ब्रिटेन कोरोना वायरस से बचने के लिए टीका लगाने की शुरुआत अगले हफ्ते से करने जा रहा है. फाइजर और बायोएनटेक की वैक्सीन ब्रिटेन में बड़ी संख्या में लोगों को लगाई जाएगी. इसके लिए जरूरी मंजूरी मिल गई है.
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ब्रिटेन की मेडीसिन एंड हेल्थकेयर प्रॉडक्टस रेगुलेटरी एजेंसी एमएचआरए ने बयान में कहा है, "सरकार ने फाइजर बायोएनटेक की कोविड-19 वैक्सीन को मंजूरी देने के सुझाव को स्वीकार कर लिया है. वैक्सीन अगले हफ्ते से पूरे ब्रिटेन में उपलब्ध होगी." वैक्सीन के लिए केयर होम में रहने वाले लोगों, स्वास्थ्य कर्मचारी, बुजुर्ग और बीमार लोगों को वरीयता दी जाएगी. ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हनकॉक ने बताया है कि उनके विभाग ने एमएचआरए की सलाह पर इस वैक्सीन को आपातकालीन मंजूरी दी है. फिलहाल आठ लाख डोज के साथ इसकी शुरुआत की जा रही है.
एमएचआरए के बयान में यह भी कहा गया है कि कई महीनों के क्लिनिकल ट्रायल और आंकड़ों का निरंतर विश्लेषण करने के बाद एमएचआरए ने, "यह नतीजा निकाला है कि वैक्सीन सुरक्षा, गुणवत्ता और असर के बारे में एजेंसी के कठोर मानकों पर खरी उतरी है."
फाइजर के चेयरमैन एल्बर्ट बोउर्ला ने इस मौके को कोविड-19 से जंग में "ऐतिहासक" बताया है. बोउर्ला का कहना है, "यह अधिकार वह लक्ष्य है जिसके लिए हम तब से काम कर रहे थे जब हमने विज्ञान की जी का एलान किया था और हम यूके के लोगों को बचाने के लिए समय पर उठाए गए कदमों और सावधानीपूर्वक मूल्यांकन के लिए एमएचआरए की सराहना करते हैं."
फाइजर और बायोएनटेक ने इसके साथ ही कहा है कि वो दूसरे देशों की एजेंसियों से भी आने वाले दिनों और हफ्तों में इस तरह के फैसलों की उम्मीद कर रहे हैं.
ब्रिटेन में जिस वक्त वैक्सीन की मंजूरी की खबर आई, उसी वक्त वहां एक महीने से चला आ रहा लॉकडाउन खत्म भी हुआ. हालांकि देश के ज्यादातर हिस्से में लगी पाबंदियों आर संक्रमण को रोकने के लिए किए जा रहे उपायों पर अमल होता रहेगा. नवंबर में चार हफ्ते का लॉकडाउन संक्रमण को रोकने, स्वास्थ्य सेवाओं पर बढ़ते दबाव को कम करने और क्रिसमस के मौके पर परिवारों के जमा होने की स्थिति बनाने के लिए लगाया गया था.
कोरोना के खिलाफ जंग में लामा बना सुपरहीरो
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कोविड-19 का संक्रमण झेल चुके प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने बड़ी मुश्किलों से संसद में नए उपायों के लिए मंजूरी हासिल की. खुद उनकी पार्टी ही इसके विरोध में थी. संसद में वोटिंग से पहले प्रधानमंत्री ने कहा, "हम लोगों को अपना धैर्य बनाए रखने की जरूरत है. ना केवल तब तक जब तक वैक्सीन हमारी पहुंच में नहीं आ जाती, बल्कि जब तक वह हमारी बांहों में इंजेक्ट नहीं कर दी जाती. तब तक हम आराम से नहीं बैठ सकते खासतौर से सर्द महीनों में."
बीते हफ्तों में कई कंपनियों ने सफल वैक्सीन तैयार कर लेने का दावा किया है. इनमें फाइजर बायोएनटेक के साथ ही मॉडेर्ना और ऑक्सफोर्ड प्रमुख हैं. उम्मीद की जा रही है कि इस महीने के आखिरी तक दूसरी कंपनियों को भी अलग अलग देशों में वैक्सीन सप्लाई करने की मंजूरी मिल जाएगी. इस बीच यूरोप और अमेरिका ने वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बाद इसे हर जगह तक पहुंचाने की तैयारी शुरू कर दी है.
इससे पहले रूस ने भी स्पुतनिक वी नाम की एक वैक्सीन तैयार करने का दावा किया और रूस में राष्ट्रपति के साथ ही बड़ी संख्या में सेना के जवानों और अफसरों को इसकी डोज दी गई है. हालांकि इस वैक्सीन का यूरोप में क्लिनिकल ट्रायल अभी शुरू नहीं हुआ है. दूसरी तरफ भारत समेत कई देश रूसी वैक्सीन को हासिल करने की तैयारी में हैं. भारत की एक दवा कंपनी ने तो स्पुतनिक वी बनाने वाली कंपनी के साथ एक बड़ा करार भी कर लिया है.
