डेनमार्क की एक इंटीरियर डिजाइनर अपने घरों की सजावट के केंद्र में एक डेनिश शब्द को रखती हैं. डेनिश भाषा का यह शब्द है "हू-गह" जिसका मतलब होता है रोजमर्रा की आम चीजों को खूबसूरत, खास और अर्थपूर्ण बनाने से मिलने वाला आनंद.
कोपनहेगेन में इंटीरियर आर्किटेक्ट और डिजायनर लेने हाल्स हॉर्नेमन के घर में घुसते ही सबसे पहले दो रंग ध्यान खींचते हैं. ग्रे और काला. डिजायनर ने अपने घर की सजावट में कई कलर टोंस का इस्तेमाल किया है. लेने हाल्स हॉर्नमन के लिए रंगों का चुनाव एक भावनात्मक यात्रा सी थी. वह बताती हैं, "रंग बहुत अहम हैं. वे आपको यात्रा पर ले जाते हैं. वे आपको जगह के बारे बताते हैं, आपको कहानियों के लिए प्रेरित करते हैं, आप कहां जाना चाहते हैं, क्या करना चाहते हैं. इसीलिए घर में कहीं सफेद रंग नहीं है. सिर्फ छत सफेद है.”
स्लेटी में स्लेटी, इसके बावजूद माहौल में बेहद गर्माहट भरा अहसास है. लाइट भी खास है. बड़ी खिड़कियां हैं, जिनकी मदद से काफी प्राकृतिक रोशनी भीतर आती है. लिविंग रूम के बीचों बीच अंगेठी है, जो लैंप का काम भी करती है.
आपने ऐसे घर शायद ही देखे हों. यूरोप के ये घर अजीब भी हैं और गजब भी. देखिए...
तस्वीर: DWउत्तर पश्चिमी जर्मनी के मार्ल में फोटोग्राफर जोड़े वनेसा स्टालबाउम और मार्को स्टेपनियाक का घर रेल के डिब्बों से बना है. ये डिब्बे 1970 के दशक के दौरान इस्तेमाल किए जाते थे.
तस्वीर: DWरहना वैसा ही लगे, जैसा रेल के डिब्बे में लगता है इसके लिए वनेसा और मार्को ने डिब्बे में कई चीजों को अपने लिए इस्तेमाल कर लिया है. जैसे कि लेटर ट्रे को अब कटलरी बना लिया गया है.
तस्वीर: DWयह ग्रीनहाउस है जर्मनी के ड्रेसडेन में. यहां मोनिका और थॉमस रहते हैं. वह इस घर में पिछले 20 साल से रह रहे हैं.
तस्वीर: DWघर के अंदर ही नर्सरी है. ग्रीनहाउस में ग्राहक भी आते हैं और पौधे ले जाते हैं. घर के अंदर नर्सरी है या नर्सरी के अंदर घर, बस वही जानते हैं जो इसमें रहते हैं.
तस्वीर: DWनीदरलैंड्स के द हेग का यह घर एक पुराना अनाज भंडार था. आर्किटेक्ट यान कोर्ब्स ने इसे दोमंजिला घर बना दिया. सिर्फ 13 वर्गमीटर में बेडरूम, किचन, बाथरूम सब है.
तस्वीर: Ishka Michockaयान यह संदेश देना चाहते थे कि सस्ते और पर्यावरण के अनुकूल घर बनाना संभव है. इसलिए उन्होंने हर चीज रीसाइकल की है. उन्होंने बस अग्नि सुरक्षा यंत्र खरीदे हैं. बाकी सब पुरानी चीजों से बना है.
तस्वीर: Ishka Michockaइस घर में कोई कोना ही नहीं है. बुलबुलों में कोना नहीं होता ना. घर में कई गोल इमारतें हैं जिनमें फ्रांस के जोएल उनाल का घर है. दक्षिण फ्रांस के आर्डेश इलाके में 1970 से बना यह घर स्टील और कंक्रीट से बना है.
