भारत की अर्थव्यवस्था को पर्यावरण सम्मत होने के लिए अभी लंबा सफर तय करना है. अच्छी बात यह है कि इस क्रम में करीब 35 लाख नौकरियां पैदा होंगी. ये अवसर ऐसे लोगों के लिए खुलेंगे, जो नए हुनर सीखने और खुद को इस बड़े बदलाव के मुताबिक ढालने के लिए तैयार हैं. इनमें से कुछ कामों के शैक्षणिक कार्यक्रम तो शुरू भी हो गए हैं.