2022 में जर्मनी में शादियों की संख्या में बड़ा उछाल देखा गया. सरकारी आंकड़ों में दिख रही बढ़त के पीछे कोई सामाजिक कारण हो ऐसा नहीं है. इसके साथ ही तलाक के मामलों में भी गिरावट दर्ज हो रही है.
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जर्मनी में सरकारी आंकड़े जुटाने वाले विभाग डिस्टाटिस के मुताबिक 2021 के मुकाबले पिछले साल हुई शादियों में 9.2 फीसदी का इजाफा हुआ. कुल 390,743 शादियां दर्ज हुईं जबकि 2021 में यह संख्या 357,785 थी जो पिछले बहत्तर सालों में सबसे कम थी.
इस बढ़ोत्तरी की वजह पर बात करते हुए डिस्टाटिस की अधिकारी बेटिना सोमर ने कहा, "शायद बहुत सारे ऐसे जोड़े जो शादी करना चाहते थे उन्होने इसे अगले साल पर टाल दिया."
डिस्टाटिस का अंदाजा है कि पिछले दो सालों में करोना के चलते लगाई गई पाबंदियों के खत्म होने के बाद आई शादियों में तेजी अब थम जाएगी. यही वजह है कि 2022 की ज्यादा शादियों को "कैचअप इफेक्ट" कहा जा रहा है यानी भरपाई करने की कोशिश.
लगातार घटते तलाक
एक तरफ ज्यादा शादियां हुईं तो दूसरी तरफ तलाक के मामलों में 3.8 फीसदी की कमी आई है. 2022 में तलाक के 137,353 मामले दर्ज हुए. सोमर इस पर कहती हैं कि 2019 को छोड़ दें तो तलाक की संख्या में 2012 से लगातार कमी आई है. हालांकि वो यह भी कहती हैं कि इसमें करोना की कितनी भूमिका है ये कहना अभी मुश्किल है.
आंकड़ों के मुताबिक तलाक लेने वालों में से करीब अठारह फीसदी ऐसे जोड़े हैं जो कम से कम पच्चीस साल से शादीशुदा हैं. सिर्फ 2022 में हुए तलाक के मामलों की बात करें तो ज्यादातर जोड़े औसतन पंद्रह साल विवाहित रहे जबकि पच्चीस साल पहले ये औसत बाहर साल और चार महीने था.
खास बात यह भी है कि ज्यादातर मामलों में विवाहित जोड़े में से एक की मर्जी से ही तलाक की अर्जी दाखिल हुई. ऐसा करीब 90 फीसदी मामलों में हुआ जबकि केवल सात फीसदी मामलों में दोनों ने अर्जी दी.
2021 के मुकाबले पिछले साल समलैंगिक शादियों में तलाक के मामले दस फीसदी बढ़े हैं. 2017 में जर्मनी में पहली समलैंगिक शादी हुई थी. इसके बाद 2018 में यहां समलैंगिक शादियों की संख्या में काफी बढ़त देखी गई थी.
शादी, बच्चे और तलाक
तलाक के मामले घटे जरूर हैं लेकिन फिर भी जिन जोड़ों की शादियां खत्म हुईं उनके बच्चों की जिंदगी पर तो इसका असर हुआ ही. डिस्टाटिस ने अपने आंकड़ों में यह भी देखा कि 2022 में तलाक लेने वाले आधे से ज्यादा जोड़ों के बच्चे अठारह साल से कम के हैं.
शादी के बंधन में बंधने की आजादी
30 जून 2017 को जर्मन संसद में समलैंगिक शादियों को वैधता देने का प्रस्ताव पास हुआ. दुनिया के करीब 20 देशों में अब तक सेम-सेक्स मैरिज को मान्यता मिल चुकी है, जिनमें से ज्यादातर यूरोप में ही हैं, देखिए.
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नया जर्मनी
जर्मन संसद के निचले सदन बुंडेसटाग में समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने पर सहमति बन गयी. 2017 के अंत तक इस कानून के लागू हो जाने की उम्मीद है.