तस्वीर: DWयह घर बनाने में उनाल और उनकी पत्नी को 36 साल लगे हैं. घर का हर कमरा दूसरे से जुड़ा है. ज्यादातर फर्नीचर खुद बनाया गया है. 2010 में इस घर को फ्रांस की राष्ट्रीय इमारत घोषित किया गया.
तस्वीर: DWदूसरे विश्व युद्ध के दौरान जर्मन शहर जीगेन के इस बंकर में गोलाबारी से बचने के लिए 800 लोग तक छिप जाते थे. अब इसे अपार्टमेंट्स में तब्दील कर दिया गया है. बंकर की मोटी-मोटी दीवारों में खिड़कियां भी हैं.
तस्वीर: DW70 साल तक बंकर बस बंद रहा. लेकिन अब यहां सब खुला-खुला है, घर जैसा. इसमें आठ अपार्टमेंट हैं. एक पेंटहाउस भी है, विशाल छत वाला. और युद्ध के अंधियारे की सारी यादों को मिटा दिया गया है.
तस्वीर: DW डिजायनर और फ्लो मार्केट से खरीदे लैंप भी सर्दी की लंबी शामों में सकून का अहसास कराते हैं. लेने हाल्स हॉर्नेमन कहती हैं, " मैं घर में ऐसा अहसास जगाना चाहती थी कि ये आपकी पंसदीदा जगह हो. आपके पास यही लम्हा है, यही पल है. अगर आप अहसास करना चाहते हैं कि सबसे अच्ची जगह कौन ही है, तो वही मैं बनाना चाहती हूं. लेकिन मेरे लिये नहीं, क्योंकि मैं यहां अकेले नहीं रहती. मैं इसे अपने परिवार के लिए बनाना चाहती थी.”
लेने यहां अपने पति हांस, दो बच्चों और तीन कुत्तों के साथ रहती हैं. पूरे परिवार के लिए किचन मिलने की सबसे अहम जगह है. 49 साल की लेने ने अपने क्लाइंट्स के लिए किचन आयलैंड बनाते हुए इंटीरियर डिजायनिंग में सफल करियर बनाया है. वो खुद के लिए भी एक खूबसूरत और प्रैक्टिकल किचन चाहती थीं. अपना किचन दिखाते हुए वह कहती हैं, "एक किचन है लेकिन ये सिर्फ किचन भर नहीं. यह उससे कहीं ज्यादा है, इसमें एक तरह की कोमलता है. यह प्रैक्टिकल, सुंदर और फंक्शनल है.”
कभी क्लीनिक रही इमारत अब तीन मंजिला घर है, जहां कुल 400 वर्गमीटर जगह है. इतना बड़ा होने के बावजूद इसमें सकून भरा अहसास है. परिवार के लिए जगह का बहुत महत्व है और वो हर इंच का इस्तेमाल करते हैं.
कभी कभी शहरों के बड़े प्रोजेक्ट में स्थानीय लोगों का ख्याल नहीं रखा जाता. लेकिन कुछ मामलों में बिल्डरों का ऐसे अड़ियल लोगों से पाला पड़ता है कि उन्हें ही हार माननी पड़ती है. देखें ऐसे ही कुछ प्रसिद्ध प्रॉपर्टी विवाद.
तस्वीर: Reutersउत्तरी ब्रसेल्स के हारेन जिले में एक बड़े जेल के निर्माण का प्रस्ताव आया. ऐसी कोई मेगाजेल अपने पड़ोस में ना चाहने वाले इसका विरोध कर रहे हैं. उन्होंने अगस्त 2014 से ही जेल के लिए प्रस्तावित जमीन पर डेरा डाला हुआ है. 18 हेक्टेयर जमीन में तंबुओं, झोपड़ियों के अलावा कई सामुदायिक बाग भी बस गए हैं. पुलिस के साथ कई झड़पें झेल चुके निवासी 2015 के अंत में इस पर अंतिम फैसले का इंतजार कर रहे हैं.
तस्वीर: DW/M. Küblerवेनेजुएला की राजधानी काराकस शहर के बीचोबीच स्थित इस 45 मंजिलों वाली गगनचुंबी इमारत को झुग्गी मानना थोड़ा मुश्किल लगता है. दुनिया का सबसे ऊंचा यह स्लम 'टावर ऑफ डेविड' कहलाता है. 2014 में इसके निवासियों को निकाल दिया गया. एक समय इसमें करीब 3,000 लोग रहा करते थे.
तस्वीर: Reutersशीतयुद्ध के काल में बर्लिन के एयरलिफ्ट का केन्द्र रहा टेंपेलहोफ एयरपोर्ट 2008 में बंद हो गया. इसे सार्वजनिक पार्क के रूप में खोल दिया गया और लोगों ने इसे अपनी जगह मान लिया है. न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क जितनी बड़ी इस खुली जगह को ऐसे ही बरकरार रखने पर मई 2014 में वोटिंग हुई. भविष्य में यहां खेलकूद या ओपेन एयर सिनेमा के निर्माण की योजना है.
तस्वीर: Getty Images2010 में जब श्टुटगार्ट के मुख्य रेलवे स्टेशन के पुनर्निर्माण की योजना बनी तो हजारों लोग इसके विरोध में सड़कों पर आ गए. नई हाई स्पीड ट्रेनों के लिए ट्रैक तैयार करने के लिए श्लॉसगार्टेन इलाके में आसपास के करीब 180 पेड़ों को काटना पड़ता. भारी कीमत और पर्यावरण को नुकसान के विरूद्ध होने के बावजूद 2011 में हुए रेफरेंडम में 60 फीसदी लोगों ने प्रोजेक्ट का समर्थन कर दिया.
तस्वीर: picture-alliance/dpaचीन के तेजी से विकास करते शहरों में संघर्ष के कई ऐसे मामले हैं. रॉयटर्स के अनुसार, 2008 में बीजिंग ओलंपिक की तैयारी के दौरान करीब 15 लाख लोगों को विस्थापित किया गया था. आयोजक इसे बढ़ा चढ़ाकर बताई गई संख्या कहते हैं. कई मामलों में लोगों ने मुआवजा लेने से मना कर दिया, जिसका नतीजा ऐसा नजर आता है.
तस्वीर: Reuters2016 में रियो दे जनेरो में होने वाले ग्रीष्मकालीन ओलंपिक की तैयारी में वहां भी खूब निर्माण कार्य चल रहा है. एक खास ओलंपिक पार्क बनाने के लिए गोल्फ कोर्स (तस्वीर में) के अलावा विला ओटोड्रोमा फावेल समुदाय के लोगों को विस्थापित करना पड़ा. यहां के करीब 700 निवासियों ने मुआवजा स्वीकार कर लिया लेकिन कुछ अब भी पानी और बिजली की कमी के बावजूद यहीं रह रहे हैं.
तस्वीर: Getty Images/M. Stockman लेने के पति हांस हॉर्नेमन कहते हैं, "आपका घर आपका महल है और आप यहां ऐसी चीजों से घिरे रहते हैं जो आपको पंसद हैं और ये आराम देती हैं. डैनिश में हू-गह शब्द है, जिसका मतलब है कोजिनेस. मुझे लगता है कि डैनिश संस्कृति में यह काफी अहम है.”
लेने हाल्स होर्नेमन का कहना है, "हमारे यहां कई दोस्त और परिवार आते हैं. हम अपना घर खोलते हैं और शायद इसीलिए हम सोचते हैं कि हम कैसे रहें, खूबसूरत चीजों के साथ. सिर्फ आकार में खूबसूरत चीजें नहीं, बल्कि अच्छी क्वालिटी वाली. डैनिश लोगों को अच्छी क्वालिटी पंसद है. इसके चलते भी यह मजेदार है. ”
ग्रे हाउस, पहला मकान नहीं है जो हॉर्नेमन दंपत्ति ने अपने परिवार के लिये खरीदा और रेनोवेट किया हो. वो पहले भी ऐसा कर चुके हैं और हो सकता है कि भविष्य में वो किसी और घर को इतने प्रेम से संवारें.
ग्योना केटेल्स