मिलिट्री सीक्रेट समझौता करेंगे जर्मनी और दक्षिण कोरिया
२२ मई २०२३
30 साल में पहली बार द्विपक्षीय वार्ता के लिए जर्मनी के चांसलर ओलाफ शॉत्ल्स, दक्षिण कोरिया पहुंचे. जर्मनी एशिया में चीन की भरपायी कर सकने वाले पार्टनर खोज रहा है.
विज्ञापन
जर्मन चांसलर ओलाफ शॉल्त्स ने उत्तर कोरिया से और परमाणु मिसाइल परीक्षण न करने की अपील की है. जर्मन चांसलर जापान के हिरोशिमा में आयोजित जी7 के सम्मेलन के बाद रविवार को दक्षिण कोरिया की राजधानी पहुंचे. 30 साल में यह पहला मौका है जब जर्मनी के चांसलर द्विपक्षीय वार्ता के लिए दक्षिण कोरिया गये हैं.
दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यून सुक-येओल ने जर्मन चांसलर की सियोल यात्रा के दौरान मिलिट्री सीक्रेट समझौते की घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह समझौता खुफिया सैन्य जानकारी की सुरक्षा करेगा, और "डिफेंस उद्योग की सप्लाई चेन को सुगम तरीके से चलाने में" मदद देगा.
इस दौरान जर्मन चांसलर ने कहा कि उत्तर कोरिया के बैलिस्टिक व मिसाइल टेस्ट, अब भी कोरियाई प्रायद्वीप में मौजूद एक खतरनाक स्थिति का संकेत हैं. उन्होंने प्योंगयांग से अपील करते हुए कहा ये परीक्षण "इलाके की स्थिरता और सुरक्षा के लिए खतरा" हैं.
बातचीत में भूरणनीति और अर्थव्यवस्था पर फोकस
जर्मन चांसलर और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति की बातचीत में हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सुरक्षा संबंधी चुनौतियों, जलवायु परिवर्तन और यूक्रेन पर रूसी हमला छाये रहे.
जर्मन अर्थव्यवस्था चीन पर बहुत ज्यादा निर्भर है. बर्लिन इस निर्भरता को घटाना चाहता है. इसके लिए उसे एशिया के अन्य देशों के साथ अपने रिश्ते और बढ़ाने होंगे. चीन, जापान और भारत के बाद दक्षिण कोरिया, एशिया की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था है.
जर्मन चांसलर ने आशा जतायी कि दक्षिण कोरिया चिप निर्माण में जर्मनी में निवेश करेगा. उन्होंने दोनों देशों के बीच हाई टेक और स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में कारोबारी रिश्ते नयी ऊंचाइयों पर ले जाने की उम्मीद भी जतायी.
जर्मनी चीन पर से अपनी निर्भरता घटाने में इतना विवश क्यों है?
02:17
इस मुलाकात से पहले दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति यून भी हिरोशिमा में थे. जी7 सम्मेलन के दौरान उन्होंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की. इसके बाद सियोल में जर्मन चांसलर का स्वागत करते हुए यून ने कहा, "आज से, मैं उम्मीद करता हूं कि दक्षिण कोरिया और जर्मनी पारस्परिक और भविषयोन्मुखी सहयोग और ज्यादा बढ़ाएंगे और यूरोप व एशिया में शांति और समृद्धि के लिए बंधुत्व को मजबूत करेंगे."
असैन्य क्षेत्र में शॉल्त्स
जर्मन चांसलर कोरियाई प्रायद्वीप को उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया में बांटने वाले असैन्य क्षेत्र में भी गये. इस दौरान शॉल्त्स की पत्नी ब्रिटा एर्न्स्ट भी उनके साथ थीं. उत्तर कोरिया की सीमा से सटे इस इलाके को जुलाई 1953 में असैन्य क्षेत्र बनाने में समझौता हुआ था. इस समझौते तक पहुंचने से पहले तीन साल तक युद्ध भी हुआ.
असैन्य क्षेत्र में शॉल्त्स ने कहा कि 1949 से 1990 तक जर्मनी भी विभाजित था. इस लिहाज से उनके लिए इस बॉर्डर को देखना बेहद भावुक पल है. शॉल्त्स ने कहा, "आज जर्मनी एक है. यह आज हमारी महान संपत्ति है."
ओएसजे/एए (एएफपी, डीपीए)
बर्लिन, दीवार गिरने से पहले और बाद में
जर्मन राजधानी बर्लिन कई दशकों तक बंटी रही. 32 साल पहले, 3 अक्टूबर 1990 को पूर्वी और पश्चिमी जर्मनी के एकीकरण के बाद से वहां बहुत कुछ बदल गया है. आज जर्मन एकता दिवस पर देखिए- बर्लिन, कैसा था तब और अब कैसा है!
ब्रांडेनबुर्ग गेट
1791 में बना ब्रांडेनबुर्ग गेट यकीनन बर्लिन की सबसे प्रसिद्ध निशानी है. यह विभाजन के समय पूर्व और पश्चिम के बीच की सीमा का चिह्न था. पूर्वी क्षेत्र में खड़ा ये स्मारक पश्चिमी जनता के लिए पहुंच के बाहर था. लेकिन जब 1989 में बर्लिन की दीवार गिर गई तो सब कुछ बदल गया और बाधाएं नहीं रहीं. अब शहर के इस प्रतीक को देखने के लिए जर्मनी और विदेशों से लाखों लोग आते हैं.
