जर्मनी ने लगाया चीन पर साइबर हमले का आरोप, राजदूत को समन
१ अगस्त २०२४
जर्मनी ने हालिया वर्षों में देश की अहम सरकारी एजेंसियों पर हुए साइबर हमलों के तार को चीन से जुड़ा बताया है. इस मामले की खुफिया जांच कराने के बाद चीनी राजदूत को तलब किया गया है. चीन ने आरोपों को नकारा है.
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जर्मनी ने चीन के राजदूत को 2021 में हुए साइबर हमले के मामले में समन किया है. जर्मन अधिकारियों ने बताया चीन "सरकार के लिए काम करने वाले लोगों" के किए इस हमले का निशाना जर्मनी की सरकारी मैप एजेंसी थी. 31 जुलाई को इस नए मामले की जानकारी देते हुए सरकार ने कहा कि मानचित्र और भूगणित की संघीय एजेंसी साइबर हमले का शिकार बनी थी. अधिकारियों के मुताबिक, यह एजेंसी सरकार और प्राइवेट संस्थानों के लिए "महत्वपूर्ण काम" करती है और प्रिंट व डिजिटल मैप समेत कई डिजिटल टूल बनाती है. पश्चिमी देश बीजिंग समर्थित गुटों के राजनेताओं और लोकतांत्रिक संस्थानों को साइबर हमलों का निशाना बनाने पर लगातार चिंता जताते रहे हैं.
"साइबर हमलों से बाज आए चीन"
जर्मनी की गृह मंत्री नैंसी फेजर ने कहा है, "संघीय प्राधिकरण पर हुआ यह गंभीर साइबर हमला दिखाता है कि चीनी साइबर हमलों और जासूसी का खतरा कितना बड़ा है. हम चीन से ऐसे साइबर हमलों से बाज आने और उन्हें रोकने की मांग करते हैं, जो जर्मनी और यूरोप की डिजिटल संप्रभुता के लिए खतरा पहुंचाते हैं."
जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने कहा है कि खुफिया एजेंसियों की जांच में पता चला है कि इस साइबर अटैक के पीछे "चीनी सरकार के लोग" थे और यह हमला "जासूसी मकसदों" से किया गया था. जांच में पता चला कि एजेंसी के एक नेटवर्क तक सेंधमारी हो गई थी. हालांकि अब नेटवर्क की कमियों को दुरुस्त कर लिया गया है और एजेंसी में सुरक्षा उपायों को और ज्यादा मजबूत बनाया गया है.
चीन ने आरोपों से इंकार किया
जर्मनी में चीनी दूतावास ने साइबर अटैक से जुड़े सभी आरोपों को खारिज किया है. जर्मनी में चीनी दूतावास ने बयान जारी कर कहा, "जर्मनी ने सार्वजनिक तौर पर चीन के खिलाफ जर्मनी के संघीय मानचित्र दफ्तर में दखल के निराधार आरोप लगाए हैं. चीन ने इन्हें कठोरता से अस्वीकार किया है और जर्मनी के आगे गंभीरता से अपना पक्ष रखा है. चीन, जर्मनी से आग्रह करता है कि वह साइबर सुरक्षा मामलों के बहाने चीन विरोधी राजनीतिक तिकड़म ना करे और और जनता की राय को धूमिल करने का प्रयास ना करे."
दूतावास की तरफ से जारी बयान में यह भी कहा गया है, "चीन सभी तरह के हैकर हमलों का सख्त विरोध करता है, उन पर नकेल कसता है. साथ ही किसी देश या शख्स को अपनी जमीन और चीन के बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल करके अवैध काम नहीं करने देता."
जर्मनी मानता है कि हालिया हमला, साइबर हमलों की उस सिलसिले का हिस्सा है जिसके मूल में चीन है. जर्मनी के आंतरिक मंत्रालय के अनुसार, सरकारी नियंत्रण वाले चीनी "साइबर हमलावरों" ने 2023 में भी कंपनियों, आधिकारिक संगठनों, निजी लोगों और राजनीतिक संस्थाओं को निशाना बनाया है.
