1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
समाज

सोशल मीडिया से जाल फैलाने वाले नव-नाजी समूह पर बैन

२३ जून २०२०

जर्मनी के गृह मंत्रालय ने एक नव-नाजी गुट ‘नॉर्डआडलर’ पर प्रतिबंध लगा दिया है. यह इस साल का तीसरा मामला है जब किसी दक्षिणपंथी समूह पर बैन लगा है. यह गुट सोशल मीडिया पर खूब सक्रिय था.

अब तक जर्मनी में 20 नव नाजी गुटों पर बैन लग चुका है.
अब तक जर्मनी में 20 नव नाजी गुटों पर बैन लग चुका है.तस्वीर: picture-alliance/imageBROKER

तथाकथित नव-नाजी आतंकी समूह ‘नॉर्डआडलर' पर जर्मनी ने प्रतिबंध लगा दिया है. जर्मनी के चार राज्यों में इस गुट से जुड़े होने के संदेह में कई लोगों के घरों पर पुलिस के छापे पड़े. इनमें सबसे ज्यादा आबादी और सबसे बड़ी आप्रवासी आबादी वाले राज्य नॉर्थ राइन वेस्टफेलिया के अलावा सैक्सनी, ब्रैंडनबुर्ग और लोअर सैक्सनी शामिल हैं.

इस गुट के बारे में जानकारी देते हुए गृह मंत्रालय के प्रवक्ता ने ट्विटर पर लिखा कि यह समूह अपनी ज्यादातर गतिविधियां ऑनलाइन ही चलाता आया है. बैन के फैसले के समर्थन में कहा गया कि "दक्षिणपंथी कट्टरवाद और एंटी-सेमिटिज्म की इंटरनेट पर भी कोई जगह नहीं है."

मंत्रालय ने जानकारी दी है कि यह समूह नेशनल सोशलिस्ट विचारधारा को मानने वाला था और चार अन्य नामों से भी सोशल मीडिया पर सक्रिय था. अपने हर प्लेटफॉर्म पर यह खुद को जर्मन जनता का प्रतिनिधि बताता था.

हिंसक वारदातें करने की थी योजना

मंत्रालय से मिली जानकारी से पता चलता है कि इस गुट ने सदस्य एडोल्फ हिटलर की विचारधारा के समर्थक हैं और आपस में भी नाजी प्रतीकों, चिन्हों और भाषावली का इस्तेमाल करते थे. प्रशासन को पता चला है कि यह लोग एक नेशनल सोशलिस्ट सेटलमेंट प्रोजेक्ट की योजना बना रहे थे, जहां एक तरह की सोच रखने वाले लोग साथ रह सकें.

सन 2018 में भी इस गुट को निशाना बना कर पुलिस ने छापे डाले थे. उसके बाद इस समूह के संस्थापक माने जाने वाले व्यक्ति ने देश के सार्वजनिक प्रसारक एनडीआर से बातचीत में कहा था कि वह खुद को एक नाजी मानता है और आगे चलकर उनके लोग कई नेताओं को निशाना बनाना चाहते हैं.

उस समय जब मामला अदालत पहुंचा तो पता चला कि इस समूह के सदस्यों ने हथियार, गोली, कारतूस और विस्फोटक पदार्थ खरीदने की कोशिशें भी की थीं.

गृह मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार जर्मनी में किसी दक्षिणपंथी गुट पर लगा यह आज तक का 20वां और इस साल का तीसरा बैन है. इससे पहले इसी साल जनवरी में "कॉम्बैट 18" और मार्च में "यूनाइटेड जर्मन पीपल्स एंड ट्राइब्स" नामक गुटों पर प्रतिबंध लग चुका है. घरेलू रक्षा एजेंसी के मुताबिक जर्मनी में 12,700 से अधिक ऐसे अति-दक्षिणपंथी हैं, जिनके हिंसक होने का संहेद है.

आरपी/एके (डीपीए, एएफपी)

__________________________

हमसे जुड़ें: Facebook | Twitter | YouTube | GooglePlay | AppStore

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें