बिलकिस बानो गैंगरेप मामले के 11 दोषियों को 15 अगस्त को जेल से रिहा कर दिया गया. इन दोषियों ने 15 साल से अधिक जेल की सजा काटी थी जिसके बाद उनमें से एक ने अपनी समय से पहले रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
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2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे 11 दोषियों को सोमवार यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन गोधरा जेल से रिहा कर दिया गया. वरिष्ठ अधिकारियों के मुताबिक राज्य सरकार के एक पैनल ने सजा की माफी के लिए उनके आवेदन को मंजूरी दी जिसके बाद उनकी जेल रिहाई हो पाई.
गुजरात के अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह) राज कुमार ने अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि जेल में "14 साल पूरे होने" और अन्य कारकों जैसे "उम्र, अपराध की प्रकृति, जेल में व्यवहार आदि" के कारण माफी के आवेदन पर विचार किया गया था."
21 जनवरी, 2008 को मुंबई में सीबीआई की अदालत ने बिलकिस बानो के परिवार के सात सदस्यों के सामूहिक बलात्कार और हत्या के आरोप में 11 आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा.
दाहोद जिले के लिमखेड़ा तालुका में 3 मार्च 2002 को भीड़ द्वारा बिलकिस के साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था और उनकी तीन साल की बेटी सालेहा समेत 14 रिश्तेदारों की हत्या कर दी गई थी. उस समय बिलकिस गर्भवती थीं.
बिलकिस बानो नरसंहार में बच गई थीं और उनका मामला 2002 के दंगों से संबंधित सबसे महत्वपूर्ण मामलों में से एक था. इसकी जांच सीबीआई को सौंपी गई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर मुकदमे को गुजरात से महाराष्ट्र ट्रांसफर कर दिया गया था.
तस्वीरों में कैद वो लम्हे जिन्हें भुलाना मुमकिन नहीं
तस्वीरों के सहारे हम इतिहास को जिंदा रखते हैं. देखिए ऐसी कुछ घटनाओं की तस्वीरें जिन्हें शायद ही कोई भारतीय भूल पाए.
तस्वीर: Getty Images/AFP/D. E. Curran
कन्हैया
जेएनयू छांत्र संघ अध्यक्ष कन्हैया को देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार करने के बाद अदालत ले जाया गया और वहां उन पर वकीलों ने हमला कर दिया. उसके बाद छपी इस तस्वीर ने पूरे भारत को दो हिस्सों में बांट दिया. एक हिस्सा कन्हैया के साथ था और दूसरा उसके खिलाफ.
तस्वीर: Reuters
अन्ना आंदोलन
साल 2011 में समाजसेवी अन्ना हजारे ने दिल्ली के रामलीला मैदान में यूपीए सरकार के खिलाफ भ्रष्टाचार के मुद्दे पर अनशन किया. अन्ना को लोगों का समर्थन मिला. रामलीला मैदान में उनका समर्थन करने एक लाख से ज्यादा लोग पहुंचे. इस अनशन को खत्म करवाने के लिए सरकार को खासी मशक्कत करनी पड़ी थी.
तस्वीर: AP
गुजरात का नरसंहार
2002 के गुजरात दंगों की यह तस्वीर बहुसंख्यकों की हिंसा का एक ऐसा प्रतीक बन गई कि इस तस्वीर में दिख रहे युवक की जिंदगी भी बदल गई. आज वह खुद अपनी इस तस्वीर पर शर्मिंदा है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/D'souza
छर्रों की पीड़ित
कश्मीर की 12 साल की यह बच्ची सुरक्षाकर्मियों के चलाए छर्रों में अपनी आंखें खो बैठी. अखबारों में जब इसकी तस्वीर छपी तो सब सहम गए. छर्रों पर बहस शुरू हो गई. अब सरकार नए उपाय तलाश रही है.
तस्वीर: Getty Images/AFP/T. Mustafa
पुलवामा हमला
14 फरवरी 2019 को जम्मू कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हमला हुआ था. इस हमले में 46 सीआरपीएफ जवान मारे गए थे. इस हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया था. भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के बालाकोट में बम गिराए थे. इसके जवाब में पाकिस्तान ने कार्रवाई की और दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया.
तस्वीर: IANS
रेप की पीड़ा
निर्भया कांड के बाद जब आहत युवा दिल्ली में सड़कों पर उतरे तो इस तस्वीर ने वायरल होकर ऐसा आंदोलन खड़ा किया कि रेप के खिलाफ कानून तक को बदल जाना पड़ा.
तस्वीर: Getty Images/N. Seelam
बाबरी विध्वंस
अयोध्या में बाबरी मस्जिद के गुंबद पर चढ़े इन युवकों की तस्वीर ने भारत के सामाजिक तानेबाने को तहस-नहस कर दिया. 6 दिसंबर 1992 की फोटो के बाद पूरे भारत में भयानक दंगे हुए और फिर आतंकवाद के एक ऐसे सिलसिले के शुरुआत हुई जो आज तक जारी है.
तस्वीर: AFP/Getty Images
आतंकवादी कसाब
2008 में मुंबई पर हुए आतंकी हमले के दौरान आतंकी अजमल आमिर कसाब की तस्वीर सामने आई थी. ये तस्वीर सीएसटी स्टेशन पर ली गई थी. इसी रात कसाब को पकड़ लिया गया था. 2012 में कसाब को फांसी दे दी गई थी.
तस्वीर: AP
गोधरा की जलती ट्रेन
साबरमती एक्सप्रेस के जले हुए एस-6 कोच की यह तस्वीर आजाद भारत के सबसे भयानक सांप्रदायिक दंगों की वजह बना. 28 फरवरी 2002 को अखबारों में छपी इस तस्वीर ने हर भारतीय के मन को दहला दिया था.
तस्वीर: AP
भोपाल की भयानक याद
पीछे पोस्टर में आप एक ब्लैक एंड व्हाइट फोटो देख पा रहे हैं? जमीन में दबी इस लाश की फोटो मशहूर फोटोग्राफ रघु राय ने 1984 में भोपाल गैस कांड के बाद खींची थी. आज भी यह तस्वीर सिहरन पैदा कर देती है.
तस्वीर: Getty Images/AFP
राजीव गांधी की आखिरी तस्वीर
इस तस्वीर के कुछ पलों बाद राजीव गांधी बम धमाके में मारे गए थे. अपनी हत्यारिन के हाथों फूल माला पहनते राजीव गांधी की इस तस्वीर ने भारतीय जनमानस को झकझोर दिया था.
तस्वीर: Getty Images/AFP
महात्मा गांधी की शव यात्रा
आजाद भारत की शायद यह पहली ऐसी तस्वीर थी जिसने हर भारतीय की आंख को भिगो दिया था.