जर्मनी के आखिरी राजा के परिवार के साथ सौ साल से जारी विवाद सुलझा लिया गया है. प्रशा के शाही परिवार के खजाने के मालिकाना हक को लेकर यह विवाद था.
जर्मनी के आखिरी राजा की संपत्ति को लेकर विवाद चल रहा थातस्वीर: Patrick Seeger/dpa/picture alliance
विज्ञापन
जर्मनी में शुक्रवार को एक ऐतिहासिक मोड़ तब आया जब पूर्व प्रशा-सम्राट के उत्तराधिकारियों और सरकारी सांस्कृतिक संस्थानों के बीच एक सदी पुराना सांस्कृतिक विवाद सौहार्दपूर्वक सुलझा लिया गया. इस समझौते के तहत होहेनत्सोलेर्न वंश से जुड़ी लगभग 27,000 ऐतिहासिक वस्तुएं अब स्थायी रूप से जनता के सामने संग्रहालयों और महलों में प्रदर्शित की जाएंगी. इनमें पेंटिंग्स, मूर्तियां, सिक्के, किताबें और ऐतिहासिक फर्नीचर शामिल हैं.
संस्कृति मंत्री वोल्फ्राम वाइमर ने इस समझौते को "ऐतिहासिक सफलता" करार दिया. उन्होंने कहा, "100 साल बाद, हमने राजशाही से गणराज्य में बदलाव के समय उपजे विवाद को सौहार्दपूर्वक सुलझा लिया है."
उन्होंने यह भी जोड़ा, "ब्रांडेनबुर्ग, प्रशा और जर्मनी के इतिहास से जुड़ी अनगिनत कलाकृतियां अब जनता के लिए सुलभ होंगी और हमारी राष्ट्रीय सांस्कृतिक विरासत का हिस्सा बनी रहेंगी."
विज्ञापन
एकसदीकीजद्दोजहद
यह विवाद 1918 में शुरू हुआ, जब प्रथम विश्व युद्ध में हार के बाद जर्मन सम्राट काइजर विल्हेल्म द्वितीय को गद्दी छोड़नी पड़ी और उन्होंने नीदरलैंड्स में निर्वासन ले लिया.
हालांकि शुरुआत में प्रशा के शाही परिवार से सारी संपत्तियां जब्त की जानी थीं, लेकिन 1926 में एक समझौता हुआ जिसके तहत उन्हें लाखों डॉयचमार्क (तब की जर्मन करंसी) और कई किले, महल और अन्य संपत्तियां वापस मिल गईं. ये बर्लिन के आसपास से लेकर अफ्रीका के नामीबिया तक फैली थीं.
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद, सोवियत कब्जे वाले क्षेत्र और पूर्वी जर्मनी में कम्युनिस्ट शासन के दौरान इन संपत्तियों का एक बड़ा हिस्सा फिर जब्त कर लिया गया. 1989 में बर्लिन की दीवार गिरनेके बाद होहेनत्सोलेर्न परिवार को एक बार फिर इन पर दावा करने का कानूनी अधिकार मिला.
जर्मन तौर-तरीके: पर्यटकों को क्या क्या जानना चाहिए
क्या आप जर्मनी जाने के बारे में सोच रहे हैं लेकिन स्थानीय संस्कृति के बारे में कम जानते हैं? कोई बता नहीं, आइए हम आपको बताते हैं कि आपको कौन कौन से मुख्य जर्मन तौर-तरीकों के बारे में जान लेना चाहिए.
तस्वीर: Christin Klose/dpa/picture alliance
अभिवादन
कल्पना कीजिये आप बस अभी अभी जर्मनी पहुंचे हैं और वहां एक नया दोस्त भी बना लिया है. अब आप सोच रहे होंगे कि अपने नए जर्मन दोस्त को अभिवादन करने का सही तरीका क्या होगा. जर्मनी में ज्यादातर लोग अभिवादन में हैंडशेक करने के लिए अपना दायां हाथ आगे बढ़ाते हैं. ऐसे में वो आंखों से संपर्क भी बनाए रखते हैं. करीबी दोस्त एक दूसरे के गालों पर एक हल्का सा चुम्बन भी देते हैं या गले भी लग सकते हैं.
