जर्मनी के आंतरिक मामलों के मंत्री थोमस दे मेजियेर ने ये प्रस्ताव पेश किया. इसके मुताबिक आपराधिक मामलों में शामिल होने वाले शरणार्थियों को जल्द जर्मनी से उनके मुल्क लौटाया जाएगा. अपराध करने वाले या खतरा बनने वाले विदेशी नागरिकों को देश से बाहर भेजने से पहले हिरासत में लेने का प्रस्ताव भी है. जनता की सुरक्षा को खतरे में डालने वालों को भी जेल की सजा दिये जाने का सुझाव है. धार्मिक स्वतंत्रता के नाम पर देश में आतंकी सोच को बढ़ावा देने वालों पर भी नकेल कसी जाएगी. "आतंकवाद को बढ़ावा देना" भी एक अपराध होगा.
बुधवार को संसद में आतंरिक मामलों के मंत्री दे मेजियेर ने कहा, "कई लोगों को चिंता है कि आगे भी हमले हो सकते हैं, पूर्ण सुरक्षा की गारंटी कोई नहीं दे सकता, लेकिन हमें जो संभव हो वो कोशिश करनी चाहिए."
अमेरिका समेत कई देश संदिग्धों का बैकग्राउंड चेक करते हैं. जर्मनी अब तक इस स्क्रीनिंग प्रक्रिया का हिस्सा नहीं था. लेकिन दे मेजियेर ने अब इसमें शामिल होने का वादा किया है. आने वाले दिनों में इंटरनेट की निगरानी को लेकर भी सख्ती होगी. गृह मंत्री के मुताबिक डार्कनेट को चेक करने के लिए जर्मन संस्थाओं को मजबूत किया जाएगा.
(आतंक का नया रूप देख रहा है यूरोप)
आतंकवादी छोटी बड़ी गाड़ियों को आतंक और मौत ले आने वाले खतरनाक औजार के रूप में बदल देने की नीति अपना रहे हैं और सुरक्षा एजेंसियां लाचार हैं. देखिए यूरोप में कहां कहां हुआ है गाड़ियों से आतंकी हमला.
तस्वीर: Reuters/B. McDermidअमेरिका में न्यूयॉर्क शहर के मैनहटन इलाके में एक ट्रक ड्राइवर ने साइकिल और पैदल लेन में घुसकर लोगों को कुचला. इस घटना में 8 लोगों की मौत हो गयी और करीब 11 लोग बुरी तरह से घायल हैं. पुलिस ने संदिग्ध को गिरफ्तार कर लिया है. इसका नाम सेफुलो साइपोव है और इसकी उम्र 29 साल बताई जा रही है.
तस्वीर: Reuters/A. Kelly17 अगस्त, 2017 की शाम स्पेन के बार्सिलोना में पर्यटकों के बीच लोकप्रिय शहर के भीड़भाड़ वाले इलाके में हमलावर ने लोगों पर किराये पर ली वैन चढ़ा दी. आतंकी गुट तथाकथित इस्लामिक स्टेट ने इस हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें 13 लोगों की जान चली गयी है और करीब 100 लोग घायल हैं. जांचकर्ता इसे शहर में कई जगहों पर सिलसिलेवार हमले करने की योजना का हिस्सा मानते हैं.
तस्वीर: Imago/E-Press Photo.com4 जून, 2017 की रात लंदन के लिये भयानक रही. लंदन ब्रिज पर एक सफेद वैन ने कई लोगों को टक्कर मारी. ब्रिज पर लोगों को कुचलने के बाद यह वैन पास के बॉरो मार्केट में घुस गई. कार में सवार संदिग्ध बाहर निकले और लोगों पर चाकुओं से हमला किया. हालांकि पुलिस ने जल्द ही संदिग्धों को घेर लिया और गोलीबारी में मार गिराया.
