भारत समेत दुनिया भर में जब कैशलेस अर्थव्यवस्था पर जोर दिया जा रहा है, वहीं जर्मनी में आम लोगों को अब भी कैश से पेमेंट करना ही सबसे ज्यादा पसंद है.
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जर्मनी के केंद्रीय बैंक बुंडेसबांक के एग्जीक्यूटिव बोर्ड के एक सदस्य कार्ल-लुडविष थीले का कहना है, "कैश अब भी सबसे लोकप्रिय है. हालांकि कार्ड से पेमेंट का चलन भी बढ़ रहा है." उन्होंने बुंडेसबांक के एक अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि काउंटर पर होने वाले 74 फीसदी पेमेंट अब भी नोटों और सिक्कों के जरिए होते हैं.
पांच यूरो से कम से राशि अकसर कैश ही जाती है. लेकिन टर्नओवर के हिसाब से देखें तो पिछले साल कैश पेमेंट घटकर 48 फीसदी रह गया. पहली बार ऐसा हुआ है जब यह 50 फीसदी से कम हुआ है. बुंडेसबांक का अध्ययन बताता है कि आम तौर पर एक जर्मन व्यक्ति अपने साथ 107 यूरो लेकर चलता है जिसमें लगभग छह यूरो सिक्कों में होते है और बाकी रकम नोटों में.
अध्ययन के लिए किए गए सर्वे में दो हजार से ज्यादा लोगों ने हिस्सा लिया. इनमें से 88 फीसदी का कहना था कि वे भविष्य में भी कैश पेमेंट करना ही पसंद करेंगे. कार्ड से पेमेंट की बात करें तो उसमें सबसे ज्यादा गीरो कार्ड या फिर ईसी कार्ड और डेबिट कार्ड सबसे ज्यादा लोगों की पसंद हैं. जर्मनी में स्मार्टफोन से बहुत ही कम लोग पेमेंट करते हैं. आम लोग फोन से ट्रांजेक्शन करने को लेकर सहज नहीं हैं, हालांकि ऐसे सेवाएं देने वाली कंपनियां इसे बिल्कुल सुरक्षित बताती हैं.
एके/ओएसजे (डीपीए)
दुनिया से 10 सबसे कैशलेस देश
भारत में नोटबंदी के बाद कैशलेस व्यवस्था को बढ़ावा देने पर बहुत जोर दिया जा रहा है. एक नजर दुनिया के सबसे ज्यादा कैशलेस देशों पर.
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10. दक्षिण कोरिया
मास्टर कार्ड कैशलेस जर्नी नाम की एक रिपोर्ट में दुनिया की सबसे ज्यादा कैशलेस अर्थव्यवस्थाओं का ब्यौरा दिया गया है. इस लिस्ट में 10वें पायदान पर दक्षिण कोरिया है जहां समूचे कंज्यूमर पेमेंट का 70 फीसदी पेमेंट कैशलेस होता है. देश की 58 फीसदी आबादी के पास डेबिट कार्ड है.
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9. जर्मनी
सबसे कैशलेस देशों की फेहरिस्त में नौवें नंबर पर यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी है. यहां कुल कंज्यूमर पेमेंट का 76 प्रतिशत भुगतान कार्ड या अन्य कैशलेस तरीकों से होता है. 88 फीसदी आबादी के पास डेबिट कार्ड है.
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8. अमेरिका
अमेरिका में 72 प्रतिशत लोगों के पास डेबिट कार्ड है जबकि कुल कंज्यूमर पेमेंट का 80 फीसदी पेमेंट कैशलेस होता है. हालत यह है कि वहां एटीएम मशीनों की प्रासंगिकता पर सवाल उठने लगे हैं.
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7. नीदरलैंड्स
नीदरलैंड्स ने कैशलेस होने के मामले में खासी प्रगति की है जहां कुल कंज्यूमर पेमेंट का 85 फीसदी पेमेंट कैशलेस हो रहा है. देश के 98 प्रतिशत लोगों के पास डेबिट कार्ड है. राजधानी एम्सटरडैम में पार्किंग वाले तक कैश नहीं लेते, सिर्फ कार्ड से ही पेमेंट होता है.
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6. ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया में 79 प्रतिशत लोगों के पास डेबिट कार्ड है जबकि कंज्यूमर पेमेंट का 86 प्रतिशत कैशलेस होता है. वहां कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कई आयोजन होते हैं.
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5. स्वीडन
स्वीडन में 2008 में जहां 110 बैंक डकैतियां हुईं, वहीं 2011 में इतनी संख्या घटकर 16 रह गई. वजह है बैंकों में कम से कम कैश होना. कैशलेस देशों की सूची में स्वीडन पांचवें नंबर पर है जहां कंज्यूमर पेमेंट का 89 फीसदी हिस्सा कैशलेस है. देश के 96 प्रतिशत लोगों के पास डेबिट कार्ड है.
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4. ब्रिटेन
लंदन की मशहूर डबल डेकर बस में चढ़ने से पहले सुनिश्चित कर लें कि आपके पास या तो 'ओइस्टर कार्ड' हो या प्रिपेड टिकट, क्योंकि इसमें कैश नहीं चलता. वैसे पूरे ब्रिटेन में कैश का चलन घट रहा है. कुल कंज्यूमर पेमेंट का 89 कैशलेस ही होता है और 88 फीसदी लोगों के पास डेबिट कार्ड हैं.
कनाडा में कुल कंज्यूमर पेमेंट का 90 फीसदी कैशलेस होता है जबकि देश के 88 फीसदी लोगों के पास डेबिट कार्ड है. वैसे, कनाडा ने 2013 से सेंट के सिक्के बनाना बंद कर दिया है. यानी वहां भी कैशलेस होने पर ज्यादा से ज्यादा जोर है.
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2. फ्रांस
फ्रांस में 69 प्रतिशत लोगों के पास डेबिट कार्ड है, हालांकि कुल कंज्यूमर पेमेंट का 92 फीसदी हिस्सा कैशलेस होता है. फ्रांस में तीन हजार यूरो से ज्यादा कैश के लेन-देन की अनुमति नहीं है.
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1. बेल्जियम
फिलहाल बेल्जियम दुनिया का सबसे ज्यादा कैशलेस देश है जहां कुल कंज्यूमर पेमेंट का 93 फीसदी कैशलेस होता है. देश की 86 फीसदी आबादी के पास डेबिट कार्ड है. वहां अगर तीन हजार यूरो से ज्यादा कैश का लेन-देन किया तो सवा दो लाख यूरो तक का जुर्माना हो सकता है.