उन्होंने कहा कि हमलावर जर्मन सरकार का जर्मनी और यूरोपीय विदेश नीति पर रुख जानना चाहते थे. साथ ही यह भी कि इन सब में चीन के प्रति क्या रुख रहता है. गृह मंत्रालय ने चेतावनी दी है कि "साइबर जासूसी हमलावरों" का काफी गुणात्मक और मात्रात्मक विकास हुआ है, नतीजतन अप्रत्याशित पहुंच और असर दिखा."
जर्मनी को उम्मीद है कि सरकार समर्थित जासूसी और प्रभाव डालने की कोशिशें जारी रहेंगी. जर्मनी, बढ़ते खतरे के बीच अपनी डिजिटल सिक्योरिटी मजबूत बनाना चाहता है. जुलाई महीने में ही जर्मनी ने घोषणा की थी कि वह चीनी टेलिकॉम कंपनियों- हुआवे और जेडटीई के उपकरणों का अपने 5जी नेटवर्क में इस्तेमाल खत्म कर देगा.
किससे व्यापार करता है चीन
चीन को व्यापारिक साझीदार बनाने में अमेरिका और रूस से लेकर भारत तक हर तरफ झिझक दिखाई देती है. तो चीन व्यापार करता किससे है? देखिए, चीन सबसे ज्यादा निर्यात किसे करता है.
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सबसे ज्यादा निर्यात
2023 में चीन ने सबसे ज्यादा निर्यात आसियान देशों को किया है. कुल 523.7 अरब डॉलर का निर्यात हुआ. हालांकि यह 2022 से पांच फीसदी कम था.
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यूरोपीय संघ
यूरोपीय संघ में चीन पर और ज्यादा पाबंदियां लगाने पर चर्चा हो रही है. 2023 में उसने चीन से 501.2 अरब डॉलर का आयात किया था. हालांकि 2022 से 10.2 फीसदी कम था.
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अमेरिका
अमेरिकी व्यापारिक जगत में चीन का सबसे बड़ा विरोधी दिखाई देता है. लेकिन 2023 में उसने 500.3 अरब डॉलर का आयात किया था. यह 2022 से 13 फीसदी कम था.
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हांग कांग
एक इलाके के तौर पर चीन से आयात के मामले में हांग कांग चौथे नंबर पर रहा. उसने 274.6 अरब डॉलर का आयात किया. यह 2022 से 6.3 फीसदी कम था.
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जापान
जापान और चीन के बीच राजनीतिक प्रतिद्वन्द्विता के बावजूद जापान चीन का पांचवां सबसे बड़ा आयातक रहा. उसने 157 अरब डॉलर का आयात किया. 2022 के मुकाबले यह 8.4 फीसदी कम था.
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दक्षिण कोरिया
दक्षिण कोरिया ने 2023 में चीन से 149 अरब डॉलर का सामान आयात किया था जो 2022 के मुकाबले 7.2 फीसदी कम था.
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भारत
भारत और चीन के रिश्तों में भले ही तनाव हो, व्यापार पर इसका असर दिखाई नहीं देता. 2022 के मुकाबले 2023 में आयात 0.8 फीसदी बढ़कर 117.7 अरब डॉलर तक पहुंच गया.
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रूस
2023 में रूस ने ही चीन के निर्यात को नेगेटिव होने से बचाया. 2022 के मुकाबले चीन से उसका आयात 46 फीसदी बढ़कर 111 अरब डॉलर पर पहुंच गया.
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जर्मनी-चीन अच्छे साझेदार, फिर खटास क्यों
बर्लिन और बीजिंग के बीच अमूमन अच्छे रिश्ते रहे हैं. खासकार आर्थिक मामलों में तो दोनों करीबी साझेदार हैं. हालांकि जर्मनी को चिंता है चीन के निरंकुशवादी रवैये की, जिसके चलते बर्लिन सोच समझ कर कदम उठाने की तरफ ध्यान दे रहा है. जर्मनी की चिंताएं, उसके सहयोगियों की चिंताओं से मेल खाती हैं.
