जर्मनी में तुर्क मूल के करीब 10 लाख लोग रहते हैं जिन्हें जर्मन चुनावों में वोट देने का अधिकार है. लेकिन तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोवान की तरफ से बहिष्कार की अपील ने बहुत से लोगों को उलझन में डाल रखा है.
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चुनाव से पहले जर्मनी का मूड
जर्मनी के पश्चिम से पूरब की पैदल यात्रा, फोटोग्राफर आंद्रेयास टाइषमन जानना चाहते थे कि संसदीय चुनावों से पहले मुल्क का मूड कैसा है. मुलाकात ऐसे लोगों से हुई जिनकी दिलचस्पी राजनीति से ज्यादा स्थानीय मुश्लिकलों में थी
चुनाव से पहले जर्मनी का मूड
जर्मनी के पश्चिम से पूरब की पैदल यात्रा, फोटोग्राफर आंद्रेयास टाइषमन जानना चाहते थे कि संसदीय चुनावों से पहले मुल्क का मूड कैसा है. मुलाकात ऐसे लोगों से हुई जिनकी दिलचस्पी राजनीति से ज्यादा स्थानीय मुश्लिकलों में थी.
तस्वीर: A. Teichmann
यहां हुई शुरुआत
जर्मनी के पश्चिमी शहर आखेन से 14 किलोमीटर दूर जहां जर्मनी, नीदरलैंड और बेल्जियम की सीमा मिलती है, वहां से आंद्रेयास टाइषमन ने अपनी पैदल यात्रा शुरू की. उनके दोस्त बोडो (दायें) उन्हें लेकर आखेन गये और पहली रात उन्होंने अपने दोस्त बैर्न्ड के यहां गुजारी.
तस्वीर: Instagram/A. Teichmann
बेहतरीन नजारा
कोलोन में नजारा तो बेहतरीन था, लेकिन ये दिन आंद्रेयास के लिए बुरा था क्योंकि इस दिन उनका टेलिफोन खो गया. और टेलिफोन के बिना वे अपने को बेसहारा महसूस कर रहे थे. टेलिफोन नहीं तो नेविगेशन भी नहीं, फिर कैसे करेंगे वे अपनी यात्रा.
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सफाई की आदत
फोटोग्राफर आंद्रेयास का एक पड़ाव वित्सेनहाउजेन था. जब वे वहां शाम सात बजे पहुंचे तो कुछ निवासी सड़क की सफाई में लगे थे और वह भी हूवर की मदद से. आंद्रेयास टाइषमन कहते हैं कि ऐसा कुछ उन्होंने अपने जीवन में कभी नहीं देखा था.
तस्वीर: Andreas Teichmann
निवासियों से चर्चा
हेसेन प्रांत के उत्तरी इलाके में आंद्रेयास की टक्कर गायों के एक झुंड से हुई. शुरू में तो वे इधर उधर थे लेकिन अपने बच्चों का मनोरंजन करने के लिए गाय की आवाज निकालने वाले आंद्रेयास ने जब आवाजें निकालनी शुरू की तो इकट्ठा होकर देखने लगे कि ये कौन है.
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पिछड़े इलाके
अपनी पैदल यात्रा के दौरान आंद्रेयास टाइषमन ऐसे इलाकों में भी गये जहां आम तौर पर लोग नहीं जाते हैं. खासकर पूर्वी जर्मनी के कुछ इलाकों में उन्होंने पश्चिम से ज्यादा ढहते मकान देखे. कुछ मकानों को देखकर उन्हें उन कब्रों जैसा लगा जिसकी देखभाल कोई नहीं करता.
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भा गया हेसेन का ये शहर
टाइषमन कहते हैं कि कोरबाख एक बेहद खूबसूरत छोटा शहर है. उसका एक मध्ययुगीन केंद्र है, एक ओपन एयर थियेटर और एक म्यूजियम. वैसा ही शहर जिसे यदि आप नहीं जानते तो शायद ही जायेंगे. लेकिन आंद्रेयास अब यहां अपने परिवार को लेकर आयेंगे.
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बेकिंग की खास कला
थ्युरिंजिया के उडेर में आंद्रेयास टाइषमन ने एक बेकरी में यह खोज की. 27 साल पहले खत्म हो गये जीडीआर की याद में डीडीआर ब्रोएचेन और आंद्रेयास के बचपन की याद, जब वे अपने रिश्तेदारों से मिलने उस इलाके में जाया करते थे.
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दर्द के बीच यात्रा
बरसात में जावरलैंड की भींगी सड़कों पर आंद्रेयास टाइषमन का एक गलत कदम और रात भर में ही उनका घुटना सूज गया. विंटरबर्ग में घुटने के लिए पट्टी खरीदी लेकिन हालत नहीं सुधरी. बाद में डॉक्टर ने मेनिस्कुस में चोट को डायग्नोज किया.
तस्वीर: Andreas Teichmann
लाइपजिग में प्यार
फ्लोरियान और क्लाउडिया की पहचान इंटरनेट पर हुई. आंद्रेयास की नजरों में वे आधुनिक प्रेमी हैं. अपनी तस्वीरों के जरिये वे सिर्फ देश का लैंडस्केप ही नहीं दिखाना चाहते बल्कि मौजूदा हकीकत का दस्तावेज बनाना चाहते हैं. यात्रा के बाद अब वे प्रदर्शनी की तैयारी कर रहे हैं.