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अपराधजर्मनी

जर्मन शहरों में हथियार मुक्त जोन बनाने की मांग

हेलेन व्हीटल
१२ अप्रैल २०२३

चाकू हमलों को रोकने के लिए जर्मनी में हथियार मुक्त जोन बनाने की मांग हो रही है. लेकिन विशेषज्ञ कहते हैं कि इससे कोई खास फर्क नहीं पड़ेगा.

चाकू से हमला
तस्वीर: imagrbroker/imago

जर्मनी की आंतरिक मामलों की मंत्री नैंसी फाइजर का कहना है कि वह चाकू हमलों को रोकने के लिए कड़े कदम उठाना चाहती हैं. फुंके मीडिया ग्रुप से बात करते हुए फाइजर ने कहा, "हमें पब्लिक ट्रांसपोर्ट में, बसों और ट्रेनों में चाकूओं पर बैन लगाने के बारे में सोचना चाहिए. वैसे भी, विमान से यात्रा करने पर तो किसी को अपने पास चाकू रखने की अनुमति नहीं दी जाती है."

मंत्री की इस पहल से कुछ दिन पहले जर्मनी की संघीय अपराध पुलिस (बीकेए) के प्रेसीडेंट होल्गर म्युंच ने भी सिटी सेंटरों और रेलवे स्टेशनों के आस पास के इलाके को हथियार मुक्त क्षेत्र बनाने की मांग की.

जर्मनी की आंतरिक मामलों की मंत्री नैंसी फाइजर तस्वीर: picture alliance/dpa

कई शहर कुछ खास इलाकों को नो वैपन जोन घोषित कर रहे हैं. ऐसे जोन में पुलिस सक्रिय होकर चेकिंग कर सकती है. पुलिस प्रेसीडेंट के मुताबिक हमलों के 5.6 फीसदी मामलों और लूटपाट के 11 प्रतिशत मामलों में चाकुओं का इस्तेमाल किया जाता है. म्युंच ने हथियार रखने के लिए नया कड़ा कानून बनाने का भी समर्थन किया.

जर्मन शहर फ्रैंकफर्ट में स्टेशन के पास चाकू हमला

जर्मनी में चाकू से किए जाने वाले अपराध को रोकने पर बहस तेज हो रही है. जनवरी में तटीय शहर कील से हैम्बर्ग जा रही ट्रेन में नाइफ अटैक हुआ, जिसमें दो लोग मारे गए और सात घायल हुए. दिसंबर 2022 में भी दक्षिणी जर्मनी केएक गांव में स्कूल जा रही बच्चियों पर चाकू से हमला किया गया. हमले में 14 साल की बच्ची की मौत हो गई और दूसरी बच्ची गंभीर रूप से जख्मी हुई.

जनवरी में जर्मन अखबार बिल्ड आम जोनटाग ने जर्मनी पुलिस से कुछ आंकड़ों की दरख्वास्त की. इस दरख्वास्त पर पुलिस ने कहा कि 2022 में ट्रेनों और रेलवे स्टेशनों में 3,98,848 मामले दर्ज किए गए. 2021 के मुकाबले यह 11 फीसदी ज्यादा थे. इनमें 14,155 मामले शारीरिक हमले के थे. 336 वारदातों में चाकू इस्तेमाल किया गया.

दक्षिणी जर्मनी में नाइफ अटैक में मारी गई बच्ची को श्रद्धाजंलि देते प्रांतीय मंत्रीतस्वीर: Bernd Weißbrod/dpa/picture alliance

क्या है नाइफ अटैक

पुलिस के ताजा अपराध आंकड़ों के मुताबिक 2022 में चाकू से हमले के 8,160 मामले सामने आए. संघीय अपराध पुलिस के मुताबिक कोविड महामारी की पाबंदियों के कारण 2021 में ऐसे आंकड़े नहीं जुटाए जा सके.

