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इस्राएल को दी जा रही सैन्य मदद जारी रखेगा जर्मनी

१ मई २०२४

संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय अदालत ने निकारागुआ द्वारा जर्मनी के खिलाफ दायर केस में फैसला सुनाया है कि वह इस्राएल को जर्मनी से मिल रही सैन्य मदद पर रोक नहीं लगाएगा.

Den Haag Internationale Gerichtshof (IGH) weist Klage von Nicaragua gegen Deutschland ab
जर्मनी द्वारा इस्राएल को दी जा रही मदद के पक्ष में आईसीजे का फैसलातस्वीर: Peter Dejong/AP/picture alliance

संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (आईसीजे) ने 30 अप्रैल को फैसला सुनाया कि जर्मनी, इस्राएल को सहयोग देना जारी रख सकता है. 16 जजों के पैनल ने कहा कि वह जर्मनी द्वारा इस्राएल को दिए जा रहे हथियार और अन्य मदद पर कोई रोक या सीमा नहीं लगाएगा.

फैसला सुनाते हुए आईसीजे ने कहा कि निकारागुआ ने जो स्थितियां कोर्ट के सामने पेश की हैं, वे ऐसी नहीं हैं जिनके लिए आपातकालीन कदम उठाने पड़ें. हालांकि, यह केस कोर्ट में जारी रहेगा और फैसला आने में लंबा वक्त लग सकता है.

क्या हैं जर्मनी पर निकारागुआ के आरोप

आईसीजे में जर्मनी के खिलाफ निकारागुआ ने यह मामला दायर किया था. उसने आरोप लगाया है कि जर्मनी ने फलीस्तीन में अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का हनन होने दिया, जो 1948 के नरसंहार समझौते का उल्लंघन है. यह समझौता 1948 में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद लाया गया था. यह अंतरराष्ट्रीय समुदाय की प्रतिबद्धता सुनिश्चित करता है कि द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान हुए अत्याचार कभी नहीं दोहराए जाएंगे.

निकारागुआ के मुताबिक, जर्मनी द्वारा इस्राएल को दी जा रही सैन्य मदद उसे भी फलीस्तीनियों के खिलाफ जारी "युद्ध अपराध" में बराबर का दोषी बनाती है. निकारागुआ ने मांग की थी कि जर्मनी तुरंत ही इस्राएल को दी जा रही मदद पर रोक लगाए, खासकर सैन्य मदद पर. निकारागुआ ने यह भी दावा किया कि जर्मनी इस बात से अनजान नहीं हो सकता कि वह इस्राएल को जो सैन्य मदद भेज रहा है, उसका इस्तेमाल गाजा में हो रहे "वॉर क्राइम" में किया जा रहा है.

जर्मनी की कानूनी टीम ने निकारागुआ के आरोपों को बेबुनियाद बतातातस्वीर: Piroschka Van De Wouw/REUTERS

आरोपों पर जर्मनी का जवाब

जर्मनी की कानूनी टीम की अध्यक्ष तानिया फॉन उस्लार ग्लाइशेन ने आईसीजे में निकारागुआ के आरोपों को बेबुनियाद बताया. उन्होंने आईसीजे को बताया कि जर्मनी द्वारा इस्राएल को दिए जा रहे हथियार और दूसरे सैन्य उपकरणों की संख्या और उद्देश्य के बारे में निकारागुआ ने तोड़-मरोड़ कर जानकारी पेश की है.

होलोकॉस्ट के बारे में बात करते हुए जर्मन प्रतिनिधि ने कहा, "इस्राएल की सुरक्षा जर्मनी की विदेश नीति में मूलभूत रूप से शामिल है और इसका कारण हमारा इतिहास है." ग्लाइशेन ने यह भी कहा कि जर्मनी द्वारा इस्राएल को दिए गए हथियार और दूसरे सैन्य उपकरणों की आपूर्ति "अंतरराष्ट्रीय कानूनों के दायरे में रह कर विस्तृत समीक्षा के आधार पर की गई है." 

साथ ही, उन्होंने यह भी बताया कि 7 अक्टूबर 2023 से जर्मनी ने जो सैन्य मदद इस्राएल को भेजी है उसमें 98 फीसदी हेलमेट, वेस्ट और दूरबीन जैसी चीजें शामिल हैं. आईसीजे ने भी यह बात मानी कि नवंबर 2023 के बाद जर्मनी द्वारा इस्राएल को दी जा रही सैन्य मदद में कमी देखी गई है. मीडिया से बातचीत के दौरान ग्लाइशेन ने न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि जर्मनी अंतरराष्ट्रीय कानून का पालन कर रहा है और आगे भी करता रहेगा.

जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने आईसीजे के निर्णय का स्वागत करते हुए कहा है कि कोई भी कानून से ऊपर नहीं है और जर्मनी इसी सिद्धांत पर चलता है. जर्मन विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, "जर्मनी, मध्यपूर्व के संघर्ष का हिस्सा नहीं है, बल्कि इसका उलटा है. हम दिन-रात दो राष्ट्र के समाधान की दिशा में काम कर रहे हैं. हम फलीस्तीन में मानवीय सहायता देने वाले सबसे बड़े दानकर्ताओं में हैं."

गाजा के हालात पर आईसीजे ने जताई चिंता

आईसीजे ने गाजा की मौजूदा स्थितियों पर भी चिंता जताई है. हमास द्वारा संचालित इलाके के स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इस्राएल की सैन्य कार्रवाई में अब तक 34,500 से ज्यादा फलीस्तीनी मारे गए हैं. मृतकों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं. मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराई गई संख्याओं को यूएन की एजेंसियां आमतौर पर विश्वसनीय मानती हैं. 

गाजा में भुखमरी और दूसरी बुनियादी जरूरतों की कमी पर आईसीजे के जज नवफ सलाम ने कहा, "आईसीजे गाजा में रह रहे फलीस्तीनियों को लेकर चिंतित है. खासकर वहां के लोगों को भोजन और दूसरी बुनियादी जरूरतों से बड़े पैमाने पर वंचित होना पड़ा है."

इस्राएल और हमास के युद्ध के बीच भुखमरी से जूझते गाजा के लोगतस्वीर: Hatem Ali/AP/dpa/picture alliance

हाल ही में जर्मनी ने गाजा में फलीस्तीनियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी के साथ फिर से सहयोग शुरू करने की घोषणा की थी. जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक कई बार गाजा में मानवीय संघर्षविराम की अपील कर चुकी हैं. बीते दिनों बेयरबॉक ने स्थायीकी उम्मीद बताते हुए कहा था, "केवल एक तत्कालीन मानवीय संघर्षविराम के रास्ते आगे बढ़ते हुए स्थायी युद्धविराम की स्थिति ही शांति की उम्मीदों को जिंदा रख सकती है, फलीस्तीनियों के लिए भी और इस्राएलियों के लिए भी."

7 अक्टूबर 2023 को हमास ने दक्षिण इस्राएल में हमला किया था. इस हमले में करीब 1,200 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर आम नागरिक थे. साथ ही, हमास ने 250 लोगों को बंधक भी बनाया. इस घटना के बाद इस्राएल और हमास के बीच युद्ध छिड़ गया, जो अब तक जारी है. जर्मनी, यूरोपीय संघ और अमेरिका समेत कई देश हमास को आतंकवादी समूह मानते हैं.

आरआर/एसएम (रॉयटर्स, डीपीए)

निकारागुआ ने लगाया जर्मनी पर जनसंहार संबंधी आरोप

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