जर्मनी की विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने कहा है कि अफगानिस्तान की मदद के लिए और भी बहुत कुछ किए जाने की जरूरत है. उन्होंने 15,000 और लोगों को अफगानिस्तान से निकाल कर जर्मनी लाए जाने की प्रतिबद्धता दोहराई है.
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जर्मन सरकार अफगानिस्तान से उन लोगों को जल्दी से जल्दी निकाल कर जर्मनी लाएगी जो जान के खतरे के बीच वहां फंसे हुए हैं. जर्मन विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक ने जर्मनी की कार्ययोजना पेश करते हुए कहा कि वह लाल फीताशाही को कम कर इस प्रक्रिया को तेज करने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने माना कि अफगानिस्तान हमारे समय की सबसे बुरी मानव त्रासदी से गुजर रहा है.
बेयरबॉक ने मीडिया से बातचीत में कहा, "अर्थव्यवस्था के कई बड़े सेक्टर ध्वस्त हो गए हैं, इतने सारे लोग भूखमरी झेल रहे हैं. ऐसी खबरें सही नहीं जातीं कि कई परिवार खाना खरीदने के लिए अपनी बेटियों को बेचने को मजबूर हो गए हैं." उन्होंने कहा कि ऐसी महिलाओं और बच्चियों के लिए एक-एक दिन बहुत मायने रखता है.
बेयरबॉक ने बताया कि लोगों को निकालने के लिए नए रास्ते खोलने के मकसद से ईरान, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान जैसे अफगानिस्तान के पड़ोसी देशों के साथ फिर से बात करनी होगी. पाकिस्तान और कतर के साथ जर्मनी पहले से ही बातचीत करता आया है.
दुनिया में बढ़ रही है मानवीय मदद की जरूरत
संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि दुनिया में जिन्हें मानवीय मदद की जरूरत है ऐसे लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है. अनुमान है कि इस साल के मुकाबले अगले साल करीब चार करोड़ ज्यादा लोगों को मानवीय मदद की जरूरत होगी.
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असहाय लोग
मानवीय मामलों के संयोजन के लिए संयुक्त राष्ट्र की संस्था (ओसीएचए) का अनुमान है कि जहां 2021 में 25 करोड़ लोगों को मानवीय मदद या संरक्षण की जरूरत पड़ी, वहीं 2022 में ऐसे लोगों की संख्या बढ़ कर 27.4 करोड़ हो जाएगी.
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बड़ी संख्या
इसका मतलब है दुनिया के हर 29वे व्यक्ति को मदद की जरूरत पड़ेगी. ओसीएचए के मुताबिक, "राजनीतिक अस्थिरता, विस्थापन के बढ़ने, जलवायु परिवर्तन के असर और कोविड-19 के असर की वजह से जरूरतें बढ़ती जा रही हैं."
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सब तक नहीं पहुंच पाएगी मदद
संयुक्त राष्ट्र की संस्थाएं चाहती हैं कि वो इनमें से कम से कम 18.3 करोड़ लोगों की मदद कर पाएं, जो 63 देशों में बसे हैं. आपातकालीन राहत संयोजक मार्टिन ग्रिफिथ्स कहते हैं, "मानवीय मदद जिंदगियां बचाती है. अगर दान किया हुआ पैसा सही समय पर पहुंच गया तो वो बर्बाद नहीं होता है."
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धन की आवश्यकता
संयुक्त राष्ट्र संस्थाओं का अनुमान है कि इतने लोगों की मदद के लिए उन्हें कुल 4.1 करोड़ डॉलर की आवश्यकता है. यह धनराशि चार साल पहले की राशि से दोगुना ज्यादा है. ग्रिफिथ्स ने यह भी कहा, "मानवीय मदद समाधान का बस एक हिस्सा है. पूरे समाधान के लिए राजनीतिक समाधान भी चाहिए."
