1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

जर्मनी: अफगानिस्तान डिपोर्टेशन फिर शुरू करने पर विचार

५ जून २०२४

जर्मनी ऐसे अफगान प्रवासियों को अफगानिस्तान भेजने पर विचार कर रहा है, जो सुरक्षा के लिए खतरा हैं. एक हालिया हमले में पुलिस अधिकारी की मौत के बाद यह बहस तेज हो गई है. हालांकि, इस योजना पर आगे बढ़ने में कई चुनौतियां हैं.

मानहाइम के मार्केट स्क्वैयर में हुए हमले के बाद मौके पर मौजूद पुलिसकर्मी
31 मई को मानहाइम शहर में चाकू से हुए एक हमले में छह लोग घायल हुए. घायलों में शामिल एक पुलिस अधिकारी की बाद में मौत हो गई. हमलावर भी मारा गया. तस्वीर: Kiril Kudryavtsev/AFP

जर्मनी के मानहाइम शहर में पिछले हफ्ते चाकू से किए गए हमले के बाद 5 जून को भी यहां एक नेता पर हमला हुआ. समाचार एजेंसी डीपीए के मुताबिक, जर्मनी की धुर-दक्षिणपंथी पार्टी ऑल्टरनेटिव फॉर जर्मनी (एएफडी) के एक नेता पर चाकू से हमला किया गया.

पिछले हफ्ते भी दक्षिणपंथ से जुड़े एक प्रदर्शन के दौरान चाकू से हमला हुआ था. हमलावर 25 साल का एक अफगानिस्तानी मूल का युवा था. उसने चाकू मारकर छह लोगों को घायल कर दिया था. घायलों में शामिल एक पुलिस अधिकारी की बाद में मौत हो गई. पुलिस ने हमलावर को भी गोली मार दी.

इस वारदात के बाद जर्मनी में माइग्रेशन पर सख्त रुख अपनाने की बात चल रही है. एएफडी इस हमले के संदर्भ में माइग्रेंट पॉलिसी को सख्त बनाने की मांग कर रही है. इसी क्रम में अब आंतरिक मामलों की मंत्री नैंसी फेजर ने कहा है कि जर्मनी ऐसे अफगान प्रवासियों को वापस अफगानिस्तान भेजने पर विचार कर रहा है, जो सुरक्षा के लिए खतरा हैं.

एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जर्मनी की आंतरिक मामलों की मंत्री नैंसी फेजर तस्वीर: Frederic Kern/Geisler-Fotopress/picture alliance

अफगानिस्तान और सीरिया, दोनों का जिक्र

फेजर ने कहा कि वह कई महीनों से इस मसले पर करीब से नजर रख रही हैं और जितनी जल्द हो सके, फैसला लेने की योजना बना रही हैं. पत्रकारों से बात करते हुए नैंसी फेजर ने कहा, "मेरे लिए यह स्पष्ट है कि ऐसे लोग, जिनसे जर्मनी की सुरक्षा को संभावित तौर पर खतरा है, उन्हें जल्द ही डिपोर्ट किया जाना चाहिए."

अफगानिस्तान के साथ-साथ सीरिया का भी नाम लेते हुए फेजर ने यह भी रेखांकित किया कि उनके लिए जर्मनी के सुरक्षा हित, प्रभावित लोगों के हितों से ज्यादा वजनी हैं. देश की घरेलू सुरक्षा को बाकी पक्षों पर भारी बताते हुए उन्होंने कहा, "हम अपराधी और खतरनाक लोगों को सीरिया और अफगानिस्तान डिपोर्ट करने के तरीके खोजने की हर मुमकिन कोशिश कर रहे हैं."

जर्मनी की धुर-दक्षिणपंथी पार्टी से जुड़ा शख्स जासूसी में गिरफ्तार

01:59

This browser does not support the video element.

कई सवाल और चुनौतियां

हालांकि, ऐसा करना आसान नहीं होगा. जर्मनी ऐसे देशों में लोगों को डिपोर्ट नहीं करता, जहां उनकी जान को खतरा हो. 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद जर्मनी ने लोगों को अफगानिस्तान डिपोर्ट करना बंद कर दिया. ऐसे में अब सुरक्षा के लिए खतरा बन रहे अफगान प्रवासियों को वापस भेजना काफी विवादित कदम होगा.

कुछ तालिबानी अधिकारियों पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध लगे होने के कारण तालिबान के साथ बातचीत कर किसी समझौते पर पहुंचना भी आसान नहीं है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, जर्मनी की गठबंधन सरकार में शामिल ग्रीन पार्टी भी अफगानिस्तान डिपोर्ट किए जाने की प्रस्तावित योजना का विरोध कर रही है.

एसएम/सीके (रॉयटर्स)

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें