1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें
ऑटो और मोबिलिटीजर्मनी

जर्मनी: क्या फोक्सवागन के संकट से उबर पाएगा वोल्फ्सबुर्ग शहर

नदीन मेना मिशोलेक
२५ अक्टूबर २०२४

उत्तरी जर्मनी के वोल्फ्सबुर्ग शहर में रहने वाले ज्यादातर लोग फोक्सवागन के लिए काम करते हैं या उनका कारोबार इसी कंपनी के सहारे चलता है. फिलहाल यह कंपनी बुरे दौर से गुजर रही है. ऐसे में पूरा शहर डर के साये में जी रहा है.

जर्मनी के वोल्फ्सबुर्ग शहर में फोक्सवागन कार कंपनी के मुख्यालय पर लगा लोगो
5,238 यूरो की औसत आय के साथ वोल्फ्सबुर्ग, जर्मनी के सबसे अमीर शहरों में से एक हैतस्वीर: Ronny Hartmann/AFP

वोल्फ्सबुर्ग शहर, जर्मनी के लोअर सैक्सनी राज्य में है. जब आप ट्रेन से इस शहर में प्रवेश करते हैं, तो सबसे पहले आपको एक विशाल फैक्ट्री की चार चिमनियां दिखती हैं. लाल-भूरे रंग की ईंट की दीवारों के सामने नीले और सफेद रंग में फोक्सवागन का लोगो बना हुआ है. इससे पता चलता है कि आप दुनिया की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनियों में से एक फोक्सवागन के शहर में पहुंच चुके हैं.

वोल्फ्सबुर्ग शहर का अस्तित्व फोक्सवागन कार फैक्ट्री के कारण हैतस्वीर: Nadine Mena Michollek/DW

वोल्फ्सबुर्ग जर्मनी के उन कुछ शहरों में से एक है, जिसे 20वीं सदी के शुरुआती दशकों में नियोजित तरीके से बसाया गया था. इसका मतलब है कि इसे एक मकसद को ध्यान में रखते हुए अविकसित इलाके में डिजाइन किया गया था.

हिटलर के नाजी शासन में 1 जुलाई 1938 को स्थापित वोल्फ्सबुर्ग को उन श्रमिकों के रहने के लिए तैयार किया गया था, जो तथाकथित केडीएफ-वागन के उत्पादन से जुड़े थे. केडीएफ-वागन कम लागत वाली सस्ती कार थी, जो 'थर्ड राइष' यानी 1933 से लेकर 1945 तक के नाजी जर्मनी के क्राफ्ट डुर्च फ्रॉयडे अभियान का हिस्सा थी. बाद में यह कार बीटल के रूप में प्रसिद्ध हो गई.

फोक्सवागन कर्मचारियों ने कैसे और बढ़ाई जर्मन कार कंपनी की परेशानी

वोल्फ्सबुर्ग शहर का अस्तित्व फोक्सवागन कार फैक्ट्री के कारण है. कुछ लोग यह भी कहते हैं कि अगर फोक्सवागन छींकता है, तो वोल्फ्सबुर्ग को सर्दी हो जाती है.

वोल्फ्सबुर्ग के अधूरे सपने

फिलहाल, फोक्सवागन का उभरता संकट शहर में चर्चा का विषय बना हुआ है. यूरोप की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी अपने इतिहास में पहली बार जर्मन संयंत्रों को बंद करने और हजारों कर्मचारियों को नौकरी से निकालने की योजना बना रही है.

वोल्फ्सबुर्ग शहर में करीब 1,20,000 लोग रहते हैं. इनमें 60,000 से ज्यादा लोग फोक्सवागन के लिए काम करते हैं. फोक्सवागन के कर्मचारियों का वेतन, इस उद्योग से जुड़ी अन्य कंपनियों में मिलने वाले औसत वेतन से ज्यादा है. यहां साल 2023 में हर घंटे के हिसाब से औसत वेतन करीब 62 यूरो दिया गया.

भारी मुश्किल में जर्मनी की पहचान फोल्क्सवागन

रियल एस्टेट एजेंट क्रिस्टिन रोएस्सर बताती हैं कि यहां के लोग सामान्य जर्मन व्यक्ति की तरह अभी भी बगीचे वाले एक घर, कार और परिवार का सपना जीवित रखे हुए हैं. उन्होंने बंगले जैसे एक घर को दिखाते हुए डीडब्ल्यू को बताया कि वोल्फ्सबुर्ग में रहने वाले फोक्सवागन के कई कर्मचारियों के घर भी इसी तरह के हैं. कमरे को अलग करने वाली दीवार, पेट्रोल के रंग वाला पीवीसी फर्श और रसोई की पीले रंग की टाइलें उन दिनों की याद दिलाती हैं, जब इनमें से कई घर 1960 के दशक में बनाए गए थे.

फोक्सवागन से बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी का अंदेशा हैतस्वीर: Nadine Mena Michollek/DW

रोएस्सर ने अब तक की अपनी पूरी जिंदगी वोल्फ्सबुर्ग में ही बिताई है. हालांकि, इन दिनों वह महसूस कर रही हैं कि शहर के लोग अपने भविष्य को लेकर काफी चिंतित हैं. वह बताती हैं कि फोक्सवागन के कर्मचारी उनसे "अपने घरों को बेचने के लिए कह रहे हैं, इससे पहले की घरों की कीमत कम हो जाए." कई ग्राहकों ने अपना मन बदल लिया और आखिरी समय में घर खरीदने के अनुबंध रद्द कर दिए.

रोएस्सर ने बताया, "लोग नया घर खरीदने में हिचकिचा रहे हैं. जब तक उन्हें यह पता नहीं चल जाता कि फोक्सवागन क्या फैसला करेगी, तब तक वे अपना पैसा बचाकर रखना चाहते हैं."

बीते साल 10 अलग-अलग ब्रैंड वाले इस कार समूह ने 18 अरब यूरो से अधिक का मुनाफा कमाया और शेयरधारकों को 4.5 अरब यूरो का लाभांश दिया. इसके बावजूद, फोक्सवागन प्रबंधन ने पिछले साल कार्यक्षमता कार्यक्रम शुरू किया. इसका उद्देश्य प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए 2026 तक 10 अरब यूरो की बचत करना था.

चीनः क्या यूरोप से लेगा इलेक्ट्रिक वाहनों पर ड्यूटी बढ़ाने का बदला!

हालांकि, अगस्त 2024 में प्रबंधन ने कहा कि निराशाजनक नतीजे मिलने के बाद बचत से जुड़े अन्य उपायों की जरूरत थी. इसमें जर्मनी में संभवतः दो कार संयंत्रों को बंद करना और 1,20,000 कर्मचारियों की छंटनी शामिल है.

वोल्फ्सबुर्ग शहर में करीब 1,20,000 लोग रहते हैं. इनमें आधे से ज्यादा लोग फोक्सवागन के लिए काम करते हैंतस्वीर: Nadine Mena Michollek/DW

फोक्सवागन कंपनी में चिंता भरी खामोशी

अक्टूबर का एक सामान्य दिन था. दोपहर के 2 बजे अपनी सुबह की शिफ्ट खत्म करके सैकड़ों कर्मचारी गेट नंबर 17 से गुजर रहे थे. वे फोक्सवागन के लोगो वाला स्वेटर या शर्ट पहने हुए थे. जब वे फैक्ट्री के बाहर विशाल कार पार्किंग की ओर बढ़ रहे थे, तो उनके चेहरे पर उदासी साफ तौर पर झलक रही थी. उनमें से शायद ही कोई डीडब्ल्यू से बात करना या अपनी तस्वीर खिंचवाना चाह रहा था.

जर्मनीः कामयाब होगी अर्थव्यवस्था की रीढ़ बचाने की कोशिश?

हाल के हफ्तों में फोक्सवागन की परेशानियों के बारे में मीडिया में काफी चर्चा हुई है और खबरें लिखी गई हैं. इसलिए, उनमें से ज्यादातर लोग बार-बार एक ही सवाल का जवाब देने के मूड में नहीं थे. एक व्यक्ति ने कहा, "बेशक, कर्मचारी अपनी नौकरी के लिए डरे हुए हैं." वहीं, दूसरे ने कहा कि अब वे बस इतना ही कर सकते हैं कि कार निर्माता के भविष्य के बारे में आश्वस्त रहें. उन्होंने कहा, "हम कई संकटों से बचे हैं. हम इस संकट से भी बच जाएंगे."

5,238 यूरो की औसत आय के साथ वोल्फ्सबुर्ग, जर्मनी के सबसे अमीर शहरों में से एक है और अर्थव्यवस्था का बड़ा केंद्र है. यह इंगोलस्टाड में रहने वाले लोगों के बाद दूसरे स्थान पर है, जहां कार निर्माता कंपनी ऑडी का मुख्यालय है.

फोक्सवागन का गहराता संकट वोल्फ्सबुर्ग शहर में चर्चा का विषय बना हुआ हैतस्वीर: Horst Galuschka/IMAGO

बदल रहा है वोल्फ्सबुर्ग का समय

फोक्सवागन के मुनाफे पर लगाए गए कारोबारी टैक्स ने वोल्फ्सबुर्ग को अमीर बना दिया, लेकिन अगर आप शहर के मुख्य केंद्र यानी सिटी सेंटर को देखते हैं, तो ऐसा नहीं लगता है.