तस्वीर: Christin Klose/dpa/picture alliance
तुम या आप?
अपने नए दोस्त को सम्बोधित कैसे करें? जर्मनी में तुम कहने के लिए एक औपचारिक और एक थोड़ा अनौपचारिक तरीका है. अगर आप अपने किसी परिचित को ज्यादा अच्छी तरह न जानते हों तो उनकी उम्र और आपसे उनके संबंध को ध्यान में रखते हुए औपचारिक "सी" बोलना बेहतर होगा. आप युवाओं और दोस्तों को एक दूसरे को अनौपचारिक तरीके से "दू" बोलते हुए सुनेंगे.
तस्वीर: Christin Klose/dpa/picture alliance
फोन पर बुकिंग करना
अब आपको अपने नए मित्र के साथ कहीं खाना खाने जाना है और आपके एक रेस्तरां में बुकिंग करना चाहते हैं. जर्मनी में अमूमन जब आप एक रेस्तरां में फोन करते हैं तो आप अपना परिचय देंगे, अपना नाम और उपनाम बताएंगे और फिर अपना काम बताएंगे. कई बार रेस्टोरेंट से बात कर रहा व्यक्ति बुकिंग करने के लिए आपसे अपना नाम दोहराने या उसकी स्पेलिंग बताने के लिए भी कह सकता है.
तस्वीर: Christin Klose/dpa/picture alliance
जर्मन समयनिष्ठा
कहा जाता है कि जर्मन लोग अमूमन समय के बड़े पाबन्द होते हैं और उन्हें विलंबन से नफरत होती है. यह सच है. आपकी अगर किसी के साथ मुलाकात तय हुई है तो आपको समय पर पहुंच जाना चाहिए. अगर आपको देर होने की संभावना हो तो इस बारे में पहले से बता दीजिए. यह रेस्टोरेंट बुकिंग पर भी लागू है. बुकिंग करने के बाद अगर आपको रेस्तरां पहुंचने में देर हुई तो संभव है कि रेस्टोरेंट आपकी सीटें किसी और को दे देगा.
तस्वीर: Matthias Bein/dpa/picture alliance
खाने की टेबल के तौर-तरीके
जर्मनी में अधिकांश लोग खाना शुरू करने से पहले कहते हैं "गुटेन आपेती", यानी वो कामना करते हैं कि आपकी भोजन करने की इक्षा मजबूत हो. मुंह में खाना दबा कर बात करने को अभद्र माना जाता है. कई स्थानों पर आप देखेंगे की लोगों ने अपनी गोद में एक नैपकिन रखा हुआ है. अगर रेस्तरां हाई क्लास ना हो तो लोग अक्सर बचा हुआ खाना भी पैक करवा कर घर ले जाते हैं.
तस्वीर: Joko/Bildagentur-online/picture alliance
बात पीने की
कई जर्मन लोग रात के खाने के साथ थोड़ी सी शराब पीना पसंद करते हैं. मांस के पकवानों के साथ बियर और लाल वाइन लोकप्रिय हैं, जबकि मछली के साथ अक्सर सफेद वाइन पसंद की जाती है. लेकिन पहला घूंट लेने से पहले अपना ग्लास उठाएं या ग्लासों को हल्का सा बजाएं, आंखों में देखें और कहें "प्रोस्त", यानी चियर्स. मान्यता है कि ऐसा ना करना अपशकुन होता है.
तस्वीर: Dasha Petrenko/Zoonar/picture alliance
बिल का भुगतान
चलिए भोजन तो हो गया लेकिन अब आप सोच रहे हैं कि कौन, किस चीज का भुगतान करेगा. जर्मनी में यह इस पर निर्भर करता है कि आप किसके साथ भोजन कर रहे हैं. दोस्त अक्सर खर्च को आपस में बांट लेते हैं. लेकिन अगर आप डेट पर हैं तो किसी एक का भोजन का खर्च उठाना सामान्य बात है. अक्सर पुरुष ही बिल का भुगतान करते हैं. और हां, बैठ कर खाने वाले रेस्तरां में 10 प्रतिशत टिप भी दी जाती है.
