गूगल का वर्चुअल असिस्टें ऐलो लॉन्च हो गया है. यह आपके चैट में घुसने तक की ताकत रखती है. आपसे बातें करेगी और आपको बताएगी क्या करना है और क्या नहीं.
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गूगल आपकी चैट में घुस जाना चाहता है. होगा यूं कि अगर आप किसी से चैट करते वक्त लंच या डिनर जैसे शब्द लिखेंगे तो गूगल की चैट असिस्टेंट बीच में बोलने लगेगी कि फलां रेस्तरां में चले जाओ या यहां पास में एक नया रेस्तरां खुला है. गूगल की यह वर्चुअल असिस्टेंट बेधड़क आपकी बातें पढ़ेगी और बीच-बीच में कॉमेंट भी करेगी. क्या आप तैयार हैं?
गूगल के इस नए ऐप का नाम है ऐलो. कंपनी का दावा है कि यह एक स्मार्ट ऐप है जो आपकी जिंदगी को आसान बनाने की कोशिश करेगा. मसलन, रोज के मौसम का हाल, मैच के नतीजे तो बताएगा ही, साथ ही ये भी बताएगा कि आपके फलां दोस्त के इस वाले मेसेज का ये जवाब हो सकता है.
अभी जो वर्चुअल असिस्टेंट ऐप हैं वे तब जवाब देते हैं जब आप उनसे सवाल करते हैं. जैसे एप्पल का सीरी ऐप. लेकिन ऐलो खुद ब खुद सोचेगा. यह आपके व्यवहार को लगातार स्टडी करेगा और उसके हिसाब से आपसे अपने आप बात करेगा. विचार यह है कि ऐलो से आप लगातार जुड़े रहें ताकि आपको कहीं और जाना ही ना पड़े. गूगल ने इसी हफ्ते यह ऐप लॉन्च किया है. यह ऐंड्रॉयड फोन के अलावा आईफोन और आईपैड पर भी काम करेगा.
देखिए, अब फ्रिज में होगी खेती
फ्रिज में खेती, उड़ने वाला कैमरा
कन्ज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स के लिए यह क्रांतिकारी समय है. एक से एक अनोखा डिवाइस आ रहा है. देखिए, क्या हैं निकट भविष्य के डिवाइस.
तस्वीर: DW/R. Fuchs
भीमकाय टीवी
टीवी का साइज और क्वॉलिटी दोनों तेजी से बदल रहे हैं. अब कंपनियां ऐसा टीवी बनाने पर काम कर रही हैं जो बड़ा हो लेकिन सस्ता हो.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/S. Stache
होवरबोर्ड
स्कूटर और स्केटबोर्ड पुरानी बात हो गई है. अब वक्त है होवरबोर्ड का. इसे सेगवे का छोटा भाई कहा जा सकता है. हवा में तैरने का सपना पूरा समझिए.
तस्वीर: Beamie
वेयरवेबल डिवाइस
ऐसे डिवाइस सबसे तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं जिन्हें उठाना न पड़े. यानी बस पहन लिया और फिर कुछ और करने की जरूरत न पड़े. स्मॉर्टवाच फोन को भी खा जाएगी.
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वर्चुअल रिऐलिटी
रेडियो, टीवी और यहां तक कि सिनेमा का भी भविष्य यही है. वर्चुअल रिऐलिटी की तकनीक तेजी से सस्ती और ज्यादा बेहतर हो रही है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/T. Schwarz
नोटबुक्स
लैपटॉप या टैबलेट पतले और हल्के होते जा रहे हैं. एसर या नोटबुक स्विफ्ट 7 सिर्फ 9.98 मिलिमीटर मोटा है. 8जीबी रैम और 256 जीबी मेमरी इसे ताकतवर भी बनाती है.
तस्वीर: DW/R. Fuchs
थर्मोस्टैट
आधुनिक घर ज्यादा से ज्यादा स्मार्ट हो रहे हैं. अब ऐसे थर्मोस्टैट आ रहे हैं जिन्हें आप घर से बाहर से यानी अपने दफ्तर से भी कंट्रोल कर सकते हैं.
तस्वीर: Tado
ड्रोन कैमरा
चीन की कंपनी डीजेआई ने ड्रोन फैंटम कैमरा 4 बनाया है जो उड़ते हुए तस्वीरें लेता है. आप इसे अपने फोन से कंट्रोल कर सकते हैं.
तस्वीर: DW/R. Fuchs
कैमरे वाला फ्रिज
आपके फ्रिज में क्या रखा है, यह जानने के लिए फ्रिज तक जाने की जरूरत नहीं. घर जाने की भी नहीं. फ्रिज में कैमरा लगा है जो आपके फोन में लाइव चलेगा. फ्रिज के दरवाजे पर टीवी भी है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/T. Schwarz
फ्रिज में खेती
ग्रुंडिष नाम की कंपनी ने ऐसा फ्रिज बनाया है जिसमें आप अपने मन के पौधे उगा सकते हैं. यह पौधों के मुताबिक तापमान उपलब्ध करा देगा.
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हेडफोन कलाई पर
हेडफोन अब फैशन एक्ससेरी भी हैं. जब कान पर नहीं लगाना है तो इन्हें ब्रेसलेट बनाकर बांध लीजिए, स्टाइल मार सकेंगे.
तस्वीर: DW/R. Fuchs
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क्या कर सकता है ऐलो
ऐलो आपकी चैटिंग में मदद करेगा. आपके दोस्त का सवाल पढ़कर खुद ही सुझाव देगा कि यह जवाब दे सकते हैं और उसे टाइप भी कर देगा. जैसे आपका दोस्त पूछता है कि क्या हाल है तो ऐलो खुद ही लिख देगा, सब बढ़िया है. ऐलो फोटो देखकर उनके लिए जवाब भी दे सकता है. जैसे आपका कोई दोस्त अगर चैट पर फोटो भेजता है तो उस फोटो को देखकर ऐलो उसका विश्लेषण करेगा और फिर जवाब देगा, जैसे अच्छे लग रहे हो या फिर बड़ी प्यारी स्माइल है आदि. हालांकि, आप यह बात हमेशा याद रखें कि यह एक सॉफ्टवेयर है और जरूरी नहीं कि इसके सारे जवाब सही हों या वही हों जो आप कहना चाहते हैं. और आप अपने जवाब भी टाइप कर सकते हैं.
चैट के दौरान अगर आप किसी दोस्त के साथ घूमने का, कहीं बाहर जाने का या कहीं बाहर खाने का प्लान बना रहे हैं तो ऐलो बीच में कूद पड़ेगा. यह आपको बताने लगेगा कि फलां मूवी देख सकते हैं. या फिर, वहां आजकल सेल लगी है, शॉपिंग कर सकते हैं. या उस जगह की टिकट सस्ती मिल रही हैं तो वहां घूमने जा सकते हैं. ऐलो को इतना स्मार्ट बनाया गया है कि यह आपकी जरूरतों को खुद ही समझ लेगा और बिना पूछे ही बता भी देगा.
देखिए, ऐसे होंगे भविष्य के गांव
ऐसे होंगे भविष्य के गांव
2050 तक दुनिया की आबादी होगी 10 अरब. इतने लोगों को रहने के लिए जगह देना कोई आसान काम नहीं होगा. क्योंकि सिर्फ छत नहीं चाहिए. पानी, खाना और ऊर्जा भी तो चाहिए.
तस्वीर: EFFEKT
भविष्य के गांव चाहिए
2050 तक दुनिया की आबादी होगी 10 अरब. इतने लोगों को रहने के लिए जगह देना कोई आसान काम नहीं होगा. क्योंकि सिर्फ छत नहीं चाहिए. पानी, खाना और ऊर्जा भी तो चाहिए.
तस्वीर: EFFEKT
हल है विलेज-2.0
इसका एक हल निकाला गया है. नए तरह के शहर बसाए जाएं और शहरों में नए तरह के घर बनाए जाएं. भीड़ बढ़ने पर ये घर बहुत जरूरी हो जाएंगे. ऐम्सर्टडम में ऐसे गांव बनाए जा रहे हैं.
