अमेरिका और उसके कई यूरोपीय सहयोगियों ने अफ्रीका में इस्लामिक स्टेट के बढ़ते खतरे पर चिंता जताई है. इटली की राजधानी रोम में एक सम्मेलन में आतंकवाद से लड़ने की रणनीतियों पर चर्चा हुई.
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83 देशों के विदेश मंत्रियों के एक सम्मेलन में अमेरिका और जर्मनी ने चेतावनी दी है कि अफ्रीका में इस्लामिक स्टेट अपने पांव पसार रहा है. जर्मनी के विदेश मंत्री हाइको मास ने कहा कि इस उग्रवादी संगठन को अभी हराया नहीं जा सका है.
मास ने कहा कि अपने जन्मस्थल सीरिया और इराक के बाहर इस संगठन का प्रभाव लगातार बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, "इराक और सीरिया में आईएस को पीछे धकेल दिया गया है लेकिन हराया नहीं जा सका है.” उन्होंने अफगानिस्तान में आईएस के बढ़ते प्रभाव पर भी चिंता जताई.
मास ने हालांकि माली से तुरंत फौजें वापस बुलाने की संभावना को खारिज कर दिया. माली में पिछले हफ्ते ही एक आतंकी हमले में 12 सैनिक घायल हो गए थे. उन्होंने कहा, "हमें यह समझना होगा कि इस क्षेत्र में आतंक का गढ़ बनने का खतरा बढ़ रहा है. इसलिए यहां सहयोगियों के साथ लगातार वाद-संवाद बनाए रखना जरूरी है.” जर्मनी के करीब 250 सैनिक इराकी फौजों को ट्रेनिंग दे रहे हैं.
अफ्रीका पर ध्यान
सम्मेलन के आयोजक इटली ने कहा कि अफ्रीका में अतिवादियों के खतरे से निपटने के लिए वह एक टास्क फोर्स बनाना चाहता है. हालांकि विदेश मंत्री लुइजी डी मायो ने इस योजना पर विस्तार से कुछ नहीं बताया. उन्होंने मीडिया से कहा कि इस महाद्वीप में आईएस के खतरों को पहचानना और रोकना जरूरी है.
अमेरिका विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन भी इस सम्मेलन में मौजूद रहे. उन्होंने अफ्रीका महाद्वीप में आतंकवाद के खतरों से निपटने में इटली की मदद करने का वादा किया. उन्होंने कहा, "हम इटली की पहल का पूरी मजबूती से समर्थन करते हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि दाएश के विरुद्ध गठबंधन का ध्यान अफ्रीका पर केंद्रित रहे, जबकि सीरिया और इराक पर करीबी नजर बनी रहे.”
आतंकवाद की बलि चढ़ी ये खूबसूरत धरोहरें
लोगों ने इन खूबसूरत इमारतों और मूर्तियों को सालों तक बनाया. और आतंकवादियों ने इन्हें पल भर में मिट्टी में मिला दिया. एक नजर दुनिया की उन नायाब धरोहरों पर जिनका हाल देख कर दिल दुखता है.
तस्वीर: Xinhua/imago images
अफगानिस्तान की बामियान घाटी
बामियान प्रांत में महात्मा बुद्ध की दो विशाल मूर्तिया होती थीं. इन्हें बौद्ध भिक्षुओं ने करीब 1,500 साल पहले पहाड़ को काट कर बनाया था. यह मूर्तियां अफगानिस्तान में इस्लामपूर्व युग की गवाह थीं. 1973 की इस तस्वीर में 53 मीटर ऊंची प्रतिमा दिख रही है. अब इसे नया रूप दे दिया गया है.
तस्वीर: ddp
माली में टिम्बकटू
माली के उत्तर में स्थित इस सदियों पुराने मकबरों को इस्लामी कट्टरपंथी गुट 'अंसार दिने' के विद्रोहियों ने 2012 में नष्ट कर दिया. 15वीं और 16वीं सदी में इस्लामिक शिक्षा के केंद्र के रूप में विख्यात टिम्बकटू यूनेस्को के विश्व धरोहरों में शामिल है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/E.Schneider
मोसुल में अल-नूरी मस्जिद
इराक के मोसुल में स्थित ऐतिहासिक अल-नूरी मस्जिद और उसकी मीनार अल-हदबा को आईएस ने तबाह कर दिया है. इसी मस्जिद से 2014 में अबू बकर अल बगदादी ने इस्लामी खिलाफत की घोषणा की थी. यह मीनार पीसा की प्रसिद्ध मीनार की ही तरह झुकी हुई थी और 840 सालों से वहां खड़ी थी. हालांकि आईएस इसे गिराने का इल्जाम अमेरिका के सिर रख रहा है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/A. Al-Rubaye
दोबारा निर्माण की चुनौती
कई मकबरों को संयुक्त राष्ट्र संगठन दुबारा बनाने की कोशिश कर रहा है. पवित्र माने जाने वाला अल्फा मोया के मकबरे का ख्याल रखने की जिम्मेदारी यहीं रहने वाले कुछ लोगों को सौंपी गई है, जैसे साने शिरफी (तस्वीर में) का परिवार.