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. Leal-Ollivasलंदन स्थित ब्रिटिश संसद वेस्टमिंस्टर के पास एक हमलावर ने अपनी कार से फुटपाथ पर जा रहे लोगों को रौंद डाला. मार्च 2017 के इस हमले में एक पुलिसकर्मी समेत चार लोगों की जान चली गयी. हमलावर भी पुलिस की गोली से मारा गया.
तस्वीर: picture-alliance/AP/J.Westजुलाई में फ्रांस के नीस में तो दिसंबर में बर्लिन के क्रिसमस मेले में गाड़ी मौत लेकर आई. ट्रक भीड़भाड़ वाले खुले बाजार में घुसा और लोगों को कुचलता हुआ 80 मीटर तक चला. घटना में 12 लोगों की जान गई और 48 लोग घायल हुए.
तस्वीर: Reuters/F. Benschफ्रांस के नीस शहर में सड़कों पर जुटे बास्टिल डे मनाते लोगों को एक ट्रक रौंदता हुआ निकल गया. करीब दो किलोमीटर तक अनगिनत लोगों को कुचलते निकले इस ट्रक की चपेट में आने से अब तक कम से कम 84 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है और बहुत सारे लोग घायल हैं.
तस्वीर: Reuters/E. Gaillardनीस में हमलावर की ये शैली दुनिया में कोई पहली बार नहीं आजमाई गई है. इस्राएल और फलस्तीन के कुछ इलाकों से कारों को लोगों के ऊपर चढ़ाने की कई घटनाएं सामने आई हैं. पिछली अक्टूबर से ही वहां ऐसे हमलों की चपेट में आने से 215 फलीस्तीनी, 34 इस्राएली, दो अमेरिकी, एक एरिट्रियाई और एक सूडानी नागरिक की मौत हुई.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Safadiहाल के सालों में पश्चिमी देशों को इसी किस्म के तीन बड़े हमले झेलने पड़े. दो ब्रिटेन में और एक अन्य हमला कनाडा में हुआ. मई 2013 में नाइजीरियाई मूल के दो इस्लामी कट्टरपंथियों ने अपनी कार को एक ब्रिटिश सैनिक ली रिग्बी पर चढ़ा दिया था. दिन दहाड़े उनका गला काटने की कोशिश भी की. उन्हें ब्रिटिश सेना के हाथों मुसलमानों के मारे जाने पर गुस्सा था.
तस्वीर: Reutersलंदन की घटना के करीब 18 महीने बाद कनाडा में भी एक इस्लामी कट्टरपंथी ने एक कनेडियन सैनिक पैट्रिक विंसेंट के ऊपर गाड़ी चढ़ा कर उसे मार डाला और एक अन्य को घायल किया. इसके बाद 25 साल के हमलावर मार्टिन रुले ने खुद पुलिस को फोन कर जिहाद के नाम पर यह हमला करने की बात कही. मार्टिन ने अपना धर्म बदल कर इस्लाम कुबूल किया था.
तस्वीर: Reuters/Christinne Muschiजून 2007 में दो आदमियों ने अपनी जलती हुई जीप को ले जाकर स्कॉटलैंड के ग्लासगो एयरपोर्ट की मुख्य टर्मिनल बिल्डिंग में घुसा दिया. इनमें से एक हमलावर को आजीवन कारावास की सजा मिली. मामले की सुनवाई कर रहे जज ने हमलावर को "धार्मिक कट्टरपंथी" माना.
तस्वीर: picture-alliance/dpaकई सालों से इस्लामिक स्टेट और अल-कायदा जैसे आतंकी संगठन कभी वीडियो बनाकर तो कभी सोशल मीडिया पर संदेश भेज कर नए समर्थकों और अनुयायियों से उनके हाथ में जो आए उसी से हमले करने की अपील करते रहे हैं. ऐसे ही संदेशों के कारण कई जगहों पर आम नागरिकों को निशाना बनाए जाने की घटनाएं बढ़ी हैं.