होहेनशोएनहाउजेन जेल
1989 तक होहेनशोएनहाउजेन जेल पूर्वी जर्मनी की खुफिया पुलिस स्टाजी की मुख्य जेल थी. यहां राजनीतिक कैदियों को रखा जाता था और उन्हें मनोवैज्ञानिक और शारीरिक यातना दी जाती थी. इमारत को पूरी तरह गोपनीय रखा गया था. शहर के किसी नक्शे में यह नहीं दिखता था. जर्मन एकीकरण के बाद इसे बंद कर दिया गया और कुछ साल बाद यहां स्मारक बन गया. यहां आने वाले खुफिया पुलिस स्टाजी के काले अतीत के बारे में जान सकते हैं.
बर्लिन की दीवार
बर्लिन की दीवार ने शहर को 28 सालों तक पूर्व और पश्चिम में विभाजित कर रखा था. पूर्वी जर्मनी से भागने के लिए इस 155 किलोमीटर लंबे (96 मील), अत्यधिक संरक्षित किलेबंदी को पार करने की कोशिश में कई लोग मारे गए. हताहतों की सही संख्या अभी तक पता नहीं है. ईस्ट साइड गैलरी, बर्लिन दीवार का अब सबसे लंबा बचा हुआ टुकड़ा है जिसे एकीकरण के साल जर्मनी और विदेशी कलाकारों ने पेंट किया.
पूर्वी बर्लिन के फ्रीडरिषहाइन इलाके में 1970 से 1991 तक सोवियत नेता व्लादिमीर लेनिन की लाल ग्रेनाइट की 19 मीटर ऊंची मूर्ति खड़ी थी. यह वामपंथी नेता को समर्पित इलाका था. बर्लिन दीवार के गिरने के बाद एकीकृत शहर के प्रशासन ने प्रतिमा को हटाने का फैसला लिया. आज, लेनिन स्क्वायरका नाम बहल कर यूनाइटेड नेशन स्क्वायर कर दिया गया है.
पैलेस ऑफ रिपब्लिक से बर्लिन पैलेस
साम्यवादी पूर्वी जर्मनी में पैलेस ऑफ रिपब्लिक सत्ता का शोरूम था. 1976 में इस इमारत के बनने के बाद यहां जीडीआर की संसद पीपुल्स चैंबर का मुख्यालय था. इसके विशाल हॉल में विभिन्न राजनीतिक सम्मेलनों का आयोजन होता था. 2006 में इसे एस्बेस्टस से दूषित होने के कारण गिरा दिया गया. जीडीआर की संसद की इमारत की जगह अब बर्लिन पैलेस बनाया जा रहा है.
जीडीआर के इन्टरशॉप
"इंटरशॉप" जीडीआर का एक प्रमुख रिटेल चेन था, एक ऐसा स्टोर जहां जीडीआर के पैसे से सामान खरीदना संभव नहीं था. वहां सिर्फ विदेशी मुद्रा में सामान खरीदा जा सकता था. पूर्वी हिस्से में रहने वाले बहुत से सामान्य लोगों के लिए यहां मिलने वाला सामान पहुंच से बाहर था. पहला इंटरशॉप पूर्वी बर्लिन के फ्रीडरिषश्ट्रासे स्टेशन में था. आज वहां कैफे और फैशन शोरूम वाला व्यस्त बाजार है.
खेल के मैदान
लापरवाह बचपन का खेल के मैदान से बड़ा प्रतीक नहीं हो सकता. पूर्वी बर्लिन के हर इलाके में इस तरह के खेल के मैदान और ढांचे देखे जा सकते थे. आज, वे धातु के नहीं आम तौर पर रस्सी से बने होते हैं. इसलिए जब बच्चे खेलते समय उनके अंदर दौड़ते हैं तो नुकसान का खतरा नहीं होता. और तस्वीरें #GermanyThenNow और #BerlinThenNow फेसबुक पेज पर देखी जा सकती हैं.
इंटर होटल मेट्रोपोल
सीमा पर स्थित मुख्य रेलवे स्टेशन फ्रीडरिषश्ट्रासे के पास 13-मंजिला इंटर होटल मेट्रोपोल 1977 में खोला गया था. यह एक लक्जरी होटल था, जो जीडीआर आने वाले कारोबारियों, राजनयिकों और मशहूर हस्तियों में अत्ंयत लोकप्रिय था. जीडीआर के नागरिकों के पास विदेशी मुद्रा तो होती नहीं थी, वे इसे केवल बाहर से ही निहार सकते थे. आज यहां मैरिटिम चेन का होटल है. यहां हर कोई जा सकता है.
KaDeWe डिपार्टमेंटल स्टोर
Kaufhaus des Westens या संक्षेप में KaDeWe, जर्मनी का सबसे प्रसिद्ध डिपार्टमेंटल स्टोर है. यह लंदन के हैरोड्स के बाद यूरोप में दूसरा सबसे बड़ा स्टोर है. 1907 में खोला गया लक्जरी स्टोर द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान विनाश से बच गया और राजधानी के बंट जाने के वर्षों में पश्चिम बर्लिन की शान रहा. आज यह पर्यटकों और स्थानीय लोगों के बीच समान रूप से लोकप्रिय है