जी-20: इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश करेगा जर्मनी
१९ मार्च २०१८
जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में हुए जी20 के शिखर सम्मेलन का मुख्य मुद्दा जलवायु परिवर्तन था. लेकिन जानिए कि जी20 आखिर है क्या?
आखिर क्या है जी20
इस वर्ष जी20 का शिखर सम्मेलन जर्मनी के हैम्बर्ग शहर में किया जा रहा है और मुख्य मुद्दा जलवायु परिवर्तन है. लेकिन इस सबसे पहले जरूरी है कि आप जानें कि जी20 आखिर है क्या.
जी20 क्या है
20 सदस्यों का समूह जी 20 एक अंतर्राष्ट्रीय मंच है जो दुनिया के 20 प्रमुख औद्योगिक और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं को एक साथ लाता है. जी20 विश्व के सकल घरेलू उत्पाद के 85 प्रतिशत और कुल आबादी के दो तिहाई हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है.
जी20 का गठन कब हुआ
1999 में जी20 का गठन हुआ था. तब यह केवल सदस्य देशों के वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गर्वनरों का संगठन था. पहला जी20 शिखर सम्मेलन बर्लिन में दिसंबर 1999 में हुआ, जिसे जर्मनी और कनाडा के वित्त मंत्रियों ने आयोजित किया था.
2008 में हुआ बदलाव
2008 में आयी वैश्विक मंदी से निपटने के लिए जी20 में बड़े बदलाव हुए और इसे शीर्ष नेताओं के संगठन में तब्दील कर दिया गया. 2008 में अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में हुआ जी20 शिखर सम्मेलन पूरी तरह वित्तीय बाजारों और विश्व अर्थव्यवस्था की हालत दुरुस्त करने पर केंद्रित था.
कौन कौन हैं सदस्य
जी20 के 20 सदस्यों के नाम हैं जर्मनी, अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ, चीन, भारत, रूस, सऊदी अरब, जापान, दक्षिण कोरिया, अर्जेंटीना, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, इंडोनेशिया, इटली और मेक्सिको.
जी20 का शिखर सम्मेलन कब होता है
बैठकें वार्षिक आधार पर होती हैं. हालांकि 2009 और 2010 में जब विश्व अर्थव्यवस्था संकट में थी तब नेताओं ने वर्ष में दो बार मुलाकात की थी.
इस बार का सम्मेलन
जर्मनी ने दिसंबर 2016 में जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की. हालांकि बर्लिन ने 1999 और 2004 में मंत्री स्तर की जी20 की बैठक की मेजबानी की थी. लेकिन हैम्बर्ग में जर्मनी पहली बार जी20 के शिखर सम्मेलन का आयोजन कर रहा है.
कौन करता है जी20 का आयोजन
जी20 का कोई स्थायी अध्यक्ष नहीं होता. हर साल एक नया सदस्य संगठन का अध्यक्ष बनाया जाता है और वही सम्मेलन का आयोजन करता है. पिछली साल जी20 का शिखर सम्मेलन चीन में किया गया था.
अध्यक्ष होने का क्या फायदा
अध्यक्षता और शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहे सदस्य के पास एजेंडा सेट करने और चर्चाओं का नेतृत्व करने का एक अवसर होता है. साल 2018 में अर्जेंटीना जी20 के शिखर सम्मेलन का आयोजन करेगा.
अनिवार्य नियम नहीं
जी20 के सदस्य अनिवार्य रूप से विश्व की सबसे ताकतवर अर्थव्यवस्थाएं नहीं हैं. जैसे अर्जेंटीना की अर्थव्यवस्था स्विट्जरलैंड से छोटी है लेकिन वह फिर भी वह जी20 का सदस्य है.
आलोचना
जी20 की काफी आलोचना भी होती है. आलोचकों का आरोप है कि यह "स्व घोषित" मंच संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक जैसी विश्व संस्थाओं की भूमिका को कम करता है.
विरोध प्रदर्शन
हर साल शिखर सम्मेलन में देशों के शीर्ष नेताओं के अलावा बड़ी संख्या में सामाजिक कार्यकर्ता भी पहुंचते हैं जो गरीबी, पर्यावरण, भेदभाव जैसे मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन करते हैं.