1 जुलाई से यूरोपीय संघ के भीतर स्वतंत्र रूप से यात्रा करने के लिए 'ग्रीन पास' की आवश्यकता होगी.
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इटली के मटेरा में जी-20 के विदेश मंत्रियों की बैठक के इतर भारतीय भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के प्रतिनिधि योसेप बोरेल के साथ मिलकर यूरोपीय संघ के कोविड-19 वैक्सीनेशन पासपोर्ट में कोविशील्ड को भी शामिल करना का मुद्दा उठाया.
बोरेल के साथ मुलाकात के बाद उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "योसेप बोरेल के साथ साथ हमारे संबंधों की एक व्यापक समीक्षा हुई. यूरोप की यात्रा के लिए कोविशील्ड को प्राधिकार करने का मुद्दा उठाया गया. आगे भी इस पर नजर बनाए रखेंगे."
भारत में ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड वैक्सीन को उसके स्थानीय निर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) ने नाम दिया है. इसे यूरोपीय मेडिसिन एजेंसी (ईएमए) द्वारा मान्यता नहीं दी गई है क्योंकि एजेंसी के मुताबिक उसे अभी तक है इस संबंध में पुणे स्थित एसआईआई द्वारा अनुरोध नहीं मिला है.
इस बीच यूरोप की यात्रा करने के लिए कोविशील्ड वैक्सीन लेने वाले यात्रियों को ईएमए से मंजूरी प्राप्त करने की आवश्यकता है. ग्रीन पास जो ईयू के भीतर स्वतंत्र रूप से यात्रा करने की इजाजत देता है वह 1 जुलाई से लागू हो रहा है.
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क्या है ग्रीन पास?
ईयू ने ब्लॉक में यात्रा करने के लिए यूरोपीय और गैर यूरोपीय नागरिकों को डिजीटल ग्रीन पास सुविधा देने का ऐलान किया है. ग्नीन पास वाले यात्रियों को बिना किसी रोक टोक के ईयू में यात्रा की करने की इजाजत होगी. हालांकि ग्रीन पास उन्हें ही मिलेगा जिन्होंने ईयू द्वारा स्वीकृत वैक्सीन लगवाई हो.
कुछ रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि देशों द्वारा चिंता जताए जाने और विरोध के बाद ईयू ने कहा है कि सदस्य देशों को अन्य वैक्सीन को भी मंजूर करने का विकल्प है, खासतौर पर वे टीके जिन्हें डब्ल्यूएचओ द्वारा मान्यता प्राप्त है.
देखें: प्रवासियों के रहने के लिए 2021 में सबसे अच्छी जगहें
प्रवासियों के रहने के लिए 2021 में सबसे अच्छी जगहें
प्रवासियों के सबसे बड़े नेटवर्क इंटरनेशंस की ´एक्सपैट इंसाइडर सर्वे 2021´ के मुताबिक 2021 में ऐसे 10 देश हैं जो एक्सपैट के रहने के लिए सबसे अच्छे हैं. तो जानते हैं कौन हैं ये 10 देश.
तस्वीर: Galyna Andrushko/Zoonar/picture alliance
ताइवान
एक्सपैट इनसाइडर 2021 सर्वेक्षण में ताइवान ने लगातार तीसरे साल पहले स्थान पर अपनी जगह बनाए रखी है. ताइवान जीवन शैली और विदेश में काम करने के मामले में भी नंबर एक पर आता है.
तस्वीर: Luis Martinez/Design Pics/picture alliance
मेक्सिको
प्रवासियों के लिए मेक्सिको रहने के लिहाज से दूसरा सबसे अच्छा देश है. मेक्सिको दुनिया का 10वां सबसे ज्यादा आबादी वाला देश है. मेक्सिको की "संस्कृति और स्थानीय लोगों का दोस्ताना स्वभाव" लोगों को भाता है.
कुल 59 देशों की लिस्ट में मध्य अमेरिकी देश कोस्टा रिका को तीसरा स्थान मिला है. वहां रहने वाले एक अमेरिकी प्रवासी का कहना है, "मुझे कोस्टा रिका के सामाजिक जीवन और संस्कृति से प्यार है."
