जर्मनी में कई ठिकानों पर छापे, दो संदिग्ध हिरासत में
९ फ़रवरी २०१७
जर्मनी में पुलिस ने इस्लामी कट्टरपंथियों के खिलाफ अपने एक अभियान के तहत दस से ज्यादा जगहों पर छापे मारे हैं और दो लोगों को हिरासत में लिया है. हमले की एक योजना से जुड़े सुराग मिलने के बाद यह कार्रवाई की गई है.
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पुलिस और विशेष कमांडो यूनिट ने गुरुवार तड़के गोएटिंगन शहर में संदिग्ध ठिकानों पर छापे मारे. पुलिस को एक आतंकवादी हमले की योजना के बारे में जानकारी मिली थी. इस अभियान में 450 पुलिस अधिकारी शामिल थे.
शहर के पुलिस प्रमुख ऊवे लुरिंग के हवाले से कहा गया है कि "आतंकवादी हमले की योजना से जुड़े संकेत हाल के दिनों में पुख्ता हुए" जिसके बाद अधिकारियों ने मुख्य संदिग्धों और उनके साथियों के लिए खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया.
जिन दो लोगों को सुरक्षा के नजरिए से खतरा समझा जा रहा है, उन्हें हिरासत में लिया गया है. इनमें 27 साल का एक अल्जीरियाई और 23 साल का एक नाइजीरियाई नागरिक शामिल है. गोएटिंगटन शहर के पुलिस प्रमुख का कहना है कि ये लोग संदिग्ध चरमपंथी गतिविधियों में काफी समय से सक्रिय थे.
देखिए जर्मनी में सलाफियों का साया
जर्मनी में सलाफियों का साया
सलाफी, इस्लाम की एक बेहद कट्टर धारा है. बीते कुछ सालों से जर्मनी सलाफी चरमपंथियों से जूझ रहा है. कैसे फैला जर्मनी में सलाफियों का साया.
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मस्जिदों का गलत इस्तेमाल
सुरक्षा अधिकारियों का अनुमान है कि जर्मनी में करीब 9,200 सलाफी चरमपंथी हैं. कुछ ऐसी मस्जिदों की भी पहचान की गई है जो युवाओं में चरमपंथ को बढ़ावा दे रही हैं. बर्लिन में अधिकारी इस मस्जिद को बंद करवाना चाहते हैं.
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मुफ्त में कुरान का अनुवाद
बीते सालों में जर्मनी के कई शहरों में सलाफियों ने कुरान की अपने ढंग से की गई व्याख्या वाली किताबें मुफ्त में बांटी.
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खुला प्रदर्शन
सलाफी अपनी विचारधारा का प्रसार करने के लिए हर मौके का फायदा उठाते हैं. बॉन में उन्होंने बीच सड़क पर नमाज पढ़ी. इसी दौरान वहां विरोध करने के लिए दक्षिणपंथी भी जमा हुए. बड़े पैमाने पर पुलिस बल की तैनाती के बावजूद टकराव के छिटपुट मामले सामने आए.
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शरिया पुलिस
2015 में वुपरटाल शहर में सलाफी शरिया पुलिस बनकर घूमे. इस हरकत से आम लोग बेहद नाराज हुए.
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मास्टरमाइंड
सलाफी जिहादियों और आतंकी संगठनों के बीच रिश्ते भी हैं. जर्मनी से भी इस्लामिक स्टेट ने लड़ाकों की भर्ती की. इनमें से ज्यादातर युवा सलाफिज्म से संबंध रखने वाले थे. इन्हें गुमराह करने वाले कई लोग अब भी खुले घूम रहे हैं.
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हिंसा के तैयार
सलाफी बीच बीच में अपनी ताकत दिखाने के लिए प्रदर्शन भी करते हैं. लेकिन उनके प्रदर्शनों में आए दिन हिंसा होती है. कुछ मामलों में पुलिस को बॉल बेयरिंग जैसी घायल करने वाली चीजें भी बरामद हुईं.
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सलाफिज्म के खिलाफ
सलाफियों के बढ़ते प्रभाव से जर्मन समाज में चिंता है. 2015 में कई जर्मन शहरों में इस्लाम के विरोध में पेगीडा मार्च निकले. कुछ खास मार्च तो सिर्फ सलाफिज्म के खिलाफ निकले. इस दौरान सलाफियों के साथ झड़प भी हुई.
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महिलाएं भी शामिल
सलाफियों के आयोजन में सिर्फ पुरुष ही नहीं होते. इनमें कई महिलाएं भी शामिल होती हैं. पूरी तरह ढंकी हुई ये महिलाएं खास दुकानों से सामान खरीदती हैं.
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मुख्यालय पर छापा
कभी कभार पुलिस सलाफियों के मुख्यालय और मस्जिदों में छापे भी मारती है. किसी गैरकानूनी हरकत का शक होने पर ऐसी कार्रवाई की जाती है.
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अहम गिरफ्तारी
जर्मनी में सलाफिज्म के जरिये कट्टर इस्लामिक विचारधारा फैलाने वाले अब्राहम अबू नाजी को पुलिस गिरफ्तार कर चुकी है. इंटरनेट पर वह कट्टरपंथी इस्लाम को सही धर्म बता रहा था.
सलाफी मुराद के. पर फिलहाल बॉन में मुकदमा चल रहा है. उस पर पुलिस अधिकारी को नुकसान पहुंचाने और ड्यूटी में बाधा डालने के आरोप हैं.