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संकट ग्रस्त इलाके
इस मदद की जरूरत सबसे ज्यादा अफगानिस्तान, सीरिया, यमन और इथियोपिया जैसे इलाकों में है. अफगानिस्तान में करीब 1.4 करोड़ लोगों के भुखमरी के कगार तक पहुंचने का अनुमान है.
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इथियोपिया में गंभीर हालात
ग्रिफिथ्स सबसे ज्यादा चिंतित इथियोपिया के हालात को लेकर हैं जहां सरकार काफी समय से हावी टिग्रे पीपल्स लिबरेशन फ्रंट (टीपीएलएफ) से लड़ रही है. संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों का कहना है टिग्रे प्रांत में लगभग साढ़े तीन लाख लोगों के सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो गया है. (डीपीए)
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अनुमान दिखाते हैं कि इन जाड़ों में ही करीब 2.4 करोड़ अफगानों पर जान जाने का खतरा मंडरा रहा है. सेनाओं की वापसी के चार महीने बीच जाने के बाद भी ऐसे करीब 15,000 अफगान हैं जिन्हें वहां से निकाल कर जर्मनी लाया जाना बाकी है. इनमें 135 जर्मन नागरिक भी शामिल हैं. यह वह लोग थे जिन्होंने पश्चिमी सेनाओं की मदद की थी और ड्राइवर से लेकर दुभाषिए के रूप में काम किया था. बेयरबॉक ने जोर देते हुए कहा कि "उन्हें भुलाया नहीं गया है." अब तक जर्मनी ने वहां से करीब 10,000 लोगों को निकालने में कामयाबी पाई है. इसमें से 5,300 लोगों को जर्मन सेना के विमानों से और बाकी 5,000 को दूसरे कमर्शियल साधनों से लाया गया.
इसी साल अगस्त में पश्चिमी सेनाओं के लौटने के बाद अफगानिस्तान फिर से तालिबान के कब्जे में चला गया. जर्मन विदेश मंत्री ने बताया कि जर्मनी में विपक्षी दल तक यह मानते हैं कि तालिबान की सरकार पहले से अलग नहीं है और जर्मनी "तालिबान की डि फैक्टो सरकार को राजनैतिक तौर पर और ज्यादा मान देने की कोई वजह नहीं देखता है.''
आरपी/एके (डीपीए, एपी)
मिलिए जर्मनी की सरकार के नए चेहरों से
चुनावों के तीन महीनों बाद आखिरकार जर्मनी को एक नई सरकार मिल गई है. आइए आपको अंगेला मैर्केल के युग के अंत के बाद की पहली जर्मन सरकार के मुख्य चेहरों से मिलवाते हैं.
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चांसलर ओलाफ शॉल्त्स
चांसलर ओलाफ शॉल्त्स पिछली सरकार में देश के वित्त मंत्री थे. वो देश के नौवें और एसडीपी पार्टी के चौथे चांसलर हैं. वो हैम्बर्ग के महापौर भी रह चुके हैं.
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उप-चांसलर, अर्थव्यवस्था और जलवायु संरक्षण मंत्री रोबर्ट हाबेक
ग्रीन पार्टी के सह-नेता रोबर्ट हाबेक को उप-चांसलर के साथ साथ अर्थव्यवस्था और ऊर्जा मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है, जिसमें अब जलवायु को भी शामिल कर दिया गया है.
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वित्त मंत्री क्रिस्टियान लिंडनर
2013 से ही एफडीपी के नेता रहे क्रिस्टियान लिंडनर को सरकार का दूसरा सबसे शक्तिशाली पद मिला है. 42 वर्षीय लिंडनर देश के अगले वित्त मंत्री होंगे.
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विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक
चुनावों में चांसलर पद के लिए शॉल्त्स की प्रतिद्वंद्वी रही ग्रीन पार्टी की अनालेना बेयरबॉक अब नई सरकार में विदेश मंत्री का कार्यभार संभालेंगी. उनके पहले उनकी पार्टी को बस एक ही बार यह पद मिला था, जब 1998 में योश्का फिशर विदेश मंत्री बने थे.