तस्वीर: picture-alliance/APसितंबर 2014 में आईएस के 'आक्रमण मंत्री' माने जाने वाले अबु मोहम्मद अल-अदानी ने ये संदेश जारी किया था: "अगर तुम कोई बम नहीं फोड़ सकते, गोली नहीं चला सकते, तो किसी फ्रेंच या अमेरिकन काफिर से अकेले में मिलो और फिर चाहे पत्थर से उसका सिर फोड़ो या चाकू से गला काटो, या कार के नीचे दबा दो."
तस्वीर: Reuters/I. Abu Mustafa
कोई भी जर्मन नागरिक दोहरी नागरिकता लेकर विदेशी सेना में काम नहीं कर सकता है. ऐसा होने पर उसकी जर्मन नागरिकता छिनने का कानून है. अब इसी कानून के दायरे में विदेशों में आतंकी संगठन के लिए काम करने वाले जर्मनों को भी लाया जाएगा. अगर उनके पास दोहरी नागरिकता हुई, तो उनसे जर्मन नागरिकता छीनी जा सकेगी.
इस बीच गृह मंत्री ने साफ किया है कि अवसाद और हिंसा के तनाव से जूझ रहे शरणार्थियों के बारे में प्रशासन डॉक्टरों से बातचीत भी करेगा. दे मेजियेर ने रोगी के निजता के अधिकार को छेड़ने से इनकार किया. जर्मनी में रोगी की निजता के अधिकार का उल्लंघन करने वाले डॉक्टर को जुर्माना या एक साल की सजा हो सकती है.
पूरे बुर्के पर प्रतिबंध लगाने से भी उन्होंने इनकार किया. दे मेजियेर के मुताबिक पूरे बुर्के पर बैन संवैधानिक रूप से मुश्किल खड़ी करेगा. गृह मंत्री ने कहा, "आप हर उस चीज पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते, जिसे आप खारिज करते हैं."
दूसरी तरफ जर्मनी अपनी सुरक्षा भी मजबूत करेगा. आने वाले सालों में संघीय सुरक्षा एजेंसी में हजारों नौकरियां निकाली जाएंगी. जुलाई 2016 में जर्मनी में अलग अलग जगहों पर चार हमले हुए. दो शरणार्थियों द्वारा किये गए, जिनकी जिम्मेदारी इस्लामिक स्टेट ने ली. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल साफ कर चुकी हैं कि हमलों से देश की शरणार्थी नीति में कोई बदलाव नहीं आएगा. लेकिन इन वारदातों के बाद दबाव में आई मैर्केल ने यह भी कहा कि देश को सुरक्षित रखने के लिए हर संभव कदम उठाए जाएंगे. सरकार चाहती है कि इन प्रस्तावों को जल्द से जल्द लागू किया जाएगा. जर्मनी में सितंबर 2017 में आम चुनाव होने है.
(देखिये: कहां कहां बैन है बुर्का)
दुनिया में ऐसे कई मुल्क हैं जहां बुरके या नकाब पर प्रतिबंध है. कहीं पूरी तरह तो कहीं आंशिक रूप से. जानिए...
तस्वीर: Getty Images/AFP/G.-G. Kitina31 मई 2018 को डेनमार्क की सरकार ने एक नया कानून लागू किया है जिसके तहत सार्वजनिक स्थलों पर चेहरा ढंकने की मनाही होगी. स्की मास्क और नकली दाढ़ी-मूछ लगाने पर भी रोक होगी. हालांकि बीमारियों से बचने के लिए पहनने वाले मास्क और मोटरसाइकल हेलमेट को इसमें शामिल नहीं किया गया है.
तस्वीर: picture-alliance/Scanpix Denmark/L. Meilandt Mathiesenफ्रांस यूरोप का पहला ऐसा मुल्क है जिसने बुरके को बैन करने का कदम उठाया. 2004 में इसकी शुरुआत हुई. पहले स्कूलों में धार्मिक चिन्हों पर रोक लगी. 2011 में सरकार ने सार्वजनिक स्थानों पर बुरके को पूरी तरह बैन कर दिया. ऐसा करने पर 150 यूरो का जुर्माना है. कोई अगर महिलाओं को जबरन बुरका पहनाएगा तो उस पर 30 हजार यूरो तक का जुर्माना हो सकता है.
