गुजरात भारत का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने सार्वजनिक जन वितरण प्रणाली पीडीएस में कैशलेस सिस्टम लागू कर दिया है. अब लाभार्थी आधार कार्ड दिखाकर राशन ले सकते हैं.
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केंद्रीय खाद्य मंत्री राम विलास पासवान ने कहा है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थी गुजरात में अपना आधार कार्ड दिखाकर सस्ते दामों पर मिलने वाला राशन ले सकते हैं. खाद्य मंत्रालय के अनुसार पूरे देश में 81 करोड़ लोग खाद्य सुरक्षा योजना का लाभ ले रहे हैं.
पासवान ने एक बयान में कहा है, "गुजरात में 31 मार्च की समयसीमा से पहले ही राशन की 17,250 दुकानों पर आधार कार्ड से भुगतान करने की व्यवस्था को लागू करने के राज्य सरकार के प्रयास सराहनीय हैं."
पासवान ने कहा, "कैशलेस व्यवस्था से इस योजना के तहत लाभ उठाने वालों की पहचान की पुष्टि करने में मदद मिलेगी और राशन की दुकानों के स्तर होने वाली धोखाधड़ी को रोकना आसान होगा और सबसे अहम इससे पीडीएस व्यवस्था में भ्रष्टाचार को खत्म करने में मदद मिलेगी."
ये हैं दुनिया के 10 सबसे कैशलेस देश
दुनिया से 10 सबसे कैशलेस देश
भारत में नोटबंदी के बाद कैशलेस व्यवस्था को बढ़ावा देने पर बहुत जोर दिया जा रहा है. एक नजर दुनिया के सबसे ज्यादा कैशलेस देशों पर.
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10. दक्षिण कोरिया
मास्टर कार्ड कैशलेस जर्नी नाम की एक रिपोर्ट में दुनिया की सबसे ज्यादा कैशलेस अर्थव्यवस्थाओं का ब्यौरा दिया गया है. इस लिस्ट में 10वें पायदान पर दक्षिण कोरिया है जहां समूचे कंज्यूमर पेमेंट का 70 फीसदी पेमेंट कैशलेस होता है. देश की 58 फीसदी आबादी के पास डेबिट कार्ड है.
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9. जर्मनी
सबसे कैशलेस देशों की फेहरिस्त में नौवें नंबर पर यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जर्मनी है. यहां कुल कंज्यूमर पेमेंट का 76 प्रतिशत भुगतान कार्ड या अन्य कैशलेस तरीकों से होता है. 88 फीसदी आबादी के पास डेबिट कार्ड है.
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8. अमेरिका
अमेरिका में 72 प्रतिशत लोगों के पास डेबिट कार्ड है जबकि कुल कंज्यूमर पेमेंट का 80 फीसदी पेमेंट कैशलेस होता है. हालत यह है कि वहां एटीएम मशीनों की प्रासंगिकता पर सवाल उठने लगे हैं.
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7. नीदरलैंड्स
नीदरलैंड्स ने कैशलेस होने के मामले में खासी प्रगति की है जहां कुल कंज्यूमर पेमेंट का 85 फीसदी पेमेंट कैशलेस हो रहा है. देश के 98 प्रतिशत लोगों के पास डेबिट कार्ड है. राजधानी एम्सटरडैम में पार्किंग वाले तक कैश नहीं लेते, सिर्फ कार्ड से ही पेमेंट होता है.
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6. ऑस्ट्रेलिया
ऑस्ट्रेलिया में 79 प्रतिशत लोगों के पास डेबिट कार्ड है जबकि कंज्यूमर पेमेंट का 86 प्रतिशत कैशलेस होता है. वहां कैशलेस पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए कई आयोजन होते हैं.
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5. स्वीडन
स्वीडन में 2008 में जहां 110 बैंक डकैतियां हुईं, वहीं 2011 में इतनी संख्या घटकर 16 रह गई. वजह है बैंकों में कम से कम कैश होना. कैशलेस देशों की सूची में स्वीडन पांचवें नंबर पर है जहां कंज्यूमर पेमेंट का 89 फीसदी हिस्सा कैशलेस है. देश के 96 प्रतिशत लोगों के पास डेबिट कार्ड है.
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4. ब्रिटेन
लंदन की मशहूर डबल डेकर बस में चढ़ने से पहले सुनिश्चित कर लें कि आपके पास या तो 'ओइस्टर कार्ड' हो या प्रिपेड टिकट, क्योंकि इसमें कैश नहीं चलता. वैसे पूरे ब्रिटेन में कैश का चलन घट रहा है. कुल कंज्यूमर पेमेंट का 89 कैशलेस ही होता है और 88 फीसदी लोगों के पास डेबिट कार्ड हैं.