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मलेशिया
एशियाई देश मलेशिया को प्रवासियों ने चौथा रैंक दिया है. ज्यादातर लोगों ने सर्वे के दौरान यहां रहने के खर्च और व्यक्तिगत फाइनांस के आधार पर मलेशिया को यह स्थान दिया है. एक्सपैट्स ने मलेशिया को आसानी से बसने के सूचकांक में दूसरा सबसे अच्छा देश बताया है.
तस्वीर: Matthew Williams-Ellis/robertharding/picture alliance
पुर्तगाल
पुर्तगाल एकलौता यूरोपीय देश है जो प्रवासियों के मनपसंद देशों में से एक है. पुर्तगाल रैंक में नंबर पांच पर है. यहां रहने वाले प्रवासी जीवन से जुड़े अधिकांश पहलुओं की सराहना करते हैं.
तस्वीर: Pedro Fiuza/Zuma/picture alliance
न्यूजीलैंड
न्यूजीलैंड को प्रवासियों की पसंदीदा देशों की रैंक में 6ठा स्थान मिला है. 2016 के बाद पहली बार प्रशांत सागर में बसा न्यूजीलैंड टॉप दस की सूची में अपनी जगह बना पाया है.
तस्वीर: Rafael Ben-Ari/Chameleons Eye/Newscom/picture alliance
ऑस्ट्रेलिया
प्रवासियों की रैंकिंग के अनुसार ऑस्ट्रेलिया नबंर सात पर आया है. ऑस्ट्रेलिया भी अपने पड़ोसी देश न्यूजीलैंड की तरह ही 2016 के बाद इस सूची में पहली बार जगह बना पाया है.
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इक्वाडोर
इक्वाडोर एक दक्षिण अमेरिकी देश है. प्रवासियों ने अपने व्यक्तिगत फाइनांस और यहां बसने में होने वाली आसानी के आधार पर इक्वाडोर को ये रैंक दिया है और संतुष्टि जताई है.
तस्वीर: robertharding/Imago Images
कनाडा
उत्तरी अमेरिकी देश कनाडा को प्रवासियों ने 9वां रैंक दिया है. ज्यादातर प्रवासियों ने कनाडा को आसानी से बसने वाला देश, अच्छी जीवन शैली और काम करने के लिहाज से अच्छी जगह बताया है.
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वियतनाम
वियतनाम टॉप 10 की सूची में जगह बनाने वाला तीसरा एशियाई देश है. प्रवासियों ने साम्यवादी शासन वाले वियतनाम को रहने के लिए एक अच्छी जगह बताया है. वियतनाम को इस लिस्ट में 10वां रैंक मिला है.
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ग्रीन पास के लिए कौन सी वैक्सीन जरूरी
ईएमए ने अपने ग्रीन पास के लिए केवल चार टीकों को मंजूरी दी है. ये टीके हैं- वैक्सजेवरिया (ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका), फाइजर-बायोनटेक एसई, मॉडर्ना और जॉनसन एंड जॉनसन. भारत में ऑक्सफर्ड-एस्ट्राजेनेका एसआईआई के साथ मिलकर वैक्सीन उत्पादन कर रही है लेकिन यूरोप में जो वैक्सीन वह इस्तेमाल कर रही है उसका नाम अलग है.
सोमवार को एसआईआई के सीईओ अदार पूनावाला ने कहा, "मुझे एहसास है कि बहुत सारे भारतीय जिन्होंने कोविशील्ड का टीका लिया है, उन्हें यूरोपीय संघ की यात्रा के साथ समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. मैं सभी को आश्वस्त करना चाहता हूं कि मैंने इसे उच्चतम स्तर पर उठाया है और उम्मीद है कि इस मामले को जल्द ही दोनों नियामकों और कूटनीतिक स्तर पर हल किया जाएगा."
इस बीच अफ्रीकी संघ ने चेतावनी दी है कि यूरोपीय संघ द्वारा भारत में निर्मित एस्ट्राजेनेका कोविड-19 टीकों की गैर-मान्यता से अफ्रीका में वैक्सीन लेने वालों को नुकसान पहुंचाएगा.
