चार लाख कुशल श्रमिकों को आकर्षित करना चाहता है जर्मनी
२१ जनवरी २०२२
जर्मनी की नई गठबंधन सरकार हर साल विदेशों से चार लाख कुशल श्रमिकों को अपने देश में आकर्षित करना चाहती है. ऐसा कर वह प्रमुख क्षेत्रों में जनसांख्यिकीय असंतुलन और श्रम की कमी दोनों से निपटना चाहती है.
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गठबंधन सरकार में शामिल फ्री डेमोक्रेट्स (एफडीपी) के संसदीय दल के नेता क्रिस्टियान डुइर ने बिजनेस पत्रिका विर्टशॉफ्ट्स वोखे से कहा, "कुशल श्रमिकों की कमी अब तक इतनी गंभीर हो गई है कि यह नाटकीय रूप से हमारी अर्थव्यवस्था को धीमा कर रही है,"
डुइर ने आगे कहा, "हम एक आधुनिक आव्रजन नीति के साथ सिर्फ एक बूढ़े होते कार्यबल की समस्या को नियंत्रित कर सकते हैं. हमें विदेशों से चार लाख कुशल श्रमिकों के निशान तक जल्द से जल्द पहुंचना होगा."
बूढ़े होते कर्मचारी
चांसलर ओलाफ शॉल्त्स की एसपीडी, डुइर की उदारवादी एफडीपी और पर्यावरण को अपने एजेंडे पर रखने वाली ग्रीन पार्टी ने यूरोपीय संघ के बाहर के देशों के कुशल श्रमिकों के लिए एक अंक प्रणाली जैसे उपायों पर अपने गठबंधन कॉन्ट्रैक्ट में सहमति जाहिर की है और जर्मनी में काम करने को और अधिक आकर्षक बनाने के लिए राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन को 12 यूरो प्रति घंटे तक बढ़ाया है.
मिलिए जर्मनी की सरकार के नए चेहरों से
चुनावों के तीन महीनों बाद आखिरकार जर्मनी को एक नई सरकार मिल गई है. आइए आपको अंगेला मैर्केल के युग के अंत के बाद की पहली जर्मन सरकार के मुख्य चेहरों से मिलवाते हैं.
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चांसलर ओलाफ शॉल्त्स
चांसलर ओलाफ शॉल्त्स पिछली सरकार में देश के वित्त मंत्री थे. वो देश के नौवें और एसडीपी पार्टी के चौथे चांसलर हैं. वो हैम्बर्ग के महापौर भी रह चुके हैं.
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उप-चांसलर, अर्थव्यवस्था और जलवायु संरक्षण मंत्री रोबर्ट हाबेक
ग्रीन पार्टी के सह-नेता रोबर्ट हाबेक को उप-चांसलर के साथ साथ अर्थव्यवस्था और ऊर्जा मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है, जिसमें अब जलवायु को भी शामिल कर दिया गया है.
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वित्त मंत्री क्रिस्टियान लिंडनर
2013 से ही एफडीपी के नेता रहे क्रिस्टियान लिंडनर को सरकार का दूसरा सबसे शक्तिशाली पद मिला है. 42 वर्षीय लिंडनर देश के अगले वित्त मंत्री होंगे.
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विदेश मंत्री अनालेना बेयरबॉक
चुनावों में चांसलर पद के लिए शॉल्त्स की प्रतिद्वंद्वी रही ग्रीन पार्टी की अनालेना बेयरबॉक अब नई सरकार में विदेश मंत्री का कार्यभार संभालेंगी. उनके पहले उनकी पार्टी को बस एक ही बार यह पद मिला था, जब 1998 में योश्का फिशर विदेश मंत्री बने थे.
नैंसी फेजर (एसपीडी) को शॉल्त्स की कैबिनेट के सबसे बड़े आश्चर्य के रूप में देखा जा रहा है. यह संघीय स्तर पर उनकी पहली भूमिका है. उन्हें देश की पहली महिला गृह मंत्री बनने का गौरव भी प्राप्त हुआ है.
