सेना पर चांसलर के बयान से जर्मनी में मची हलचल
२३ फ़रवरी २०२४जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स के हालिया बयान ने देश में हलचल मचा दी है. उन्होंने कहा, "मेरा लक्ष्य है कि विशेष फंड खत्म होने के बाद हम आम बजट से जर्मन सेना बुंडेसवेयर के लिए रकम खर्च करें." उन्होंने कुछ दिन पहले दैनिक अखबार ज्यूड डॉयचे जाइटुंग से बातचीत के दौरान यह बयान दिया.
दरअसल, दो साल पहले यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद 100 अरब यूरो का ‘विशेष फंड' तैयार किया गया. यह फंड जर्मन सेना को आधुनिक और सशक्त बनाने के लिए लिया गया एक विशेष कर्ज है. इस धन का इस्तेमाल गोला-बारूद खरीदने के लिए किया गया. साथ ही, महंगे हथियार का ऑर्डर दिया गया. मौजूदा अनुमान के मुताबिक, इस फंड के तहत मिली राशि का इस्तेमाल साल 2027 तक किया जा सकेगा.
रक्षा बजट दोगुना करने की होगी जरूरत
जर्मन सरकार के रक्षा विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया है कि संघीय बजट में रक्षा के लिए वर्तमान में निर्धारित 52 अरब यूरो के बजाय, उससे दोगुनी से अधिक रकम, यानी लगभग 108 अरब यूरो की जरूरत होगी. इस अतिरिक्त रकम के लिए किसी अन्य खर्च में कटौती करनी होगी, जैसा कि शॉल्त्स ने अखबार को दिए साक्षात्कार के दौरान बताया.
रक्षा खर्च को संतुलित करने के लिए श्रम और सामाजिक मामलों के बजट में कटौती करने की चर्चा है. इस वर्ष इनके लिए तय किया गया बजट करीब 176 अरब यूरो है. इसमें से एक तिहाई से अधिक राशि का इस्तेमाल सामाजिक कल्याण, बेरोजगारी भत्ते और पेंशन भुगतान के लिए करना है.
शॉल्त्स के सेंटर-लेफ्ट सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी (एसपीडी) की सांसद एफा हूगल सशस्त्र बलों के लिए बुंडेस्टाग की संसदीय आयुक्त हैं. उनका मानना है कि संभावित हमले के खिलाफ देश की सुरक्षा करने में सक्षम होने के लिए बुंडेसवेयर को ज्यादा धन की जरूरत है. वह कहती हैं कि इसके लिए करीब 300 अरब यूरो की जरूरत होगी.
विपक्षी पार्टी सेंटर-राइट क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन (सीडीयू) के सांसद रोडेरिष कीजेवेटर ने डीडब्ल्यू को बताया, "जनता को यह साफ तौर पर बताना चाहिए कि अगर हम स्वतंत्र और लोकतांत्रिक देश में रहना चाहते हैं, तो हमें यह तय करना होगा कि किन चीजों को प्राथमिकता दी जाए और उस हिसाब से हमें बदलाव करना होगा."
कीजेवेटर कहना है कि सुरक्षा के बिना अर्थव्यवस्था को नुकसान होगा. उन्होंने चेतावनी दी कि अगर यूक्रेन विभाजित हो जाता है और लाखों यूक्रेनी नागरिक विस्थापित होते हैं, तो सार्वजनिक खर्च पर और भी अधिक कठोर प्रतिबंध लगाए जाएंगे.
कीजेवेटर का मानना है कि जर्मनी के सामने मौजूद खतरों को देखते हुए इस बात पर बहस करना बेमानी है कि रक्षा खर्च बढ़ाने के लिए सामाजिक कल्याण के खर्च में कटौती की जाए. इस समस्या पर विचार करने का यह तरीका ही गलत है. हमें दोनों को साथ-साथ देखना चाहिए.
वहीं, सत्तारूढ़ सोशल डेमोक्रेट और उसके गठबंधन में शामिल ग्रीन पार्टी काफी चिंतित हैं कि क्या सामाजिक कल्याण और पेंशन के लिए भुगतान की जगह टैंक और हथियार खरीदे जाएं? उन्हें चिंता है कि सैन्य खर्च बढ़ने का मतलब सामाजिक कार्यक्रमों और सेवानिवृत्त लोगों की मदद जैसी चीजों के लिए कम पैसा होगा. ऐसे बदलावों से उन्हें अपने मतदाताओं को बनाए रखने में मुश्किल होगी.
एसपीडी के जनरल सेक्रेट्री केविन कूनर्ट के मुताबिक, शॉल्त्स के बयान की गलत तरीके से व्याख्या की गई है. पब्लिक ब्रॉडकास्टर एआरडी को दिए साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि जर्मनी, यूरोपीय संघ और नाटो की सामाजिक सुरक्षा और क्षेत्रीय सुरक्षा ‘एक सिक्के के दो पहलू' की तरह एक साथ हैं.
एसडीपी सांसद राल्फ स्टेगनर ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सामाजिक कल्याण और पेंशन कटौती के साथ सैन्य खर्च में काफी ज्यादा बढ़ोतरी से दक्षिणपंथी विचारधारा वाले लोग मजबूत होंगे.
ज्यादा कर्ज या नया विशेष फंड?
जर्मन संविधान में निहित ‘कर्ज की सीमा' से यह तय होता है कि सरकार निर्धारित सीमा तक ही नया कर्ज ले सकती है. यही कारण है कि बुंडेसवेयर के लिए विशेष फंड एक लूपहोल के जरिए तैयार किया गया. विपक्षी पार्टी सीडीयू/सीएसयू के समर्थन से संविधान में एक विशेष कोष बनाया गया. सरकार ने बजट से अतिरिक्त नया कर्ज लेकर इस फंड के लिए धन जमा किया.
ग्रीन पार्टी की सह-अध्यक्ष रिकार्डा लैंग का मानना है कि इस तरह के उपाय को दोहराया जा सकता है. उन्होंने कहा, "इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि हम रक्षा पर पर्याप्त खर्च कर सकें. सिर्फ मौजूदा बजट से फंडिंग नहीं की जा सकती. हमें यह पक्का करना होगा कि सामाजिक कल्याण के साथ-साथ देश की सुरक्षा से समझौता न करना पड़े. देश की सुरक्षा और लोगों की भलाई, दोनों बहुत जरूरी है."
हालांकि, शॉल्त्स की गठबंधन सरकार में शामिल सबसे छोटी पार्टी फ्री डेमोक्रेट (एफडीपी), नया कर्ज या कर में वृद्धि से इंकार करते हुए रूढ़िवादी विपक्ष का पक्ष ले रही है. एफडीपी के नेता आलेक्जांडर मूलर ने पत्रिका ‘डेय स्पीगल' को बताया, "हमें सेना के जवानों, सैन्य उपकरणों और हथियारों के लिए लंबे समय में और ज्यादा धन की जरूरत होगी. इसके लिए कर्ज लेकर पैसा जुटाना ठीक नहीं है. हमें पूरे बजट में प्राथमिकताओं को दोबारा से तय करना चाहिए."
यह बहस तो अभी शुरू हुई है और लंबे समय तक जारी रहेगी, लेकिन सभी पार्टियों का मानना है कि बुंडेसवेयर को तत्काल आधुनिक बनाने की जरूरत है. इस बात को लेकर किसी तरह का विवाद नहीं है. बहस सिर्फ इस बात पर हो रही है कि इसके लिए रकम की व्यवस्था कैसे की जाए.