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अगुआ नीदरलैंड्स
अप्रैल 2001 में नीदरलैंड्स दुनिया का पहला देश बना, जहां गे और लेस्बियन जो़ड़ों को सिविल सेरेमनी में बंधने का अधिकार मिल गया. इसके बाद 12 अन्य यूरोपीय देशों में भी इसे मान्यता मिली.
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यूरोपीय देशों में प्रसार
नीदरलैंड्स के बाद यूरोप के अन्य देशों बेल्जियम, ब्रिटेन (उत्तरी आयरलैंड को छोड़कर), डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, आइसलैंड, आयरलैंड, लक्जेमबर्ग, नॉर्वे, पुर्तगाल, स्पेन और स्वीडन में भी सिविल सेरेमनी की अनुमति मिली.
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सिविल पार्टनरशिप
कुछ यूरोपीय देशों में समलैंगिक जोड़ों को सिविल पार्टनरशिप में रहने की व्यवस्था है. ये देश हैं ऑस्ट्रिया, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक रिपब्लिक, ग्रीस, हंगरी, इटली, माल्टा और स्विट्जरलैंड. 2014 में एस्टोनिया भी इस सूची में जुड़ा.
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पूर्वी यूरोप
बुल्गारिया, लात्विया, लिथुआनिया, पोलैंड, रोमेनिया और स्लोवाकिया जैसे पूर्वी यूरोप के देशों में समलैंगिक लोगों को शादी करने का हक मिला हुआ है. दिसंबर 2015 में स्लोवेनिया ने जनमत संग्रह में गे मैरिज के खिलाफ फैसला लिया.
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बच्चे गोद लेना
पश्चिमी यूरोप के 15 देशों में समलैंगिक जोड़े बच्चों को गोद ले सकते हैं, चाहे वे शादीशुदा हों या सिविल पार्टनरशिप में रह रहे हों. ऐसे देश हैं बेल्जियम, ब्रिटेन, डेनमार्क, फ्रांस, नीदरलैंड्स, स्पेन और स्वीडन. इसके अलावा फिनलैंड, जर्मनी और स्लोवेनिया में समलैंगिकों को अपने पार्टनर के बच्चों को गोद लेने का अधिकार देता है.
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उत्तरी अमेरिका में अगुआ
यहां सबसे पहले कनाडा ने समलैंगिक शादी और बच्चा गोद लेने को जून 2005 में ही मान्यता दे दी थी. अमेरिका में 2015 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गे मैरिज को देशव्यापी वैधता मिली.
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लैटिन अमेरिका में
पहला देश रहा मेक्सिको, जहां 2007 में सिविल यूनियन और 2008 में पूर्ण विवाह की अनुमति मिल गयी. अर्जेंटीना, ब्राजील, कोलंबिया और उरुग्वे में भी समलैंगिक शादियां कानूनी रूप से वैध हैं.
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अफ्रीका का हाल
अफ्रीकी महाद्वीप के 30 देशों में समलैंगिकता पर ही प्रतिबंध है. केवल दक्षिण अफ्रीका में ही समलैंगिक लोगों को शादी करने और बच्चे गोद लेने का अधिकार है. ऋतिका पाण्डेय (एएफपी)
इसी तरह तलाकशुदा लोगों में से आधे ऐसे हैं जिनका एक बच्चा है. लगभग 39.7 फीसदी लोगों के दो बच्चे हैं जबकि केवल 11.2 प्रतिशत लोग ही ऐसे हैं जिनके तीन बच्चे हैं.
कुल मिलाकर शादियां टूटने से करीब 115,800 बच्चों की जिंदगी पर असर पड़ा. हालांकि जर्मनी में कानून इस बात के हक में है कि शादी टूटने के बाद भी बच्चे का संपर्क दोनों अभिभावकों से होना चाहिए. बच्चों को पालने का हक किसी एक को तब तक नहीं दिया जाता जब तक इसके लिए आवेदन ना किया जाए.