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रक्षा मंत्री क्रिस्टीने लाम्ब्रेष्ट
एसपीडी पार्टी की क्रिस्टीने लाम्ब्रेष्ट मैर्केल की सरकार में न्याय मंत्री थीं और उन्हें गृह मंत्री बनाए जाने की उम्मीद की जा रही थी. लेकिन अब उन्हें रक्षा मंत्रालय का कार्यभार सौंपा गया है.
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चांसलर दफ्तर के मंत्री वोल्फगांग श्मिट
वोल्फगांग श्मिट चांसलर दफ्तर के मंत्री के रूप में शॉल्त्स के दाहिने हाथ की भूमिका में रहेंगे. मुख्य तौर पर उनका काम विभिन्न मंत्रालयों के बीच समन्वय के अलावा गठबंधन की पार्टियों के बीच समन्वय बनाना होगा.
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हुबैर्टुस हाइल
ओलाफ शॉल्त्स की सरकार में हुबैर्टुस हाइल पिछली सरकार की ही तरह श्रम और सामाजिक मामलों के मंत्री होंगे. वे 1998 से संसद के सदस्य हैं और पार्टी के महासचिव रह चुके हैं.
कार्ल लाउटरबाख नई सरकार में स्वास्थ्य मंत्री होंगे. वे पेशे से डॉक्टर हैं और महामारी विशेषज्ञ होने की वजह से कोरोना काल में वे संसद की प्रमुख आवाज रहे हैं. अब उन पर कोरोना के नियंत्रण की जिम्मेदारी होगी.
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चेम ओएजदेमिर
चेम ओएजदेमिर ग्रीन पार्टी के प्रमुख रहे हैं और देश में ग्रीन पार्टी के सबसे लोकप्रिय नेताओं में शामिल हैं. वे नई सरकार में कृषि मंत्री होंगे और उन पर कृषि क्षेत्र को और पर्यावरण सम्मत बनाने की जिम्मेदारी है.
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स्टेफी लेम्के
स्टेफी लेम्के ओलाफ शॉल्त्स की सरकार में पर्यावरण और प्रकृति संरक्षण की मंत्री होंगी. ये पर्यावरणवादी ग्रीन पार्टी के लिए अहम मंत्रालय है और इन्हीं सरोकारों के कारण बहुत से लोग ग्रीन पार्टी में शामिल होते हैं.
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आने श्पीगेल
आने श्पीगेल नई जर्मन सरकार में परिवार और महिला कल्याण मंत्री होंगी. इस समय वे राइनलैंड पलैटिनेट में पर्यावरण मंत्री हैं. उनपर काम और परिवार में सामंजस्य बनाने वाले कानूनों पर सहमति बनाने की जिम्मेदारी होगी.
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मार्को बुशमन
एफडीपी प्रमुख क्रिस्टियान लिंडनर के निकट सहयोगी मार्को बुशमन नई सरकार में कानून मंत्री होंगे. पार्टी को फिर से संसद और सरकार में लाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है.
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बेटीना श्टार्क-वात्सिंगर
बेटीना श्टार्क-वात्सिंगर नई जर्मन सरकार में शिक्षा मंत्री होंगी. संसद की बजट समिति के सदस्य के रूप में वे शिक्षा मंत्रालय का बजट तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. शिक्षा जगत को भावी चुनौतियों के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी अगले सालों में उनकी होगी.
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फोल्कर विसिंग
फोल्कर विसिंग को नई जर्मन सरकार में परिवहन और डिजिटलाइजेशन मंत्रालय दिया गया है. जर्मनी में डिजिटलाइजेशन की चुनौतियों को देखते हुए इस मंत्रालय को अहम माना जा रहा है.
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जर्मन आर्थिक संस्थान का अनुमान है कि इस साल श्रम बल में तीन लाख से अधिक लोगों की कमी आएगी, क्योंकि श्रम बाजार में नए युवाओं के आने की तुलना में अधिक बूढ़े कर्मचारी रिटायर हो रहे हैं.
यह अंतर 2029 में साढ़े छह लाख से अधिक होने की उम्मीद है. जिससे 2030 में कामकाजी उम्र के लोगों की संचित कमी लगभग 50 लाख हो जएगी. कोरोना वायरस महामारी के बावजूद पिछले साल रोजगार में जर्मनों की संख्या बढ़कर लगभग 4.5 करोड़ हो गई.