पुलिस ट्रेड यूनियन के चैयरमैन, योखन कोपेल्के के मुताबिक ये आंकड़े दिखा रहे हैं कि चाकू से अपराध के मामले देश भर में बढ़ रहे हैं. वह इन अपराधों को एक राष्ट्रीय समस्या के रूप में देखते हैं, "हमारे साथियों को हमेशा इस बात के लिए तैयार रहना चाहिए कि उन पर सीधे चाकू से हमला हो सकता है." वह सार्वजनिक जगहों पर साफ दिखने वाली पुलिस की मौजूदगी बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.

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चाकू का इस्तेमाल कर किसी व्यक्ति को डराना या शारीरिक रूप से आघात पहुंचना, बीकेए के मुताबिक इसे नाइफ अटैक की श्रेणी में रखा जाता है. हालांकि कुछ जर्मन राज्य, ऐसे मामलों को भी नाइफ अटैक के रूप में दर्ज करते हैं, जहां साजिशकर्ता के पास चाकू मिले.

कील से हैम्बर्ग जा रही ट्रेन में हुए नाइफ अटैक के बाद मौके पर पुलिसतस्वीर: FABIAN BIMMER/REUTERS

काम नहीं आएगा, एक जैसा समाधान

जर्मनी के सत्ताधारी गठबंधन में शामिल ग्रीन पार्टी के सांसद मार्सेल एमेरिष, संसदीय आंतरिक नीति समिति के चैयरमैन भी हैं. वह कहते हैं कि इन अपराधों के प्रति लोगों में बढ़ती जागरुकता के बावजूद, इस बात के विश्वसनीय आंकड़े नहीं हैं जो दिखाएं कि चाकू हमले वाकई में बढ़े हैं.

डीडब्ल्यू से बात करते हुए एमेरिष ने कहा, "इस पृष्ठभूमि में, हथियार मुक्त क्षेत्र बनाने की प्रक्रिया को हल्केपन के साथ नहीं किया जाना चाहिए, इसका मतलब होगा कि बिना कारण किसी को भी रोककर तलाशी ली जा सकती है." वह ऐसी तलाशी को मूलभूत अधिकारों पर चोट मानते हैं.

एलेना रोएष, सेंटर फॉर क्रिमिनॉलजी में अपराध विज्ञानी हैं. वह चाकू से होने वाले अपराधों पर रिसर्च कर रही हैं. एलेना कहती हैं कि इस बात का कोई ठोस सबूत नहीं है कि हथियार मुक्त क्षेत्र सही समाधान है, "जरूरी नहीं है कि चाकू से अपराध करने वाले, ऐसे लोग हों जो तार्किक निर्णय न ले सकें." रोएष के मुताबिक हथियार मुक्त क्षेत्र तो चाकू से होने वाले अपराधों का बहुत छोटा सा हिस्सा रोक सकेंगे.

कुछ जर्मन शहरों में हथियार मुक्त जोनतस्वीर: Sebastian Willnow/dpa/picture alliance

अपराध विज्ञानी के मुताबिक, चाकू से होने वाली हिंसा के ज्यादातर मामले घर के भीतर होते हैं. घरेलू और सार्वजनिक जगहों पर होने वाले ऐसे हमलों में अल्कोहल, ड्रग्स और गंभीर मनोवैज्ञानिक परेशानियां भी भूमिका निभाती हैं.

कई जर्मन शहरों ने वैपन फ्री जोन बना दिए हैं. नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया राज्य के कोलोन और ड्यूसेलडॉर्फ शहर में अगर ऐसे जोन में किसी के पास स्टेन गन, आंसू गैस, पेपर स्प्रे या चार सेंटीमीटर से ज्यादा लंबी ब्लेड वाला चाकू मिला तो उसे 10 हजार यूरो तक जुर्माना देना पड़ सकता है. बीते 12 महीनों में करीब 350 हथियार जब्त किए गए हैं. इनमें बटरफ्लाई नाइफ, ड्रैगर, स्विचब्लेड, पेपर स्प्रे और आंसू गैस के कारट्रिजेज शामिल हैं.

सार्वजनिक जगहों पर चाकू ले जाने में पाबंदी कोई नई नहीं है. अमेरिका और ब्रिटेन में कई जगहों पर 7.62 सेंटीमीटर से ज्यादा लंबी ब्लेड वाले चाकुओं पर बैन हैं.

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