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जर्मन राज्य लोवर सेक्सनी के गृह मंत्री बोरिस पिस्टोरियस ने इस अभियान को "चरमपंथियों के लिए एक बड़ा झटका" बताया है. हाल के महीनों में जर्मन पुलिस ने कई बार संदिग्ध ठिकानों पर छापे मारे हैं. दिसंबर में बर्लिन के क्रिसमस बाजार में हुए एक हमले में 12 लोग मारे गए थे. जर्मनी में बड़ी संख्या में शरणार्थियों के आने से सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियां बढ़ी हैं और इस साल होने वाले राष्ट्रीय चुनाव में यह यह अहम मुद्दा हो सकता है. वैसे, हाल के महीनों में जर्मन सरकार के सुरक्षा को बेहतर बनाने के लिए कई कदमों का एलान किया है.
एके/एमजे (एएफपी, डीपीए)
जानिए क्या हैं जर्मन लोगों की जिम्मेदारियां
जर्मन लोगों की जिम्मेदारियां
जर्मनी में चुनावों में हिस्सा लेना, वोट डालना जैसी चीजें अनिवार्य नहीं हैं. लेकिन कुछ काम हैं जो जर्मन नागरिकों को करने ही होते हैं. ये अनिवार्य काम बड़े दिलचस्प हैं. देखिए तो...
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फर्स्ट एड
अगर किसी जर्मन नागरिक के सामने कोई हादसा हो जाता है तो पीड़ित की मदद करना, उसे फर्स्ट एड देना उसका कर्तव्य है.
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अपराध
जर्मन कानून के मुताबिक फर्स्ट देने से चूकने पर एक साल तक की जेल हो सकती है. ड्राइविंग लाइसेंस तभी मिलता है जब फर्स्ट एड कोर्स कर लिया हो.
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बर्फ हटाना
जर्मन नागरिकों को अपने घर के सामने से फुटपाथ से बर्फ हटाना अनिवार्य है. अगर बर्फ न हटाई गई और कोई हादसा हो गया तो उस घर में रहने वाले लोग जिम्मेदार होंगे.
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सर्दियों वाले टायर
बर्फीले मौसम में कारों में विंटर टायर लगाना जरूरी है. अगर ऐसा ना किया और पकड़े गए तो 60 यूरो का जुर्माना होगा. अगर एक्सिडेंट हो गया तो इंश्योरेंस भी नहीं मिलेगा.
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तैराकी सीखनी होगी
प्राइमरी स्कूल में बच्चों को तैराकी सीखनी ही होती है. कोई इनकार कर ही नहीं सकता. बच्चों के माता-पिता भी किसी सूरत में मना नहीं कर सकते.
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फुटपाथ पर साइकल
चौथी क्लास तक के बच्चे सिर्फ फुटपाथ पर साइकल चला सकते हैं. उसके बाद उन्हें रूल्स पढ़कर टेस्ट पास करना होता है. तब उन्हें सड़क पर साइकल चलाने की इजाजत मिलती है.
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बेडरूम में फायर अलार्म
जनवरी 2017 से बेडरूम, स्टडी रूम और बच्चों के कमरे में फायर अलार्म को अनिवार्य कर दिया गया है. ऐसा ना करने पर भारी जुर्माना होता है.
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लकड़ी काटने का लाइसेंस
अगर आप जंगल में लकड़ी काटना चाहते हैं तो कटर की दुकान से लाइसेंस लेना होगा कि आपको कटर चलाना आता है. इसके लिए 5 दिन की क्लास भी लेनी होती है.
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हेल्थ इंश्योरेंस
जर्मनी में हेल्थ इंश्योरेंस कराना अनिवार्य है. इसके लिए अलग अलग कंपनियां हैं जिनसे बीमा कराया जा सकता है. विदेशी भी बिना इंश्योरेंस के देश में नहीं रह सकते.
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हीटर की सर्विस
हरेक को अपने घर की हीटिंग डिवाइस जैसे हीटर या रेडिएटर आदि की सालाना सर्विस करानी होती है. यह सर्विस अनिवार्य है.
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हेल्मेट
कोई बाइक पर बिना हेल्मेट लगाए बैठ ही नहीं सकता. जर्मनी में आप बाइक तभी चला सकते हैं जब आपने सिर पर हेल्मेट लगा ली हो.
बाइक लाइसेंस के लिए ट्रेनिंग के दौरान आपको खास तरह के कपड़े पहनने होते हैं. लाइसेंस मिल जाने के बाद ये जरूरी नहीं हैं लेकिन ट्रेनिंग के वक्त आपको पहनना ही होगा.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/H. Hollemann
लाइसेंस ट्रेनिंग
बाइक लाइसेंस के लिए ट्रेनिंग के दौरान आपको खास तरह के कपड़े पहनने होते हैं. लाइसेंस मिल जाने के बाद ये जरूरी नहीं हैं लेकिन ट्रेनिंग के वक्त आपको पहनना ही होगा.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R. Schultes
टूट फूट के लिए इंश्योरेंस
यह अनिवार्य तो नहीं है लेकिन जर्मनी में ज्यादातर लोग टूट फूट के लिए इंश्योरेंस कराते हैं. ऐसे में आपके या आपके बच्चे के हाथ से किसी का कुछ टूट जाए तो इंश्योरेंस कंपनी हर्जाना भरती है.