नैंसी फेजर (एसपीडी) को शॉल्त्स की कैबिनेट के सबसे बड़े आश्चर्य के रूप में देखा जा रहा है. यह संघीय स्तर पर उनकी पहली भूमिका है. उन्हें देश की पहली महिला गृह मंत्री बनने का गौरव भी प्राप्त हुआ है.
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रक्षा मंत्री क्रिस्टीने लाम्ब्रेष्ट
एसपीडी पार्टी की क्रिस्टीने लाम्ब्रेष्ट मैर्केल की सरकार में न्याय मंत्री थीं और उन्हें गृह मंत्री बनाए जाने की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन अब उन्हें रक्षा मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है.
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चांसलर दफ्तर के मंत्री वोल्फगांग श्मिट
वोल्फगांग श्मिट चांसलर दफ्तर के मंत्री के रूप में शॉल्त्स के दाहिने हाथ की भूमिका में रहेंगे. मुख्य तौर पर उनका काम विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय के अलावा गठबंधन की पार्टियों के बीच समन्वय बनाना होगा.
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हुबैर्टुस हाइल
ओलाफ शॉल्त्स की सरकार में हुबैर्टुस हाइल पिछली सरकार की ही तरह श्रम और सामाजिक मामलों के मंत्री होंगे. वे 1998 से संसद के सदस्य हैं और पार्टी के महासचिव रह चुके हैं.
कार्ल लाउटरबाख नई सरकार में स्वास्थ्य मंत्री होंगे. वे पेशे से डॉक्टर हैं और महामारी विशेषज्ञ होने की वजह से कोरोना काल में वे संसद की प्रमुख आवाज रहे हैं. अब उन पर कोरोना के नियंत्रण की जिम्मेदारी होगी.
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चेम ओएजदेमिर
चेम ओएजदेमिर ग्रीन पार्टी के प्रमुख रहे हैं और देश में ग्रीन पार्टी के सबसे लोकप्रिय नेताओं में शामिल हैं. वे नई सरकार में कृषि मंत्री होंगे और उन पर कृषि क्षेत्र को और पर्यावरण सम्मत बनाने की जिम्मेदारी है.
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स्टेफी लेम्के
स्टेफी लेम्के ओलाफ शॉल्त्स की सरकार में पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण की मंत्री होंगी. ये पर्यावरणवादी ग्रीन पार्टी के लिए अहम मंत्रालय है और इन्हीं सरोकारों के कारण बहुत से लोग ग्रीन पार्टी में शामिल होते हैं.
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आने श्पीगेल
आने श्पीगेल नई जर्मन सरकार में परिवार और महिला कल्याण मंत्री होंगी. इस समय वे राइनलैंड पलैटिनेट में पर्यावरण मंत्री हैं. उनपर काम और परिवार में सामंजस्य बनाने वाले कानूनों पर सहमति बनाने की जिम्मेदारी होगी.
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मार्को बुशमन
एफडीपी प्रमुख क्रिस्टियान लिंडनर के निकट सहयोगी मार्को बुशमन नई सरकार में कानून मंत्री होंगे. पार्टी को फिर से संसद और सरकार में लाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
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बेटीना श्टार्क-वात्सिंगर
बेटीना श्टार्क-वात्सिंगर नई जर्मन सरकार में शिक्षा मंत्री होंगी. संसद की बजट समिति के सदस्य के रूप में वे शिक्षा मंत्रालय का बजट तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. शिक्षा जगत को भावी चुनौतियों के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी अगले सालों में उनकी होगी.
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फोल्कर विसिंग
फोल्कर विसिंग को नई जर्मन सरकार में परिवहन और डिजिटलाइजेशन मंत्रालय दिया गया है. जर्मनी में डिजिटलाइजेशन की चुनौतियों को देखते हुए इस मंत्रालय को अहम माना जा रहा है.