इसी साल मार्च में अमेरिका, ब्रिटेन और न्यूजीलैंड ने चीन समर्थित साइबर गुटों पर राजनेताओं और प्रमुख लोकतांत्रिक संस्थाओं को निशाना बनाने का आरोप लगाया था. एक नजर से यह चीन को जिम्मेदार ठहराने की ठोस कोशिश थी.
आरएस/एनआर (एएफपी)
भारत: साइबर ठगी से कैसे रहें सुरक्षित
तकनीकी विकास के साथ ही भारत में साइबर ठगी भी बढ़ती जा रही है. साइबर ठग भोले-भाले लोगों को निशाना बनाने के लिए नए-नए तरीके अपना रहे हैं. लेकिन कुछ बातों का ख्याल रख कर आप ऐसी धोखाधड़ी से खुद को बचा सकते हैं.
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'साइबर दोस्त' की सलाह
भारत के गृह मंत्रालय ने अपने साइबर सुरक्षा और साइबर सुरक्षा जागरूकता के ट्विटर हैंडल से लोगों को साइबर ठगी से बचने के टिप्स दिए हैं. इस हैंडल का नाम 'साइबर दोस्त' है. साइबर दोस्त की सलाह है कि किसी अनजान शख्स को कभी भी अपना पूरा नाम, घर का पता या स्कूल का नाम न बताएं.
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कंप्यूटर पर रहें सावधान
यूजर्स को हमेशा कंप्यूटर से लॉग ऑफ करने की सलाह भी दी गई है. इससे वे ऑनलाइन दुनिया से बाहर निकल जाएंगे और हैकर्स उनके कंप्यूटर तक पहुंच नहीं पाएंगे.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/C. Klose
पासवर्ड की सुरक्षा
साइबर दोस्त की तीसरी सलाह है कि यूजर्स किसी के साथ भी अपना पासवर्ड शेयर न करें. समय समय पर अपने पासवर्ड को बदलते रहना भी एक अच्छी आदत है.
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इंटरनेट पर अनजान लोगों से बात न करें
इंटरनेट की दुनिया में खुद को सुरक्षित रखने के लिए किसी भी अनजान शख्स के साथ चैट न करें. इससे आप साइबर ठगी की संभावना काफी कम कर पाएंगे.
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सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सही उम्र बताना
सोशल मीडिया साइट्स पर बड़ों के अलावा बच्चे भी होते हैं. ऐसे में सलाह दी गई है कि सोशल मीडिया साइट्स पर अपनी उम्र को ठीक ठीक भरें. इससे लोग अश्लील कंटेंट से बच सकते हैं.
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तरह-तरह के साइबर फ्रॉड
भारत में आजकल साइबर ठग झूठमूठ में सरकारी अधिकारी, पुलिस, रिश्तेदार या डिलीवरी बॉय बन कर कॉल करते हैं. पार्सल में ड्रग्स होने, बच्चे के पुलिस हिरासत में होने या अपहरण जैसी झूठी बातें कह कर लोगों से पैसे ट्रांसफर करने को कहते हैं.
तस्वीर: Pond5 Images/IMAGO
साइबर अपराध से कैसे निपट रहा भारत
साइबर अपराधियों पर कार्रवाई के लिए सरकार ने 'भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र' (I4C) बनाया है. I4C ऐसे मामलों की पहचान और जांच के लिए राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के पुलिस अधिकारियों को इनपुट और तकनीकी मदद भी देता है.
तस्वीर: Nasir Kachroo/ZUMA/picture alliance
I4C रिपोर्टिंग सिस्टम कितना असरदार
राज्य सभा में 24 जुलाई को एक सवाल के जवाब में केंद्र सरकार ने कहा कि वित्तीय धोखाधड़ी के माध्यम से पैसे की हेराफेरी को तुरंत रिपोर्ट करने और रोकने के लिए बने I4C के जरिए अब तक 2,400 करोड़ रुपये बचाए गए. केंद्र सरकार ने बताया कि अब तक 7.6 लाख से अधिक साइबर अपराध के मामले सुलझाते हुए यह पैसे बचाए जा चुके हैं.