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विवादभारत

एक ही दिन में 'अग्निपथ' योजना में बदलाव

चारु कार्तिकेय
१७ जून २०२२

'अग्निपथ' योजना के विरोध में कई राज्यों में प्रदर्शन, हिंसा और आगजनी के बाद सरकार ने एक ही दिन में योजना में बदलाव की घोषणा की है. ऊपरी आयु सीमा को सिर्फ इस साल के लिए 21 साल से बढ़ा कर 23 साल कर दिया गया है.

Indien | Protests gegen das Agnipath-Programm an einem Bahnhof in Chhapra
तस्वीर: IANS

सेना में भर्ती की नई योजना 'अग्निपथ' के खिलाफ दो दिन पहले बिहार से शुरू हुए प्रदर्शन अब कई राज्यों में फैल गए हैं और उग्र हो गए हैं. बिहार के अलावा उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, जम्मू, झारखंड, उत्तराखंड, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक से भी प्रदर्शन की खबरें आईं.

हरियाणा के रोहतक में दो सालों से सेना में भर्ती की तैयारी कर रहे एक युवक ने आत्महत्या कर ली. युवक के पास से कोई चिट्ठी बरामद नहीं हुई है इसलिए पुलिस अभी तक आत्महत्या के कारण की पुष्टि नहीं कर पाई है. लेकिन युवक के परिवार का कहना है कि वो पहले से ही पिछले दो सालों से सेना में भर्ती के रुके होने से परेशान था.

बिहार के नवादा में 'अग्निपथ' योजना के खिलाफ प्रदर्शनतस्वीर: ANI/Handout/REUTERS

बिहार और उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन सबसे ज्यादा उग्र रहे. दोनों राज्यों में कई स्थानों पर गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने ट्रेनें तक जला दीं. बिहार के बेतिया में राज्य की उप मुख्यमंत्री रेनू देवी के घर पर भी पथराव हुआ. रेनू देवी उस समय पटना में थीं. एक दिन पहले राज्य में बीजेपी के एक विधायक पर भी पथराव किया गया था. कई स्थानों पर योजना को वापस लिए जाने की मांग कर रहे युवा सड़कों और रेल की पटरियों पर भी बैठ गए थे.

आयु सीमा में अस्थायी छूट

इस बीच इन प्रदर्शनों को शांत कराने के लिए सरकार ने पहले तो योजना से युवाओं को होने वाले फायदों को लेकर एक प्रचार अभियान चलाया लेकिन उसके बाद भी युवाओं का गुस्सा शांत न होने पर योजना में एक बदलाव की भी घोषणा की. सरकार ने अब कहा है कि चूंकि कोविड-19 महामारी के कारण पिछले दो सालों से सेना में भर्ती रुकी हुई थी, इसलिए सिर्फ इस साल 'अग्निपथ' योजना में प्रवेश करने की आयु की ऊपरी सीमा को 21 साल से बढ़ा कर 23 कर दिया जाएगा.

यह छूट सिर्फ इसी साल के लिए दी जाएगी और अगले साल से भर्ती के लिए फिर से 17 से 21 साल तक की आयु सीमा का ही पालन किया जाएगा. सरकार की घोषणा से अभी तक तो प्रदर्शनकारियों का गुस्सा शांत नहीं हुआ है. बल्कि प्रदर्शन और इलाकों में फैलते जा रहे हैं.

इस बीच विपक्ष के कुछ नेताओं ने मांग की है कि योजना को फिलहाल रोक कर इस पर संसद में चर्चा की जाए ताकि सभी तरह की प्रतिक्रियाओं को समझा जा सके और योजना की कमजोरियों को दूर किया जा सके. सरकार ने अभी तक इस सुझाव पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

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