संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक घाना में एलजीबीटी+ लोगों को सजा देने का प्रस्तावित कानून मानवाधिकारों का "घोर उल्लंघन" है और यह पश्चिम अफ्रीकी राष्ट्र में एचआईवी/एड्स के खिलाफ लड़ाई को एक दशक को पीछे कर सकता है.
विज्ञापन
उचित मानव यौन अधिकारों और घाना में पारिवारिक मूल्य विधेयक, 2021 को घाना की संसद में सोमवार को पहली बार पेश किया गया. अब इस बिल की एक समिति द्वारा समीक्षा की जाएगी और दोबारा सांसदों के पास इसे भेजा जाएगा.
पश्चिम और मध्य अफ्रीका में यूनाइटेड नेशंस प्रोग्राम ऑन एचआईवी/एड्स (यूएनएड्स) चलाने वाले पैट्रिक ब्रैनी के मुताबिक, "यह प्रस्तावित कानून घाना के समलैंगिक, गे, उभयलिंगी और ट्रांसजेंडर समुदाय के मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है. जो पहले से ही देश में उच्च स्तर की हिंसा, दुर्व्यवहार और भेदभाव का सामना कर रहे हैं."
उन्होंने कहा, "यूएनएड्स पूरी तरह से मानवाधिकारों के पक्ष में खड़ा है. घाना में एलजीबीटी लोगों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करता है और सांसदों से इस बिल को अस्वीकार करने का आग्रह करता है."
घाना में समलैंगिक यौन संबंध पहले से ही तीन साल तक की जेल के साथ दंडनीय अपराध है.
कानून के मसौदे में समलैंगिक, गे, उभयलिंगी, ट्रांसजेंडर, ट्रांसेक्सुअल, पैनसेक्सुअल और गैर-बाइनरी के लिए अधिकतम पांच साल की सजा का प्रावधान किया गया है.
यही नहीं प्रस्तावित कानून में एलजीबीटी+ अधिकारों की वकालत करने, उनसे सहानुभूति रखने वाले संगठनों को 10 साल की सजा का प्रावधान है.
यूएनएड्स के मुताबिक हर साल लगभग 4,70,000 अफ्रीकी एचआईवी के साथ जीने वाले बिना परीक्षण के इलाज से चूक जाते हैं और उनकी मौत हो जाती है.
कमजोर समूहों में वे पुरुष शामिल हैं जो पुरुषों के साथ यौन संबंध रखते हैं. ट्रांसजेंडर लोगों और यौनकर्मियों के साथ रिश्ते बनाने वालों को मदद पाने की संभावना को कम कर देता है.
एए/वीके (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन)
समलैंगिकों के अधिकार छीन रहे हैं ये देश
युगांडा समलैंगिंकों को मौत की सजा देने का कानून बनाने जा रहा है. ब्रूनेई पहले ही ऐसा कर चुका है. दुनिया के 68 देशों में समलैंगिक संबंध अवैध हैं. लेकिन अब कई देश एलजीबीटी समुदाय को अधिकार देने के बाद उन्हें छीन रहे हैं.
तस्वीर: Getty Images/AFP/V. Simicek
अमेरिका
अमेरिका ने इस साल से सेना में ट्रांसजेंडरों की भर्ती पर रोक को लागू करना शुरू कर दिया है. 2016 में राष्ट्रपति बराक ओबामा ने ट्रांसजेंडरों को सेना में काम करने की अनुमति दी थी. लेकिन 2017 में राष्ट्रपति पद संभालने वाले डॉनल्ड ट्रंप ने इसे बदलने की घोषणा की. ट्रंप ने इस फैसले की एक बड़ी वजह दवाओं पर आने वाले खर्च को बताया.