तस्वीर: Getty Images/AFP/S. Rieussec
आस्था का प्रतीक
2014 की इस तस्वीर में एक व्यक्ति टिम्बकटू की ही नष्ट की गई एक कब्र के सामने सिर झुकाए हुए. अपने असली स्वरूप के मुकाबले यह कितना अलग हो गया है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/B. Ahmed
मार एलेना, सीरिया
सीरियाई ईसाइयों के लिए मार एलेना सबसे महत्वपूर्ण मठों में से एक था. केंद्रीय सीरिया के सर्जातेन में स्थित पांचवी सदी की ये ईसाई मॉनेस्ट्री भी आतंकियों के हमले की शिकार बनी गई.
तस्वीर: UNESCO
सीरिया का पाल्मिरा
इस्लामिक स्टेट के आतंकियों ने 2015 में सीरिया के पाल्मिरा में 2,000 साल पुराने टेंपल ऑफ बेल, आर्क डि ट्रायंफ जैसे कई गुंबद नष्ट कर डाले. फोटोग्राफर ने हाथ में इस जगह की पहले की तस्वीर पकड़े हुए वर्तमान स्थिति की तुलना करते हुए. बाल मंदिर की यह फोटो 2014 में ली गई थी.
तस्वीर: Getty Images/AFP/J. Eid
इराक का अल-हद्रा
इस जगह को प्रथम अरब साम्राज्य की राजधानी माना जाता है. अपनी मोटी दीवारों के कारण 116 और 198 ईसवी में रोमन आक्रमणकारियों से यह बच गया था. लेकिन 2015 में नहीं बच सका.
मार एलेना को 2015 में आईएस ने धरती में मिला दिया. इंटरनेट पर डाले गए वीडियो में इसे बुलडोजरों के नीचे कुचलते हुए दिखाया गया था. इस शहर को आईएस के कब्जे से छु़ड़ा लिया गया है. अंदर से पूरी तरह जल चुके मठ के पुनर्निर्माण का काम चल रहा है.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/N. Sancha
नहीं रही सबसे ऊंची मूर्ति
दुनिया की सबसे ऊंची मूर्ति होने का गौरव प्राप्त बमियान के बुद्ध की मूर्ति को कट्टर इस्लामी तालिबानों ने सन 2001 में नष्ट कर दिया. टैंकों, मिसाइलों और डायनामाइट लगा कर कई हफ्तों तक तालिबान ने इस मूर्ति को तबाह करने की कोशिश की. 2003 से बामियान घाटी के सांस्कृतिक लैंडस्केप और पुरातात्विक स्थल यूनेस्को के विश्व धरोहरों में शामिल हैं.
तस्वीर: AP
आईएस और अल-हद्रा
साल 2015 की शुरुआत में आईएस ने अल-हद्रा के कई हिस्सों को नष्ट कर डाला. यह फोटो आईएस मिलिशिया द्वारा जारी वीडियो से ही निकाली गई है. इस वीडियो के सही होने की पुष्टि होने के बाद उत्तरी इराकी शहर मोसुल में हजारों साल पुरानी मूर्तियों को नष्ट करने की खबर आई.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/Militant video
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पिछले हफ्ते ही जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने पश्चिमी अफ्रीका में आतंकवाद से लड़ने के लिए और ज्यादा अंतरराष्ट्रीय सहयोग की अपील की थी. शुक्रवार को माली में हुए हमले के बाद फ्रांस और जर्मनी की संसदों के संयुक्त सत्र में उन्होंने कहा, "आने वाले दिनों में हमें इन सारे अभियानों को एक साथ लाना होगा और उनके बीच तालमेल बढ़ाना होगा.”
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सीरिया पर अमेरिका की चेतावनी
अमेरिकी विदेश मंत्री ने गठबंधन के साझीदारों से सीरिया के शिविरों में रह रहे अपने-अपने नागरिकों को वापस लाने का आग्रह किया. ब्लिंकेन ने कहा कि कुर्द फौज सीरियन डेमोक्रैटिक फोर्सेस की अगुआई में चलाए जा रहे शिविरों में दस हजार ऐसे संदिग्ध आईएस लड़ाके रह रहे हैं, जिन्हें युद्ध के दौरान गिरफ्तार किया गया था. इस स्थिति को अस्थिर बताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा अनिश्चित काल तक नहीं चल सकता.
2019 में इस्लामिक स्टेट पूर्वी सीरिया में अपना आखिरी कब्जा भी हार गया था. हालांकि सीरिया और इराक में यह संगठन आज भी सक्रिय है और यदा कदा आतंकवादी हमलों को अंजाम देता रहता है. इस साल जनवरी में इराक की राजधानी बगदाद में हुए एक हमले में कम से कम 30 लोग मारे गए थे. इसी महीने की शुरुआत में आईएस ने अफगानिस्तान में हुए एक आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 10 लोगों की जान चली गई थी.
इस संगठन से जुड़े लोग दुनिया के कई हिस्सों में सक्रिय माने जाते हैं, जिनमें अफगानिस्तान, यमन, मिस्र का उत्तरी सिनाई और पश्चिमी अफ्रीका शामिल हैं.