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सोने में भारतीयों की दिलचस्पी फिर से क्यों बढ़ी?

२८ सितम्बर २०२४

सोने के दाम सितंबर में रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गए. अमेरिका में ब्याज दरों में बड़ी कटौती, भूराजनैतिक संघर्षों की वजह से बढ़ते डर और भारत में आयात टैक्स में कटौती से सोने की मांग में मजबूती देखी गई.

सोने का सिक्का जिस पर धन की देवी लक्ष्मी अंकित है
भारत में त्योहारों का सीजन शुरू हो गया है जिसमें सोने की बहुत खरीददारी होती हैतस्वीर: Jagadeesh/EPA/dpa/picture alliance

भारत दुनिया में सोने से बने गहनों का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है. उसने जुलाई में सोने के आयात पर लगने वाले टैक्स को 15 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत कर दिया. इससे सोने से बने गहनों, सोने की ईटों और सिक्कों की मांग में एकदम से उछाल आया. आर्थिक मामलों पर नजर रखने वाली संस्था एक्सिनिटी में मुख्य बाजार विश्लेषक हान टान ने समाचार एजेंसी एएफपी को दिए इंटरव्यू में कहा कि भारत में आयात टैक्स कम करने से सोने को लेकर 'नया उत्साह' दिखा और इसकी वजह से मांग में उछाल आया है.

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सितंबर में सोने के दाम लगातार बढ़ते गए और बीते गुरुवार को ये प्रति आउंस 2,685.58 डॉलर यानी करीब सवा दो लाख रुपये पर जा पहुंचे, जो इस साल की शुरुआत में दर्ज किए गए दामों से 30 प्रतिशत ज्यादा हैं. दुनिया के कई हिस्सों में जारी राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता को देखते हुए बहुत से लोग सोने को सुरक्षित निवेश मानते हैं. इससे भी उसकी स्थिति मजबूत होती है. खासकर यूक्रेन और मध्य पूर्व में चल रहे सैन्य संघर्षों ने इस मूल्यवान धातु में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ा दी है.

सोना-चांदी दोनों चढ़े

अमेरिका में फेडरल रिजर्व ने सितंबर में अपनी ब्याज दरों में 50 बेसिस पॉइंट्स की कमी की. डॉलर में जमा राशि पर अच्छे रिटर्न ना मिलने की सूरत में बड़े बैंक भी सोने में पैसा लगा रहे हैं. इस प्रक्रिया को 'डी-डॉलराइजेशन' कहते हैं. चांदी को भी इससे फायदा हुआ है, जिसके दाम गुरुवार को प्रति आउंस 32.71 डॉलर तक जा पहुंचे. यह दिसंबर 2012 के बाद चांदी के सबसे अधिक दाम हैं. इस साल के पहले नौ महीनों में चांदी के दामों में 35 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

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भारत में फिलहाल सोने के दाम 77 हजार रुपये प्रति दस ग्राम के करीब जा पहुंचे हैं. भारत में सोने से बने गहनों का बाजार कुछ समय के लिए ठंडा पड़ गया था क्योंकि बेहद ऊंची कीमतों को देखते हुए खरीददार अपने कदम पीछे खींचने लगे थे. 2024 की दूसरी तिमाही में गहनों की खरीद एक साल पहले के मुकाबले 17 प्रतिशत कम देखी गई. यह बड़ी गिरावट है क्योंकि भारत में सोने के बाजार में तीन-चौथाई हिस्सेदारी गहनों की ही है. लेकिन अब सोने को लेकर फिर से उत्साह दिख रहा है.

इस मांग को देखते हुए सरकार ने भी सोना खरीदते हुए ग्राहकों पर लगने वाले शुल्क को घटा दिया है. भारत में सोने का आयात जुलाई के मुकाबले अगस्त में तीन गुने से भी ज्यादा रहा. वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का कहना है कि भारत ने एक महीने में 10.1 अरब डॉलर का सोना आयात किया.

केनीसिस मनी में बाजार विश्लेषक फ्रांक वॉटसन कहते हैं कि सोने पर लगने वाले टैक्स में कमी से वह खरीददारों के लिए सस्ता हो गया और इसीलिए भारत में सोने की मांग में वृद्धि देखने को मिल रही है.

सोने पर आयात शुल्क घटने के बाद भारत में इसकी मांग में अचानक तेजी आई हैतस्वीर: dapd

त्योहारों के सीजन से फायदा

इस वृद्धि का असर सितंबर में पूरी तरह देखने को मिला क्योंकि यह भारत के उत्सत्व सीजन की शुरुआत है, जिसमें दीवाली भी शामिल है. इस दौरान सोने की ईटों से लेकर नेकलेस, अंगूठियां और कंगन खूब खरीदे जाते हैं. एएनजेड बैंक के विश्लेषक कहते हैं, "आयात शुल्क में कटौती के बाद रिटेलर त्योहारों और शादियों के सीजन को देखते हुए खूब सोना खरीद रहे हैं. भारत में बढ़ती प्रति व्यक्ति आय, युवा आबादी और शहरीकरण से भी गहनों की खरीददारी को बढ़ावा मिल रहा है."

भारत के ग्रामीण इलाकों में भी सोने की मांग बढ़ रही है. वॉटसन कहते हैं कि अच्छे मॉनसून की वजह से बढ़िया पैदावार होने की उम्मीद है जिससे अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलेगा और सोने की तरफ भी आकर्षण बढ़ेगा. इसी बीच दुनिया में सोने का सबसे बड़ा खरीददार चीन अपने यहां सोने के गहनों के बाजार में लगातार सुस्ती देख रहा है, जिसकी वजह देश की बिगड़ती आर्थिक स्थिति को माना जा रहा है. लेकिन चीनी अधिकारियों ने इसी हफ्ते कुछ कदमों का ऐलान किया है ताकि सोने की मांग को बढ़ाया जा सके.

एके/एडी (एएफपी)

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