2008 की आर्थिक मंदी के बाद पहली बार ऐसा हुआ है कि दुनिया की कुल संपत्ति में गिरावट देखी गयी. अमीरों की संपत्ति सबसे ज्यादा घटी है और अमीरों की संख्या भी कम हुई है.
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एक ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 14 साल में पहली बार दुनिया में दौलत कम हुई है. सालाना जारी होने वाली ग्लोबल वेल्थ रिपोर्ट में 200 वित्तीय बाजारों में 5.4 अरब लोगों की संपत्ति की कीमत का आकलन किया गया है. रिपोर्ट कहती है कि अगले पांच साल में वैश्विक स्तर पर संपत्ति 6,290 खरब डॉलर हो जाएगी. 2008 की आर्थिक मंदी के बाद पहली बार 2022 में कुल संपत्ति में कमी आयी है. हालांकि ताजा रिपोर्ट का आकलन है कि आने वाले पांच साल सकारात्मक रहेंगे.
पिछले साल लोगों की निजी संपत्ति में कुल 2.4 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई थी. रिपोर्ट बताती है कि 2022 में कुल वैश्विक संपत्ति में 113 खरब डॉलर की गिरावट हुई और 2022 के आखिर में यह 4,544 खरब डॉलर रह गयी. इस तरह 2022 के आखिर में प्रति व्यक्ति संपत्ति 84,718 अमेरिकी डॉलर थी.
सबसे बड़ा नुकसान अमीरों को
यह नुकसान मोटे तौर पर विकसित और धनी क्षेत्रों जैसे उत्तरी अमेरिका और यूरोप में देखा गया और मजबूत होते अमेरिकी डॉलर को इसकी प्रमुख वजहों में गिना गया. इन क्षेत्रों में कुल मिलाकर 109 खरब डॉलर की गिरावट दर्ज हुई.
21 भारतीयों के पास 70 करोड़ लोगों से ज्यादा संपत्ति
दावोस में वर्ल्ड इकॉनमिक फोरम का वार्षिक आयोजन जारी है. इसी दौरान आधिकार संगठन ऑक्सफैम ने एक रिपोर्ट जारी की है. इसमें दिए आंकड़े भारत में अमीरों और गरीबों के बीच बढ़ते फासले की हैरतअंगेज तस्वीर पेश करते हैं.
तस्वीर: Sotheby´s
आधी जनता के पास बस 3 फीसदी
ऑक्सफैम की ताजा रिपोर्ट बताती है कि 5 प्रतिशत भारतीयों के पास देश की संपत्ति का 60 प्रतिशत हिस्सा है. जबकि निचले 50 प्रतिशत लोगों के पास देश की संपत्ति का मात्र 3 प्रतिशत हिस्सा है.
तस्वीर: Sotheby´s
कितने अमीर हुए अरबपति
ऑक्सफैम की रिपोर्ट ‘सरवाईवल ऑफ़ द रिचस्ट: द इंडिया स्टोरी’ के मुताबिक, 2022 में भारत के सबसे धनी व्यक्ति की संपत्ति 46 प्रतिशत बढ़ी है.
तस्वीर: dapd
धन से आया धन
2012 से 2021 के दौरान भारत में जितना धन बढ़ा, उसका 40 प्रतिशत हिस्सा सबसे धनी एक प्रतिशत लोगों को मिला है. जबकि निचली 50 प्रतिशत जनसंख्या को मात्र 3 प्रतिशत हिस्सा मिला है.
तस्वीर: Soumyabrata Roy/NurPhoto/IMAGO
64 नए अरबपति
रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में अरबपतियों की संख्या वर्ष 2020 में 102 से बढ़कर वर्ष 2022 में 166 हो गई. भारत के 100 सबसे धनी लोगों की कुल संपत्ति 54 लाख करोड़ रुपये हो गई है. यह इतना पैसा है कि डेढ़ साल तक का केंद्रीय बजट इससे बन सकता है.
तस्वीर: Francis Mascarenhas/REUTERS
दोगुनी हुई भुखमरी
रिपोर्ट कहती है कि भूख से त्रस्त भारतीयों की संख्या 2018 में 19 करोड़ थी, जो 2022 में बढ़कर 35 करोड़ हो गई. मौत का शिकार हुए 5 वर्ष से कम आयु वर्ग के 65 प्रतिशत बच्चे इसी कारण मारे गए.
तस्वीर: Subhash Sharma/Zumapress/picture alliance
10 लोगों के पास है 30 साल का बजट
सबसे धनी 10 भारतीयों की कुल संपत्ति 27 लाख करोड़ रुपये हो गई है. पिछले वर्ष से इसमें 33 प्रतिशत की वृद्धि हुई. आज की तारीख में यह संपत्ति स्वास्थ्य व आयुष मंत्रालयों के 30 वर्ष के बजट, शिक्षा मंत्रालय के 26 वर्ष के बजट व मनरेगा के 38 वर्ष के बजट के बराबर है.
तस्वीर: Dinodia Photo Library/picture alliance
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एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 21 खरब डॉलर कम हुए जबकि दक्षिण अमेरिका में कुल संपत्ति 24 खरब डॉलर बढ़ गयी. इसकी मुख्य वजह मुद्रा के मूल्य में डॉलर की तुलना में 6 फीसदी की वृद्धि रही. संपत्ति की सबसे ज्यादा कमी अमेरिका में देखी गयी. उसके बाद जापान, चीन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया का नंबर है.
