिंता जता रहे हैं. सैक्सनी स्टेट मेडिकल एसोसिएशन के प्रवक्ता क्नूट कोहलर ने कहा, "अगर कोई नेशनल वैक्सीन रजिस्टर या कोरोना वायरस वैक्सीन रजिस्टर होता तो मामले का फौरन पता चल जाता.”
भारत के बिहार में भी ऐसा ही मामला सामने आया था जब मधेपुरा जिले के एक रिटायर्ड पोस्टमास्टर ने दावा किया कि कोरोना का टीका लेने के बाद उनकी पीठ, कमर व घुटने का दर्द ठीक हो गया और वह सीधा होकर चलने लगे. इसलिए इस व्यक्ति ने 12 बार टीका लगवा लिया.
इन सेलिब्रिटियों पर लगा वैक्सीन विरोधी होने का आरोप
टेनिस स्टार नोवाक जोकोविच वैक्सीन के लिए समय-समय पर विरोध जताते रहे हैं. जानिए और कौन से सेलिब्रिटी हैं, जो वैक्सीन को लेकर शंका रखते हैं.
तस्वीर: Darko Vojinovic/AP Photo/picture alliance
नोवाक जोकोविच
10 जनवरी को ऑस्ट्रेलिया में एक जज ने विश्व नंबर एक टेनिस खिलाड़ी नोवाक जोकोविच को इमिग्रेशन डिटेंशन से रिहा करने का फैसला सुनाया. इसके बाद भी जोकोविच ऑस्ट्रेलियन ओपन टूर्नामेंट खेल सकेंगे, इसकी कोई गारंटी नहीं है. इस विवाद का मूल है, जोकोविच का कोविड वैक्सीन के लिए विरोध. कोरोना महामारी के शुरुआती दिनों से ही जोकोविच वैक्सीन के प्रति अपना अविश्वास जताते रहे हैं.
तस्वीर: David Gray/AFP
रॉबर्ट डी नीरो
2017 में अभिनेता रॉबर्ट डी नीरो ने 'वर्ल्ड मरकरी प्रोजेक्ट' नाम के एक वैक्सीन विरोधी पैनल में हिस्सा लिया था. इस कार्यक्रम में वैक्सीन के चलते बच्चों में ऑटिज्म होने और बच्चों के टीकों के भीतर बड़ी मात्रा में पारा होने के निराधार दावे भी किए गए थे. 2016 में भी रॉबर्ट ने वैक्सीन विरोधी फिल्म 'वैक्स्ड' को प्रमोट किया था. आलोचना होने पर कहा कि वह वैक्सीन-विरोधी नहीं हैं, बस सुरक्षित टीके चाहते हैं.
तस्वीर: picture-alliance/United Archives
जेसिका बील
जून 2019 में अभिनेत्री जेसिका बील ने कैलिफॉर्निया स्टेट बिल 276 के खिलाफ लॉबिंग की थी. इस बिल में मेडिकल आधार पर बच्चों को टीकाकरण से छूट देनी है कि नहीं, यह तय करने का अधिकार प्रांतीय स्वास्थ्य विभाग को दिया गया था. आलोचना होने पर जेसिका ने कहा कि वह वैक्सीन विरोधी नहीं हैं. बस इतना चाहती हैं कि बच्चे को टीका लगवाने का फैसला लेने का अधिकार माता-पिता के पास भी हो.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/B. Pedersen
चार्ली शीन
आरोप है कि 2008 में एक्टर चार्ली शीन का अपनी पूर्व पत्नी डेनिस रिचर्ड्स के साथ टीके को लेकर ही बड़ा विवाद हुआ था. इसकी वजह थी कि शीन अपनी दोनों बेटियों- सैम और लोला को वैक्सीन लगवाए जाने का विरोध कर रहे थे. मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इस मसले पर दोनों अदालत भी गए. वहां फैसला रिचर्ड्स के पक्ष में रहा.
तस्वीर: Getty Images/M. Simmons
माइम ब्यालिक
'बिग बैंग थिअरी' में अपनी भूमिका के लिए मशहूर माइम ब्यालिक ने 2009 में पीपल मैगजीन को एक इंटरव्यू दिया था. इसमें उन्होंने कहा था कि उनका परिवार टीका नहीं लगवाता. ब्यालिक ने यह भी कहा कि वह लोगों के निजी फैसलों पर कोई टिप्पणी नहीं करेंगी. आलोचना होने पर उन्होंने ट्वीट करके कहा कि वह वैक्सीन विरोधी नहीं हैं. हालांकि उनका यह भी कहना था कि हर किसी को अच्छी तरह शोध करने के बाद ही वैक्सीन लगवानी चाहिए.
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मामला मधेपुरा जिले के पुरैनी थाना क्षेत्र अंतर्गत औराय गांव का था. यहां रहने वाले 84 वर्षीय रिटायर्ड पोस्टमास्टर ब्रह्मदेव मंडल ने 13 फरवरी 2021 से 4 जनवरी 2022 के बीच 12 बार कोरोना की वैक्सीन ली. 12वीं बार टीका लेने के बाद किसी ने उन्हें पहचान लिया. इसके बाद मामले का पर्दाफाश हुआ.
जर्मनी में टीका लगवाने योग्य 75 प्रतिशत आबादी वैक्सीन की पूरी खुराक ले चुकी है. 58 प्रतिशत लोगों ने एक बूस्टर शॉट भी लगवा लिया है. पूर्वी जर्मनी के राज्य इस मामले में बाकी हिस्सों से पीछे हैं. मसलन, सैक्सनी में टीकाकरण की दर 64.5 प्रतिशत है.
जर्मनी में वैक्सीनेशन की दर बाकी पश्चिमी यूरोपीय देशों से पीछे है. स्पेन में 85 प्रतिशत लोग पूरी खुराक ले चुके हैं जबकि पुर्तगाल में यह दर 91 प्रतिशत है.