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जर्मनी ने परमाणु बिजली घरों को चालू रखने का फैसला किया

१८ अक्टूबर २०२२

जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने सोमवार को देश के तीन परमाणु बिजली घरों के अप्रैल तक काम जारी रखने का ऐलान किया. संभावित ऊर्जा संकट के मद्देनजर इन बिजली घरों को बंद करने का फैसला टाल दिया गया है.

जर्मनी के बॉन में परमाणु बिजली विरोधी प्रदर्शन
जर्मनी के बॉन में परमाणु बिजली विरोधी प्रदर्शनतस्वीर: Ina Fassbender/AFP

विरोध और विवाद के बीचजर्मनी ने देश में अब भी काम कर रहे तीनों परमाणु बिजली घरों की जिंदगी बढ़ाने का फैसला किया है. जर्मनी में यह एक संवेदनशील राजनीतिक मुद्दा है और सरकार में शामिल दलों के बीच भी इस पर मतभेद हैं. इसके बावजूद चांसलर शॉल्त्स ने बिजली घरों में काम जारी रखने का ऐलान किया है.

इसके बारे में ग्रीन पार्टी के सदस्य और देश के वाइस चांसलर व अर्थव्यवस्था मंत्री रॉबेर्ट हाबेक ने कहा कि उन्होंने इस बात को स्वीकार कर लिया कि शॉल्त्स ने कैबिनेट के सदस्यों की असहमतियों को दरकिनार कर यह फैसला किया है. चांसलर शॉल्त्स ने अर्थव्यस्था, पर्यावरण और वित्त मंत्रालयों से कहा है कि बिजली घरों को चालू रखने के लिए जरूरी कानूनी आधार तैयार किया जाए.

एक बयान में शॉल्त्स ने कहा, "इजार 2, नेकारवेस्थाइम 2 और इम्सलांड 2 परमाणु बिजली घरों को 31 दिसंबर 2022 के बाद 15 अप्रैल 2023 तक चालू रखने के लिए कानूनी आधार तैयार किया जाएगा.” देश की सबसे बड़ी ऊर्जा कंपनी आरडब्ल्यूई ने कहा कि वह फौरन इम्सलांड संयंत्र को अप्रैल तक चालू रखने के लिए जरूरी तैयारियों शुरू कर रही है.

जर्मनी ने देश में न्यूकिलयर ऊर्जा का उत्पादन 2022 तक बंद कर देने की योजना बनाई थी. लेकिन यूक्रेन में जारी युद्ध के कारणरूसी गैस में हुई कटौती के चलते ऊर्जा की आपूर्ति का संकटपैदा हो गया है. इस वजह से देश में लगातार इस मुद्दे पर बहस चल रही है कि परमाणु बिजली घरों को बंद करने का फैसला टाल दिया जाए या नहीं.

राजनीतिक मतभेद

ग्रीन पार्टी इस बात पर सहमत हो गई थी कि इम्सलांड स्थित परमाणु बिजली घर को बंद कर दिया जाए और दोअन्यों को अप्रैल तक के लिए आरक्षित रखा जाए. उधर फ्री डेमोक्रैट्स पार्टी (एफडीपी) तीनों संयंत्रों को 2024 तक चालू रखने के लिए जोर लगा रही है.

वित्त मंत्री और एफडीपी के सदस्य क्रिस्टियान लिंडनर ने सोमवार को ट्वीट कर कहा कि ऐसा करना देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए जरूरी है. उन्होंने लिखा, "यह हमारे देश और अर्थव्यस्था के लिए बेहद जरूरी है कि हम अपनी सभी ऊर्जा उत्पादन क्षमताओं को इस शीत ऋतु के दौरान बनाए रखें. चांसलर ने अब स्थिति साफ कर दी है.”

लेकिन ग्रीन के दो नेताओं में से एक रिकार्डा लैंग ने शॉल्त्स के फैसले की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि ‘ग्रिड सुरक्षा बनाए रखने के लिए' इम्सलांड संयंत्र की जरूरत नहीं है और इसे चालू रखना आवश्यक नहीं है.

आगे क्या होगा

जर्मन सरकार का कहना है कि अप्रैल में सभी परमाणु बिजली घरों को बंद कर दिया जाएगा. देश की पर्यावरण मंत्री स्टेफी लेमके ने वादा किया कि जर्मनी अप्रैल 2023 के आखिर तक परमाणु बिजली की पूर्ण बंदी के अपने वादे पर कायम रहेगा. लेमके ने ट्विटर पर कहा, "ना तो नई ईंधन रॉड्स आएंगी और ना मियाद बढ़ाई जाएगी.”

कितनी खतरनाक है परमाणु बिजली?

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जर्मनी ने 2000 में परमाणु बिजली को खत्म कर देने की बात कही थी. तब देश में एसपीडी की सरकार थी जिसने कई बिजली घरों को बंद कर दिया था. कई साल बाद जब जापान के फुकुशिमा परमाणु बिजली घर में हादसा हुआ, तब जर्मनी में सीडीयू की सरकार थी और अंगेला मैर्केल देश की चांसलर थीं. उन्होंने बाकी बचे परमाणु बिजली घरों को भी बंद करने का फैसला किया था.

रूस के यूक्रेन पर हमला करने से पहले तक परमाणु बिजली घरों को एक-एक कर बंद किए जाने की प्रक्रिया जारी थी लेकिन इस हमले ने देश में बिजली का संकट पैदा कर दिया और उसे अपनी ऊर्जा सप्लाई पर फिर से विचार करना पड़ा है. उसी का नतीजा है कि बिजली घरों को तीन महीने और चालू रखने का फैसला किया गया है.

वीके/एए (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)

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