तस्वीर: Peter Kneffel/dpa/picture alliance
रीसाइक्लिंग
जर्मनी में शीशे, प्लास्टिक, कागज, आर्गेनिक कचरा और खतरनाक सामान को अलग अलग करना और ठीक से फेंकना बेहद महत्वपूर्ण है. कई घरों में आप अलग अलग तरह के कूड़े के लिए कई रंगों के कूड़ेदान देखेंगे. सड़कों पर भी जगह डस्टबिन दिखाई देंगे, तो उनका इस्तेमाल कीजिए. वहां कचरा फैलाने को अच्छी निगाहों से नहीं देखा जाता.
तस्वीर: Karl-Heinz Sprembe/picture alliance
ट्रैफिक
मान लीजिये कि अब आपको और आपके नए दोस्त को समुद्र के किनारे घूमने जाना है. गाड़ी चलाते हुए आप पहुंचेंगे जर्मनी के प्रसिद्द ऑटोबान पर. इसके कई हिस्सों पर कोई गति सीमा नहीं होती है! ऑटोबान पर हमेशा दाईं लेन में ही रहें क्योंकि बाईं लेन तेज चलाने वाले चालकों और दूसरी गाड़ियों को ओवरटेक करने के लिए आरक्षित रहती हैं.
तस्वीर: Daniel Kubirski/picture alliance
नग्नता
संभव है कि समुद्र तट पर आप खुद को नग्न घूम रहे लोगों के बीच पाएं. जर्मनी में कई न्यूडिस्ट बीच हैं, लेकिन चिंता की बात नहीं है. अगर आप असहज महसूस करते हैं तो एक आम बीच भी पास ही में होगा. लेकिन जर्मनी में अधिकांश सॉना में पूरी तरह नग्न होना अनिवार्य है. (एलिजाबेथ यॉर्क फौन वार्टनबर्ग)
तस्वीर: TeleMakro/vizualeasy/picture alliance
10 तस्वीरें1 | 10
1994 के एक जर्मन कानून के तहत, वे लोग जिनकी संपत्ति सोवियत कब्जे के दौरान छीनी गई थी, उन्हें पुनः दावा करने का अधिकार है. लेकिन यह तभी मान्य होता है जब वे यह साबित कर सकें कि उन्होंने नाजी शासन का "पर्याप्त समर्थन” नहीं किया था.
अबसाझाजिम्मेदारीमेंसुरक्षितहोगीविरासत
प्रिंस गेओर्ग फ्रीडरिष फोन प्रॉयसेन विल्हेल्म द्वितीय के उत्तराधिकारी हैं. उन्होंने इस समझौते को लेकर कहा, "हमारी साझा सांस्कृतिक विरासत को स्थायी रूप से सुरक्षित रखना और इसे कला-प्रेमी नागरिकों के लिए सुलभ बनाना हमेशा से मेरा लक्ष्य रहा है. यह समझौता राज्य और हमारे परिवार के बीच एक नई सांस्कृतिक साझेदारी की नींव रखता है."
इस समझौते के तहत विवादित वस्तुएं अब एक गैर-लाभकारी संस्था " होहेनत्सोलेर्न कुन्स्ट-उंड-कुल्टुरश्टिफ्टुंग" को सौंपी जाएंगी. इस फाउंडेशन के निदेशक मंडल में दो-तिहाई सदस्य सरकारी संस्थाओं से होंगे, जबकि एक-तिहाई प्रतिनिधित्व शाही परिवार के पास होगा.
जर्मनी और पोलैंड को करीब ला रही है कल्चर ट्रेन
02:59
This browser does not support the video element.
2023 में, परिवार ने अपनी कानूनी लड़ाई तब वापस ले ली थी जब परिवार के एक प्रतिनिधि ने स्वीकार किया कि काइजर विल्हेल्म द्वितीय ने नाजियों के प्रति कभी-कभी सहानुभूति जताई थी. इसके बाद समझौते का रास्ता खुला, और अब इस ऐतिहासिक समझौते को जर्मन इतिहास संग्रहालय की अंतिम मंजूरी मिलने के बाद औपचारिक रूप दिया गया है.
अब यह विरासत, जो कभी सत्ता और साम्राज्य की पहचान थी, जर्मनी के नागरिकों के लिए एक साझा सांस्कृतिक धरोहर के रूप में सुरक्षित रहेगी.