ईरान डील पर एकमत हैं जर्मनी और रूस
११ मई २०१८
अब तक ये सभी डील तोड़ चुके हैं ट्रंप
अब तक ये सभी डील तोड़ चुके हैं ट्रंप
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप कभी अपने ट्वीट तो कभी अपने फैसलों के चलते चर्चा में बने रहते हैं. ट्रंप ने जिस दिन से पद संभाला है, उस दिन से लेकर अब तक वह कई समझौतों, करारों और साझेदारियों को तोड़ चुके हैं.
ईरान परमाणु संधि
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की नजर में ईरान परमाणु संधि अब तक का सबसे घटिया समझौता है. साल 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते के तहत ईरान ने अपने करीब नौ टन अल्प संवर्धित यूरेनियम भंडार को कम करके 300 किलोग्राम तक करने की शर्त स्वीकार की थी. इस समझौते का मकसद था परमाणु कार्यक्रमों को रोकना. इन शर्तों के बदले में पश्चिमी देश ईरान पर लगाए गए आर्थिक प्रतिबंध हटाने पर सहमत हुए थे.
ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप
2016 में बराक ओबामा ने "ट्रांस पैसिफिक पार्टनरशिप" (टीपीपी) पर दस्तखत किए थे. टीपीपी प्रशांत महासागरीय क्षेत्र में स्थित 11 देशों के बीच हुआ एक व्यापार समझौता है. उद्देश्य था इन देशों के बीच आयात-निर्यात पर लगने वाले शुल्क में कमी लाना. लेकिन ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश पर दस्तखत कर इससे बाहर निकलने की घोषणा कर दी.
पेरिस जलवायु समझौता
जून 2017 में ट्रंप ने पेरिस जलवायु समझौते से पीछे हटने की घोषणा की थी. साल 2015 के पेरिस जलवायु समझौते में दुनिया के लगभग 195 देशों ने हस्ताक्षर किए थे. यह समझौता दुनिया भर के तापमान में वृद्धि को 2 डिग्री सेल्सियस पर रोकने की बात करता है. ट्रंप को इस फैसले के चलते दुनिया की काफी आलोचना सहनी पड़ी थी.
घरेलू पर्यवारण नियमन
डॉनल्ड ट्रंप ने न केवल अंतराराष्ट्रीय करारों और संधियों पर सख्ती दिखाई. बल्कि अमेरिका के भीतर भी ट्रंप ने पर्यावरण से जुड़े कई नियमों में उलटफेर किय. हाल में ही अमेरिका की एनवायरमेंट प्रोटेक्शन एजेसी के प्रमुख स्कॉट प्रूइट ने कहा था कि पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल में जिन वाहन उत्सर्जन मानकों को तय किया गया उन्हें खत्म किया जाएगा.
ओबामाकेयर
'द पेशंट प्रोटेक्शन एंड एफोर्डेबल केयर एक्ट' (पीपीएसीए) को बराक ओबामा आम अमेरिकियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं देने के मकसद से लाए थे. इस हेल्थकेयर प्लान के तौर पर शुरू किया गया था. जो ओबामाकेयर नाम के मशहूर है. साल 2010 पर इस पर कानून बना. मकसद था स्वास्थ्य मामलों पर खर्च की जानेवाली रकम को कम करना. लेकिन इसकी जगह ट्रंप नया हेल्थ केयर बिल लेकर आए हैं. (क्रिस्टीना बुराक/एए)