वोल्फ्सबुर्ग कारों का शहर है और इसका सेंटर चौड़ी सड़कों से घिरा हुआ है, जहां पार्किंग के लिए काफी जगह है. अक्टूबर की इस धूप भरी दोपहरी में भी हमें यहां खालीपन दिखा. कुछ खरीदार पोर्श स्ट्रीट पर टहलते हुए दिखे, लेकिन वे ज्यादातर खाली दुकानों, निकेल-एंड-डाइम के कुछ स्टोर और जुए के हॉल की टिमटिमाती रोशनी के बीच से गुजर जाते हैं.

हाई-स्ट्रीट बुलेवार्ड के किनारे मौजूद कुछ कैफे और बार में भी उतनी भीड़ नहीं है, जितनी अक्टूबर के किसी गुनगुने दिन में होने की उम्मीद की जाती है. जूलियानो सालियोव्स्की कहते हैं कि कुछ समय पहले तक उनके कई ग्राहक हफ्ते में एक बार डिनर के लिए आते थे, लेकिन अब वे अक्सर महीने में एक बार ही आते हैं.

कोसोवो से आए शरणार्थी सालियोव्स्की और उनकी पत्नी ने कई साल पहले वोल्फ्सबुर्ग में एक होटल और रेस्तरां खोला था. वे अपने ग्राहकों के बीच काफी लोकप्रिय हैं. वे अपने ज्यादातर ग्राहकों को नाम से जानते हैं और नाम लेकर व्यक्तिगत रूप से उनका स्वागत करते हैं. वह बताते हैं, "कोरोना महामारी की वजह से पहले ही डिनर और होटल रिजर्वेशन की संख्या काफी कम हो गई थी. अब यह और भी घट गई है. इससे पहले अक्टूबर महीने में क्रिसमस के लिए काफी बुकिंग होती थी, लेकिन इस बार ऐसा नहीं है."

फिर भी, सालियोव्स्की को उम्मीद है कि हालात बदलेंगे. उनके पास इस शहर में पहले से ही प्रॉपर्टी है और वे एक नई इमारत खरीदकर वोल्फ्सबुर्ग में अपने कारोबार को बढ़ाने की योजना भी बना रहे हैं.

जर्मन कारों की गिरती साख

02:06

This browser does not support the video element.

वोल्फ्सबुर्ग को औद्योगिक संग्रहालय बनने का डर

वोल्फ्सबुर्ग में कार उत्पादन के शानदार दिनों को डीजल स्ट्रीट पर मौजूद फोक्सवागन संग्रहालय में दिखाया गया है. यहां कई विंटेज कारों की प्रदर्शनी लगाई गई है, जिनमें कंपनी के सभी लोकप्रिय मॉडल दिखाए गए हैं. इनमें बीटल भी शामिल है. 1938 से 2003 के बीच दो करोड़ से अधिक बीटल कारों का उत्पादन हुआ. वहीं, फोक्सवागन के मिनी बस को भी प्रदर्शनी में दिखाया गया है, जिसे 1960 के दशक में काफी पसंद किया जाता था.

यह संग्रहालय पर्यटकों के बीच काफी लोकप्रिय हो रहा है. पिछले साल वोल्फ्सबुर्ग घूमने आए तीन लाख से अधिक लोग इस संग्रहालय में पहुंचे. इसके अलावा, तथाकथित ऑटोस्टाड (ऑटो सिटी) भी आकर्षण का केंद्र है. 28 हेक्टेयर में बना यह थीम पार्क 'मोबिलिटी की दुनिया' की झलक दिखाता है. यहां पता चलता है कि किस तरह से कार की दुनिया समय के साथ बदलती गई. साथ ही, यही वह जगह है जहां अब तक 30 लाख से अधिक ड्राइवरों को उनकी नई फोक्सवागन कारों की चाबी सौंपी गई. 

अब स्थितियां बदल रही हैं. एक टैक्सी ड्राइवर ने डीडब्ल्यू को बताया कि वोल्फ्सबुर्ग में पर्यटकों की संख्या लगातार कम हो रही है. उन्होंने बताया कि कई साल पहले टैक्सी कंपनियों को पर्यटकों और कारोबारी यात्रियों की मांग को पूरा करने में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता था. या यूं कहें कि वे मांग पूरा करने में असमर्थ थीं.

क्या इसका मतलब यह हो सकता है कि वोल्फ्सबुर्ग अब ज्यादा दिनों तक यूरोप की कार उत्पादन राजधानी के तौर पर अपनी पहचान बरकरार नहीं रख पाएगा? क्या यह संभव है कि जो कंपनी कुछ साल पहले तक कारों की बिक्री के मामले में अगली पंक्ति में खड़ी थी, वह अपने इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए पर्याप्त ग्राहक हासिल नहीं कर पा रही है?

हमने जिनसे बात की, उन टैक्सी ड्राइवर को लगता है कि वोल्फ्सबुर्ग के सुनहरे दिन खत्म हो चुके हैं. वह कहते हैं, "वे दिन काफी पहले बीत चुके हैं. मुझे लगता है कि स्थिति और भी बदतर हो सकती है."

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें