करीब एक हफ्ते तक चली 5जी स्पेक्ट्रम की नीलामी के बंद होने के साथ साथ केंद्र सरकार की 1.5 लाख करोड़ रुपयों की कमाई की गारंटी हो गई है. लगभग आधी एयरवेव खरीद कर रिलायंस जियो सबसे बड़ा खरीदार रहा.
विज्ञापन
26 अप्रैल को जब नीलामी शुरू हुई थी तब अंदाजा लगाया जा रहा था था कि नीलामी दो से तीन दिनों में समाप्त हो जाएगी, लेकिन असल में पूरी प्रक्रिया सात दिनों तक चलती रही. बोली लगाने के 40 से भी ज्यादा दौर आयोजित किए गए और 1.5 लाख करोड़ से भी ज्यादा मूल्य की बोलियां प्राप्त हुईं.
बेचे जा रहे कुल 72 गीगाहर्ट्ज में से कुल 51.2 गीगाहर्ट्ज, यानी लगभग 71 प्रतिशत, स्पेक्ट्रम बिका. चार कंपनियां नीलामी में हिस्सा ले रही थीं लेकिन सबसे ज्यादा एयरवेव खरीद कर रिलायंस जियो सबसे बड़ा खरीदार बन गया. करीब आधे एयरवेव जियो ने ही खरीद लिए और उनके लिए 88,000 करोड़ रुपए का भुगतान किया. 700 मेगाहर्ट्ज के प्रीमियम बैंड में भी सिर्फ जियो ने ही स्पेक्ट्रम खरीदा.
कंपनी ने इस बैंड में देश के सभी 22 सर्किलों में 10 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा है. एयरटेल ने इस बैंड में जरा भी स्पेक्ट्रम नहीं खरीदा है, जिसका मतलब है देश में 5जी सेवाओं के शुरू हो जाने के बाद ज्यादा घनत्व वाले इलाकों में जियो का नेटवर्क सबसे मजबूत होगा.
भारती एयरटेल ने 43,084 करोड़ रुपयों में 19.8 गीगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा. वोडाफोन आइडिया ने 18,799 करोड़ रुपयों में कुल 6,228 मेगाहर्ट्ज स्पेक्ट्रम खरीदा. अडाणी डाटा नेटवर्क्स ने सिर्फ 26 गीगाहर्ट्ज बैंड में 212 करोड़ रुपए में स्पेक्ट्रम खरीदा. कंपनी ने इससे पहले कहा था कि वो सिर्फ अपने व्यापार के लिए निजी नेटवर्क के इंतजाम के लिए स्पेक्ट्रम खरीदना चाह रही है.
इस बार भुगतान के लिए कंपनियों को एक विशेष सहूलियत दी गई है. कंपनियां भुगतान 20 सालाना किश्तों में कर सकेंगी. हर साल किश्त को साल की शुरुआत में अग्रिम राशि के रूप में भरना होगा. 10 सालों बाद स्पेक्ट्रम को वापस लौटाने का भी विकल्प खुल जाएगा.
संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा है कि सरकार अब स्पेक्ट्रम के आबंटन और दूसरी औपचारिकताएं जल्द पूरा करने की कोशिश करेगी ताकि 5जी सेवाओं को अक्टूबर से ही शुरू किया जा सके. उम्मीद की जा रही है कि 5जी मोबाइल नेटवर्क 4जी से 10 गुना ज्यादा तेज होगा.
भारत में 5जी की शुरुआत में देर हो चुकी है. अमेरिका में एटीएंडटी, टीमोबाइल और वेरिजॉन जैसी कंपनियां 5जी सेवाएं देना शुरू कर चुकी हैं. चीन में भी चाइना यूनिकॉर्न ने 5जी शुरू कर दिया है.
5जी पर जल्द दौड़ने लगेगी दुनिया
5जी डाटा प्लान की स्पीड को लेकर पूरी दुनिया उत्साहित है. दुनिया के चुनिंदा देशों ने इसे आम इस्तेमाल में लाने का दावा भी किया है. एक नजर अमेरिका सहित एशियाई देशों में 5जी नेटवर्क की स्थिति पर.
तस्वीर: Reuters/R. Marchante
अमेरिका
अमेरिका में 5जी को अपनाने के लिए जमीनी कार्य तेजी से पूरा किया जा रहा है. देश की नियामक संस्था फेडरल कमिशन ऑफ कम्युनिकेशन इस काम की निगरानी कर रही है. कयास लगाए जा रहे हैं कुछ कंपनियां साल 2019 तक इसे शुरू कर सकेंगी. वहीं साल 2020 तक लगभग सभी अमेरिकी नेटवर्कों में 5जी स्पीड मिलने लगेगी.
तस्वीर: Reuters/R. Marchante
भारत
भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने साल 2017 में 5जी से जुड़ा एक मसौदा जारी किया था. केंद्रीय संचार मंत्री मनोज सिन्हा ने हाल में कहा था कि 2020 में जब दुनिया भर में 5जी लागू होगा उसी साल भारत भी इसे अपना लेगा. भारत में बीएसएनएल समेत वोडाफोन और रिलायंस जियो जैसी कंपनियां 5जी की तैयारी में है.
तस्वीर: REUTERS/Anindito Mukherjee
दक्षिण कोरिया
साल 2018 के ओलंपिक में 5जी सर्विस को टेस्ट करने वाला दक्षिण कोरिया अब भी इसे पूरी तरह अमल में नहीं ला पाया है. देश के विज्ञान और तकनीकी मंत्रालय के मुताबिक करीब 5 फीसदी मोबाइल यूजर्स 2020 तक मोबाइल फोन पर इसे ऑपरेट कर सकेंगे और 2026 तक यह 90 फीसदी लोगों तक पहुंच जाएगा.
चीन
चीन की सरकारी कंपनी चाइना यूनिकाम को उम्मीद है कि साल 2020 तक वह देश में 10 हजार 5जी बेस स्टेशन खड़े कर पायलट प्रोजेक्ट शुरू कर देगी. इस पायलट प्रोजेक्ट में बीजिंग समेत देश के 15 बड़े शहर शामिल होंगे.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/L. Zhihao
जापान
जापान की सबसे बड़ी वायरलेस कंपनी एनटीटी डोकोमो 5जी पर साल 2010 से ही प्रयोग कर रही है. योजना मुताबिक कंपनी सितंबर 2019 तक इसका प्री-कमर्शियल लॉन्च करेगी. हालांकि इसका आधिकारिक रूप से लॉन्च साल 2020 तक ही हो पाएगा.
तस्वीर: Reuters/Y. Shino
कतर
कतर की टेलीकॉम कंपनी ओरिडो साल 2016 मे 5जी के इस्तेमाल पर काम कर रही है. ओरिडो दुनिया की पहली ऐसी कंपनी है जो कमर्शियल लेवल पर 5जी एक्सेस देने जा रही है. फिलहाल 5जी केवल कतर में मिलने लगा है. लेकिन कंपनी के लिए इराक, ओमान, सिंगापुर जैसे बाजार में 5जी पहुंचाना चुनौती से कम नहीं है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
कुवैत
देश की दो टेलिकॉम कंपनियों ने 5जी सेवाएं लॉन्च कर दी है. साल 2018 में कंपनी जेन ने सबसे पहले 5जी लॉन्च किया था जिसके कुछ घंटों बाद कुवैती कंपनी ओरिडो ने भी इसे लॉन्च कर दिया.