दुनिया भर में फैली इस बीमारी के कारण 15 लाख लोगों की जान गई है, जबकि 6.3 करोड़ से ज्यादा लोग इसकी चपेट में आए हैं.
महामारी में मुनाफा: कैसे कोविड-19 के दौरान कुछ अमीर और भी अमीर हो गए
कोरोना वायरस संकट के दौरान अधिकतर उद्योगों को भारी नुकसान उठाना पड़ा, लेकिन कुछ उद्योगों ने मुनाफा भी कमाया है. इन उद्योगों से कुछ नए धनी लोग भी निकले हैं और इनसे जुड़े जो लोग पहले से धनी थे वो और धनवान बन गए हैं.
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कोई कितना अमीर हो सकता है?
अमेजन ने कोविड-19 के बीच काफी व्यापार किया और कंपनी के शेयरों ने नए रिकॉर्ड स्थापित किए. संस्थापक जेफ बेजोस महामारी के पहले ही दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति थे और अब वो और अमीर हो गए हैं. फोर्ब्स मैगजीन के मुताबिक वो 193 अरब डॉलर की संपत्ति के मालिक हैं.
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अव्वल नंबर के करीब
इलॉन मस्क की कंपनी टेस्ला गाड़ियां बनाती है लेकिन स्टॉक एक्सचेंज पर इसे एक बड़ी टेक कंपनी के रूप में देखा जाता है. महामारी के दौरान टेक कंपनियों के स्टॉक बाजार में काफी चर्चा में रहे हैं और टेस्ला को इससे फायदा मिला है. कुछ ही समय पहले मस्क ने दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों की सूची में बिल गेट्स को पीछे कर दिया था. 132 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ वो धीरे धीरे जेफ बेजोस की तरफ बढ़ रहे हैं.
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घर से काम करने के चलन का फायदा
घर से काम करने वाले लोगों की संख्या में बढ़ोतरी की वजह से ऑनलाइन मीटिंग ऐप जूम का व्यापार बढ़ गया है और यह उसके संस्थापक एरिक युआन के लिए काफी लाभकारी साबित हुआ है. जूम 2019 में ही स्टॉक एक्सचेंज में शामिल हुई थी, लेकिन युआन आज अनुमानित 19 अरब डॉलर की संपत्ति के मालिक हैं.
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सफलता के लिए फिट
दूसरों से दूरी बनाए रखना और जिमों का बंद रहना जॉन फोली के लिए वरदान जैसा साबित हुआ है. फोली की कंपनी पेलोटॉन घर पर कसरत करने के जिम उपकरण बनाती है और महामारी के दौरान इन उपकरणों की इतनी बिक्री हुई है कि कंपनी के शेयर के दाम में तीन गुना इजाफा हो गया है और 50-वर्षीय फोली अचानक ही अरबपति बन गए हैं.
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दुकानदारों की मदद का व्यापार
शॉपीफाई व्यापारियों की मदद करता है ऑनलाइन उनकी अपनी दुकान खड़ी करने में. इसे जर्मनी के टोबियास लुइटके ने विकसित किया था जो बाद में कनाडा चले गए थे. शॉपीफाई आज कनाडा की सबसे मूल्यवान कंपनी है और मार्च से अभी तक इसके शेयर का दाम दोगुना हो चुका है. फोर्ब्स के अनुसार 39 साल के लुइटके नौ अरब डॉलर के मालिक हैं.
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रातों-रात अरबपति
जर्मन कंपनी बायोएनटेक ने कोविड-19 की वैक्सीन पर जनवरी में ही काम करना शुरू कर दिया था और अब संभव है कि उसके टीके को जल्द ही इस्तेमाल की अनुमति मिल जाए. इस सफलता से कंपनी के तुर्क मूल के मालिक उगूर सहीन पर सबका ध्यान गया है और वो काफी धनी हो गए हैं. इस समय उनके शेयरों का अनुमानित मूल्य है 2.4 अरब बिलियन डॉलर.
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सफलता की सामग्री
खाना बनाने की सामग्री उपलब्ध कराने वाली कंपनी हेलोफ्रेश को रेस्तरां के बंद होने का पूरा फायदा मिल रहा है. लोग जम कर आर्डर कर रहे हैं और कंपनी के शेयरों का मूल्य महामारी के दौरान तीन गुना से भी ज्यादा बढ़ा है. कंपनी के संस्थापक और शेयरहोल्डर डॉमिनिक रिक्टर अभी उन लोगों की बराबरी तो नहीं कर पाए हैं जिन्होंने महामारी में सबसे ज्यादा कमाई की, लेकिन उनके पास वहां पहुंचने की सारी 'सामग्री' है.
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अमेजन से और किसी को भी फायदा
अमेजन की सफलता से सिर्फ जेफ बेजोस ही और अमीर नहीं हुए. उनकी पूर्व-पत्नी मैकेंजी के पास भी कंपनी के कई शेयर हैं जिनकी बदौलत वो दुनिया के सबसे अमीर महिला बन गई हैं. अनुमान है कि उनके पास 72 अरब डॉलर मूल्य की संपत्ति है.
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