तस्वीर: picture-alliance/AP/LM Otero
रूस
रूस में पिछले साल पहली बार तथाकथित "गे प्रोपेगैंडा" कानून के तहत एक नाबालिग पर जुर्माना किया गया. इस कानून का इस्तेमाल वहां एलजीबीटी समुदाय को दबाने के लिए किया जाता है. 2013 में बने इस कानून के तहत नाबालिगों में समलैंगिकता को बढ़ावा देने की कोशिश या फिर ऐसा कोई भी आयोजन गैरकानूनी है. इसे तहत वहां गे परेड रोकी गईं और समलैंगिक अधिकार कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/D. Lovetsky
पोलैंड
पोलैंड की सत्ताधारी पार्टी के नेता यारोस्लाव काचिंस्की ने इस साल गे प्राइड मार्चों की आलोचना की और कहा कि इसे रोकने के लिए कानून लाया जाना चाहिए. कट्टरंपंथी लॉ एंड जस्टिस पार्टी ने एलजीबीटी समुदाय विरोधी अपने रुख को चुनाव का बड़ा मुद्दा बनाया है. आलोचकों का कहना है कि इस वजह से समलैंगिकों के खिलाफ हिंसा के मामलों में इजाफा देखने को मिला है.
तस्वीर: picture-alliance/zumapress/W. Dabkowsk
इंडोनेशिया
इंडोनेशिया में समलैंगिक पुरुषों के बीच शारीरिक संबंधों पर प्रतिबंध लगाने वाले एक कानून का मसौदा तैयार किया गया है, जिस पर पिछले महीने संसद में विरोध के चलते मतदान नहीं हो पाया. इसके तहत विवाहेत्तर शारीरिक संबंध भी गैरकानूनी होंगे. गर्भपात कराने पर भी चार साल की सजा होगी. सिर्फ मेडिकल इमरजेंसी, बलात्कार या काले जादू के लिए जेल की सजा मिलने पर ही गर्भपात कराने की छूट होगी.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/H. Juanda
नाइजीरिया
नाइजीरिया ने 2014 में एक बिल पास किया, जिसमें समलैंगिक सेक्स के लिए 14 साल की सजा का प्रावधान किया गया. अधिकारियों ने 2017 में समलैंगिक गतिविधियों के मामले में 43 लोगों के खिलाफ आरोप तय किए. इनमें से ज्यादातर को निगरानी में रखा गया और उनका "यौन पुर्नवास" किया गया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/K. Ludbrook
मलेशिया
मलेशिया में एलजीबीटी समुदाय के लोगों को प्रताड़ित करने के मामले बढ़ रहे हैं. पिछले साल तेरेंगगानु राज्य में दो महिलाओं को आपस में शारीरिक संबंध कायम करने के लिए सार्वजनिक तौर पर बेंतों से पीटा गया. प्रधानमंत्री महाथिर मोहम्मद का कहना है कि उनका देश समलैंगिक शादियों और एलजीबीटी समुदाय के अधिकारों को स्वीकार नहीं कर सकता.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/R. B. Tongo
चाड
अफ्रीकी देश चाड ने 2017 में नई दंड संहिता पर अमल करना शुरू किया, जिसमें समलैंगिक संबंधों के लिए छोटी कैद की सजाओं और जुर्माने का प्रावधान किया गया. इससे पहले वहां स्पष्ट तौर पर समलैंगिक संबंध गैरकानूनी नहीं थे. हालांकि अप्राकृतिक कृत्यों की निंदा करने वाला एक कानून जरूर था.
तस्वीर: UNICEF/NYHQ2012-0881/Sokol
स्लोवाकिया
स्लोवाकिया ने 2014 में अपने संविधान में पारंपरिक शादी की परिभाषा को जगह दी. 2015 में वहां पर एक जनमत संग्रह हुआ जिससे समलैंगिक शादियों और उनके द्वारा बच्चे गोद लेने पर रोक को और मजबूती मिलने की उम्मीद थी. लेकिन जनमत संग्रह में बहुत कम लोगों ने हिस्सा लिया जिसके कारण उसे मंजूरी नहीं मिल सकी. (थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन/एके)