तस्वीर: Getty Imagesफ्रांस के नक्श ए कदम पर चलते हुए बेल्जियम ने भी 2011 में बुरका बैन कर दिया. बुरका पहनने पर महिलाओं को 7 दिन की जेल या 1300 यूरो तक का जुर्माना हो सकता है.
तस्वीर: AP2015 में हॉलैंड ने बुरके पर बैन लगाया. लेकिन यह बैन स्कूलों, अस्पतालों और सार्जवनिक परिवहन तक ही सीमित है. सभी जगहों पर इसे लागू नहीं किया गया है.
तस्वीर: AP1 जुलाई 2016 से स्विट्जरलैंड के टेसिन इलाके में बुरके पर प्रतिबंध लागू हो गया है. इसका उल्लंघन करने पर 9200 यूरो तक का जुर्माना हो सकता है.
तस्वीर: imago/Geisserइटली में राष्ट्रीय स्तर पर तो बैन नहीं है लेकिन 2010 में नोवारा शहर ने अपने यहां प्रतिबंध लगाया. हालांकि अभी बुरका पहनने पर किसी तरह की सजा नहीं है. और कुछ राज्यों में बुरकीनी पहनने पर रोक है.
तस्वीर: picture alliance/dpa/Rolf Haidजून 2017 से जर्मनी में भी बुरके और नकाब पर रोक है लेकिन ऐसा सिर्फ सरकारी नौकरियों और सेना पर लागू होता है. इसके अलावा ड्राइविंग के दौरान भी चेहरा ढंकने की अनुमति नहीं है. जर्मनी की एएफडी पार्टी लगातार बुरके पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की मांग कर रही है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Scanpixस्पेन के कैटेलोनिया इलाके में कई जिलों में बुरके और नकाब पर 2013 से ही प्रतिबंध है. कई राज्यों में कोशिश हुई तो सुप्रीम कोर्ट ने इसे धार्मिक आजादी का उल्लंघन मानते हुए पलट दिया. लेकिन यूरोपीय मानवाधिकार कोर्ट का फैसला है कि बुरके पर बैन मानवाधिकार उल्लंघन नहीं है. इसी आधार पर कई जिलों ने इस बैन को लागू किया हुआ है.
तस्वीर: CLAUDE PARIS/AP/dapdमुस्लिम बहुल आबादी वाले तुर्की में 2013 तक सरकारी संस्थानों में बुरका या हिजाब पहनने पर रोक थी. लेकिन अब ऐसा नहीं है. महिलाएं अपना सर और चेहरा ढंकते हुए भी वहां जा सकती हैं. बस अदालत, सेना और पुलिस में ऐसा करने की अनुमति अब भी नहीं है.
तस्वीर: Reuters/O. Orsalअफ्रीकी देश चाड में पिछले साल बुरके पर प्रतिबंध लगाया गया. जून में वहां दो आत्मघाती बम हमले हुए जिसके बाद प्रधानमंत्री ने कदम उठाए. बाजारों में बुरके की बिक्री तक पर बैन है. पहनने पर जुर्माना और जेल होगी.
तस्वीर: Reuters/M. Ngarmbassaचाड के प्रतिबंध लगाने के एक महीने बाद ही उसके पड़ोसी कैमरून ने भी नकाब और बुरका बैन कर दिए. हालांकि यह सिर्फ पांच राज्यों में ही प्रभावी है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/P. Desmazesआतंकवाद प्रभावित दीफा इलाके में बुरका प्रतिबंधित है. हालांकि सरकार इसे पूरे देश में लागू करने की इच्छुक है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Sanogoपूरे चेहरे को ढकने पर कॉन्गो ने बैन लगा रखा है. 2015 से यह प्रतिबंध लागू है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/G.-G. Kitina