दशकों से कम होती जन्म दर और असमान प्रवासन के बाद से ही सिकुड़ती हुई श्रम शक्ति जर्मनी की सार्वजनिक पेंशन प्रणाली के लिए एक जनसांख्यिकीय संकट खड़ा कर रही है.
एए/सीके (रॉयटर्स)
कहां होता है हफ्ते में चार दिन काम
आइसलैंड में चार दिन के हफ्ते का प्रयोग ऐसा सफल हुआ कि दुनिया भर में अब हफ्ते में चार दिन काम की चर्चा हो रही है. लेकिन आइसलैंड से पहले भी कई देश ऐसा प्रयोग कर चुके हैं. देखिए, कहां क्या हुआ...
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आइसलैंड की सफलता
इसी महीने आई एक रिपोर्ट में आइसलैंड के शोधकर्ताओं ने कहा है कि हफ्ते में चार दिन काम कराने का प्रयोग काफी सफल रहा है. 2015 से 2019 के बीच परीक्षण के तौर पर सरकारी कर्मचारियों को समान वेतन पर हफ्ते में चार दिन काम करने का विकल्प दिया गया था.
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कमतर नहीं हुआ प्रदर्शन
आइसलैंड का अनुभव कहता है कि कर्मचारियों का प्रदर्शन किसी सूरत पहले से घटा नहीं. राजधानी रेक्याविक की काउंसिल ने यह प्रयोग शुरू किया जिसमें बाद में देश के 86 प्रतिशत कर्मचारियों को शामिल कर लिया गया. 5 दिन में 40 घंटे के बजाय कर्मचारियो को 4 दिन में 35 से 36 घंटे काम करने का विकल्प दिया गया.
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स्पेन
मार्च में स्पेन की सरकार ने काम के दिन हफ्ते में चार करने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया था. सत्ताधारी गठबंधन की वामपंथी पार्टी मास पाइस ने कहा कि सरकार ने उनका काम के दिन को चार करने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है. पार्टी ने कहा कि इस विचार का वक्त अब आ चुका है.
तस्वीर: Corte Ingles Madrid-Callao
जापान
इसी साल जून में जापान की सरकार ने अपने सालाना आर्थिक दिशा निर्देश जारी करते हुए हफ्ते मे चार दिन काम करने की जरूरत पर जोर दिया था. सरकार की कोशिश है कि लोग काम और जिंदगी के बीच संतुलन को बेहतर बनाएं. इसी सिलसिले में सरकार ने कंपनियों से कहा है कि वे अपने कर्मचारियों को हफ्ते में पांच दिन के बजाय चार ही दिन काम करने का विकल्प दें.
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फिनलैंड
पिछले साल फिनलैंड की प्रधानमंत्री सना मैरिन ने भी ऐसा ही सुझाव दिया था. मौजूदा दौर में दुनिया की सबसे युवा प्रधानमंत्री मैरिन ने कहा था कि देश में काम के घंटे कम किए जाने की जरूरत है, तो या हफ्ते में चार दिन कर दिए जाएं या फिर दिन में छह घंटे ही काम हो.
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न्यूजीलैंड
बहुराष्ट्रीय कंपनी यूनिलीवर की न्यूजीलैंड शाखा भी हफ्ते में चार दिन काम के विकल्प का प्रयोग कर रही है. पिछले साल दिसंबर से कंपनी ने अपने कर्मचारियों को अपने काम के घंटों में 20 प्रतिशत की कमी का विकल्प दिया, जिसकी एवज में सैलरी में कोई कटौती नहीं होगी. यह ट्रायल इस साल दिसंबर तक चलेगा.
तस्वीर: Rafael Ben-Ari/Chameleons Eye/Newscom/picture alliance
गांबिया
गांबिया ने 2012 में ही यह क्रांतिकारी फैसला ले लिया था. तत्कालीन राष्ट्रपति याहया जामेह ने देश में चार दिन का हफ्ता लागू कर दिया था. शुक्रवार का दिन पूजा-पाठ और खेती करने के लिए दे दिया गया था. लेकिन उनके बाद राष्ट्रपति बने अदामा बैरो ने 2017 में यह योजना बंद कर दी और शुक्रवार को भी आधे दिन काम को जरूरी बना दिया.