पिछले साल दौलत में सबसे ज्यादा वृद्धि रूस, मेक्सिको, भारत और ब्राजील में हुई थी. ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्रिक्स देशों – ब्राजील, भारत, चीन और दक्षिण अमेरिका समेत उभरती अर्थव्यवस्थाओं में संपत्ति में 2027 तक 30 फीसदी की वृद्धि होगी. शोधकर्ताओं ने संभावना जताई है कि उभरती अर्थव्यवस्थाओं में वृद्धि से आने वाले सालों में वैश्विक स्तर पर गैरबराबरी में भी कमी आएगी.
पिछले साल जिन संपत्तियों की कीमत सबसे ज्यादा घटी, उनमें वित्तीय संपत्तियां जैसे कि शेयर और स्टॉक्स आदि सबसे ऊपर थे. गैर-वित्तीय संपत्तियां जैसे कि रीयल एस्टेट में वृद्धि नहीं हुई तो कमी भी कोई खास नहीं हुई. अगर इस अनुमान को व्यक्तिगत स्तर पर देखा जाए तो पिछले साल दुनियाभर की प्रति व्यक्ति आय में 3,198 अमेरिकी डॉलर की कमी हुई थी.
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अच्छे दिनों की संभावना
लेकिन रिपोर्ट कहती है कि वैश्विक औसत संपत्ति में 2022 में तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज हुई थी, जो लोगों की व्यक्तिगत समृद्धि का ज्यादा अर्थपूर्ण प्रतीक माना जाता है. इसके उलट व्यक्तिगत धन में प्रति वयस्क 3.6 फीसदी की गिरावट दर्ज हुई थी. इस सदी में अब तक वैश्विक औसत संपत्ति पांच गुना बढ़ चुकी है. इसमें सबसे ज्यादा योगदान चीन में धन की तेजी से हुई वृद्धि का है.
भारत में मुख्यमंत्रियों की औसत संपत्ति 34 करोड़
भारत में मुख्यमंत्रियों की औसत संपत्ति करीब 34 करोड़ है और 30 में से 13 मुख्यमंत्रियों के खिलाफ गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. यह जानकारी एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने 30 मुख्यमंत्रियों के हलफनामों से जुटाई है.
तस्वीर: Sanjeev Verma/Hindustan Times/IMAGO
लगभग सभी मुख्यमंत्री करोड़पति
मुख्यमंत्रियों के हलफनामों के मुताबिक, 30 में से 29 मुख्यमंत्री करोड़पति हैं. आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी 510 करोड़ संपत्ति के साथ सबसे अमीर मुख्यमंत्री हैं. उनके प्रदेश में आज भी 12 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीबी रेखा के नीचे हैं.
तस्वीर: ingimage/IMAGO
मुख्यमंत्री अमीर, जनता गरीब
धनी मुख्यमंत्रियों में दूसरे नंबर पर हैं अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू (163 करोड़). उनके राज्य में 24 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं. तीसरे नंबर पर हैं ओडिशा के नवीन पटनायक (63 करोड़). उनके प्रदेश में 29 प्रतिशत से ज्यादा लोग गरीब हैं.
तस्वीर: hoto by Handout/PIB/AFP
सबसे कम संपत्ति वाले
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के हलफनामे के मुताबिक उनके पास सिर्फ 15 लाख मूल्य की संपत्ति है. दो और मुख्यमंत्रियों की संपत्ति बाकियों के मुकाबले कम है. केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एक-एक करोड़ की संपत्ति घोषित की है.
तस्वीर: Subrata Goswami/DW
शिक्षा
30 में से 11 मुख्यमंत्री (37 प्रतिशत) ग्रैजुएट हैं. नौ मुख्यमंत्री (30 प्रतिशत) पोस्ट ग्रैजुएट हैं. एक मुख्यमंत्री के पास डॉक्टरेट भी है. चार (14 प्रतिशत) ग्रैजुएट प्रोफेशनल हैं, तीन 12वीं पास हैं और सिर्फ एक 10वीं पास है.
तस्वीर: Anuwar Hazarika/NurPhoto/picture alliance
आपराधिक मामले
30 में से 13 (43 प्रतिशत) मुख्यमंत्रियों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं. इन सभी के खिलाफ हत्या, हत्या की कोशिश, अपहरण जैसे गंभीर आपराधिक मामले भी दर्ज हैं. इनमें तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव सबसे आगे हैं.
तस्वीर: GOVERNMENT OF TELANGANA/AFP
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2022 में अमीरों की संपत्ति घटने का एक नतीजा यह रहा कि दुनिया की गैरबराबरी में कुछ कमी आयी. सबसे धनी एक फीसदी लोगों की संपत्ति घटकर 44.5 प्रतिशत रह गयी. रिपोर्ट कहती है कि 2027 तक दुनिया की कुल दौलत 38 फीसदी तक बढ़ सकती है. रीयल एस्टेट, स्टॉक्स और शेयर्स जैसी संपत्तियों की कीमत बढ़ने के कारण लोगों की संपत्ति में इस बढ़ोतरी का अनुमान लगाया गया है. 15 अगस्त को यह अध्ययन जारी किया गया.
रिपोर्ट में अनुमान जाहिर किया गया है कि 2027 में प्रति व्यक्ति संपत्ति 1,10,270 अमेरिकी डॉलर पर पहुंच जाएगी. करोड़पतियों की संख्या 8.6 करोड़ और अरबपतियों की संख्या 3,72,000 पर पहुंचने की संभावना है.