सोमवार को जारी एक संयुक्त बयान में अफ्रीकी संघ (एयू) और अफ्रीका रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र ने कहा कि नियम अफ्रीका में टीका लेने वाले लोगों के "न्यायसंगत उपचार को जोखिम में डालते हैं."
भारत में कोविशील्ड के अलावा भारत बायोटेक की कोवैक्सीन, स्पूतनीक वी का इस्तेमाल किया जा रहा है. देश में अब अमेरिका की मॉडर्ना वैक्सीन को लाइसेंस मिल गया है. वैक्सीन को आपात मंजूरी में इस्तेमाल की इजाजत दी गई है. भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने दवा कंपनी सिपला को मॉडर्ना के टीके आयात करने को मंजूरी दी है.
उम्मीद की जा रही है कि भारत में निकट भविष्य में दो और टीकों को मंजूरी मिल सकती है.
2021 में दुनिया के 10 सबसे महंगे शहर
दुनिया का सबसे महंगा शहर ना अमेरिका में है, ना यूरोप में. अमेरिकी कन्सलटेंसी फर्म मर्सर के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय कर्मचारियों के लिए दुनिया का सबसे महंगा शहर तुर्कमेनिस्तान में है.
तस्वीर: Vyacheslav Sarkisyan/REUTERS
नंबर 10ः बर्न
मर्सर की सूची में दसवें नंबर पर है स्विट्जरलैंड का शहर बर्न. टॉप 10 में इस देश के तीन शहर हैं.
तस्वीर: Anthony Anex/KEYSTONE/dpa/picture alliance
नंबर 9ः बीजिंग
चीन की राजधानी बीजिंग दुनिया का नौवां सबसे महंगा शहर है. इस सूची में चीन के भी दो शहर हैं.
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नंबर 8ः जेनेवा
स्विट्जरलैंड का जेनेवा इस सूची में कई सालों से बना हुआ है. लेकिन अमेरिका का एक भी शहर इस साल टॉप 10 में जगह नहीं बना पाया है.
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नंबर 7ः सिंगापुर
सिटी-स्टेट सिंगापुर भी लगातार इस सूची में बना हुआ है, जो मर्सर ने पांच महाद्वीपों के 209 शहरों का अध्ययन करके बनाई है.
तस्वीर: Eyes on Asia/Westend61/picture alliance
नंबर 6ः शंघाई
चीन का यह दूसरा शहर है जो टॉप 10 में है. न्यू यॉर्क पिछले साल नंबर 6 पर था, जो आठ जगह खिसक कर 14 पर पहुंच गया.
तस्वीर: Zumapress/picture alliance
नंबर 5ः ज्यूरिख
ज्यूरिख स्विट्जरलैंड का सबसे महंगा शहर है. पिछले साल यह नंबर चार पर था.
नंबर 4ः टोक्यो
जापान की राजधानी टोक्यो भी पिछले साल से एक स्थान खिसक गई है. मर्सर का कहना है कि उसने घर, कपड़े, परिवहन, खाना, जूते आदि बहुत सी चीजों की कीमतों की तुलना के बाद यह सूची बनाई है.
तस्वीर: Kim Kyung-Hoon/REUTERS
नंबर 3ः बेरूत
लेबनान की राजधानी बेरूत में पिछले कुछ सालों में महंगाई बेतहाशा बढ़ी है. राजनीतिक उथल पुथल का इसमें भारी योगदान है. इसकी रैंकिंग में 42 स्थान का उछाल आया है.
तस्वीर: Joseph Eid/AFP/Getty Images
नंबर 2ः हांग कांग
पिछले साल दुनिया का सबसे महंगा शहर रहा हांग कांग इस बार खिसक गया है क्योंकि पहले नंबर पर काबिज होने कोई और शहर आ गया है.
तस्वीर: Reuters/J. Lee
नंबर 1ः एशगाबात
तुर्कमेनिस्तान की राजधानी एशगाबात को सफेद संगमरमर की इमारतों के लिए भी जाना जाता है और महंगाई के लिए भी. पिछले साल यह दूसरे नंबर पर था.