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बन रहा है ऐसा गांव
नीदरलैंड्स की राजधानी ऐम्सटर्डम के पास ही एक गांव बनाया जा रहा है. इसका नाम है री-जेन विलेज. इसमें 25 घर होंगे, जो घेरे में बनाए जाएंगे.
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खाना बीच में
घरों के घेरे के बीच में फूड प्रॉडक्शन यूनिट बनाई जाएंगी. ये ग्रीन हाउस जैसी बिल्डिंग होंगी जिनमें फल, सब्जियां, मछलियां और मीट आदि का उत्पादन होगा.
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शीशे में बंद
री-जेन विलेज की सारी इमारतें शीशे में बंद होंगी जिनसे गर्मी बनी रहेगी ताकि उत्पादन लगातार होगा.
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आत्मनिर्भरता
इस तरह गांव में कुदरत के लिए ज्यादा जगह बचेगी. गांव के भीतर ही इतना उत्पादन हो जाएगा कि लोगों को बाहर पर निर्भर नहीं रहना होगा.
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भारत में विलेज 2.0
लेकिन यह बस शुरुआत है. हॉलैंड में तो बस एक मॉडल बन रहा है. असल में ये गांव भारत जैसे उन देशों के लिए काम की चीज हैं जहां आबादी ज्यादा है और संसाधनों पर दबाव बढ़ रहा है. यानी तैयार हो जाइए, आपके आसपास आने वाला है विलेज 2.0.
तस्वीर: EFFEKT
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जानकारी तो देगा ही
ऐलो आपको हर जानकारी देता रहेगा. आज की खबरें क्या हैं, खेलों में क्या चल रहा है, करंसी रेट क्या है जैसी बातें तो ऐलो रोज ब रोज आपको बताया ही करेगा. ऐंड्रॉयड फोन में गूगल नाउ फीचर काफी समय से है और ऐलो उसी का अगला वर्जन लगता है. लेकिन कई मामलों में गूगल नाउ बेहतर था. मसलन ऐलो आपको ट्रैफिक कंडिशंस अपने आप नहीं बता पाएगा या यह नहीं बताएगा कि घर कितनी देर में पहुंच सकते हैं.
वीके/एके (एपी)
तस्वीरों में: भविष्य के यंत्र
भविष्य के यंत्र
तस्वीर: DW/M. Gopalakrishnan
इलेक्ट्रो- रेसिंग
जर्मनी के शोध संस्थान फ्राउनहोफर इंस्टीट्यूट की यह कार खास रेसिंग के लिए बनाई गई है और बिजली से चलती है.
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मार्स रोवर
जर्मनी की सीमेंस कंपनी ने मंगल ग्रह पर जाकर शोध करने वाली मशीन मार्स रोवर का सॉफ्टवेयर बनाया है.
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हवा हवा
विंडराइश कंपनी की यह गाड़ी पवन ऊर्जा से चलती है.
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धरती पर उड़ो
डॉर्टमुंड यूनिवर्सिटी ऑफ अपलाइड साइंसेस के वैज्ञानिकों ने छोटे हवाई जहाजों में उड़ने का सिमुलेटर बनाया है.
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फोटो नहीं, मूर्ती
स्कैनमोशन की सॉफ्टवेयर से आपकी तस्वीर ली जाती है और प्रिंटर बनाती है आपकी मूर्ति. यानी 3डी प्रिंटर.
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कौन हूं मैं
चेहरा पहचानने वाली सॉफ्टवेयर ऐसैफस कंपनी ने बनाई है. अगर व्यक्ति इंटरनेट पर हो, तो सॉफ्टवेयर उसे पहचान लेगा.
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कैंसर से बचाव
स्किनट्रैक त्वचा की बीमारियों के इलाज में लगाई जाने वाली पराबैंगनी किरणों से शरीर के बाकी हिस्सों को बचाती है.
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बायॉनिक बाइक
प्रकृति से सीखे गए डिजाइन हमेशा टिकाऊ होते हैं, जैसे यह बायोनिक बाइक जिसके लिए प्रेरणा तेज दौड़ने वाले जानवरों से ली गई है.