कनाडा में कुल कंज्यूमर पेमेंट का 90 फीसदी कैशलेस होता है जबकि देश के 88 फीसदी लोगों के पास डेबिट कार्ड है. वैसे, कनाडा ने 2013 से सेंट के सिक्के बनाना बंद कर दिया है. यानी वहां भी कैशलेस होने पर ज्यादा से ज्यादा जोर है.
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2. फ्रांस
फ्रांस में 69 प्रतिशत लोगों के पास डेबिट कार्ड है, हालांकि कुल कंज्यूमर पेमेंट का 92 फीसदी हिस्सा कैशलेस होता है. फ्रांस में तीन हजार यूरो से ज्यादा कैश के लेन-देन की अनुमति नहीं है.
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1. बेल्जियम
फिलहाल बेल्जियम दुनिया का सबसे ज्यादा कैशलेस देश है जहां कुल कंज्यूमर पेमेंट का 93 फीसदी कैशलेस होता है. देश की 86 फीसदी आबादी के पास डेबिट कार्ड है. वहां अगर तीन हजार यूरो से ज्यादा कैश का लेन-देन किया तो सवा दो लाख यूरो तक का जुर्माना हो सकता है.
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कैशलेस लेन देन को बढ़ावा देना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकताओं में शामिल है. उनके मुताबिक नोटबंदी के उनके फैसले का मकसद भ्रष्टाचार पर लगाम लगाना और अर्थव्यवस्था को कैशलेस बनाना है.
इसी साल जनवरी में पासवान ने राज्यों के खाद्य मंत्रियों के साथ एक बैठक कर देश भर में पीडीएस व्यवस्था में कैशलेस लेन देन को लागू करने पर जोर दिया था. ज्यादातर राज्यों ने इस पर अपनी सहमति दी और इसके लिए 31 मार्च तक की समयसीमा तय की गई.
गुजरात कैशलेस व्यवस्था को लागू करने की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहा है. राज्य सरकार का कहना है कि पीडीएस केंद्रों पर राशन के अलावा जल्द ही बस, रेल और हवाई टिकट भी कैशलेस तरीकों से खरीदे जा सकते हैं. इसके अलावा बिजली और पानी के बिलों का भुगतान भी कैशलेस तरीके से करना संभव होगा.
गुजरात के खाद्य आपूर्ति और उपभोक्ता मंत्री जयेश रडाडिया ने कहा, "लाभार्थी अपना मोबाइल बिल चुका सकेंगे, किसान अपने फसल बीमा और जीवन बीमा का प्रीमियम दे सकेंगे. इतना ही नहीं, वे सॉइल हेल्थ कार्ड भी ले सकते हैं और केंद्र प्रायोजित योजनाओं के लिए पंजीकरण भी करा सकते हैं."
इंटरनेट के इस्तेमाल में चीन अव्वल, देखिए
इंटरनेट के इस्तेमाल में चीन ने सबको पछाड़ा
चीन में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या में जबरदस्त उछाल आया है. पूरे यूरोप की जितनी आबादी है, चीन में उतने लोगों के पास इंटरनेट पहुंच चुका है.
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चीन अव्वल
चीन में इंटरनेट इस्तेमाल करने वाले लोगों की संख्या बढ़ कर 73.1 करोड़ हो गई है. अब चीन दुनिया में इंटरनेट उपभोक्ताओं के मामले में अव्वल है.
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वृद्धि
चाइना इंटरनेट नेटवर्क इंफॉर्मेशन सेंटर के अनुसार 2016 में चीन में इंटरनेट उपभोक्ताओं की संख्या में 6.2 प्रतिशत का उछाल आया है.
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मोबाइल में दुनिया
चीन में 2016 के दौरान मोबाइल फोन के जरिए इंटरनेट चलाने वाले लोगों की संख्या 69.5 करोड़ रही और यह लगातार बढ़ रही है.
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कैशलेस
इंटरनेट के जरिए पेमेंट करने वालों की संख्या भी चीन में तेजी से बढ़ रही है. 2016 में 47.5 करोड़ लोगों ने ऑनलाइन पेमेंट किया.
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"इंटरनेट प्लस"
अर्थव्यवस्था में ऑनलाइन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए बीजिंग में “इंटरनेट प्लस” के नाम से खास प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है.
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बंदिशें
चीन दुनिया के उन चंद देशों में से एक है जहां इंटरनेट पर सख्त सेंसरशिप लागू है. वहां लोग गूगल और फेसबुक जैसे बड़ी वेबसाइट नहीं देख सकते.
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कारोबारी फायदा
इंटरनेट के बढ़ते इस्तेमाल से ई-कॉमर्स कंपनियों की चांदी हो रही है. 11 नवंबर को अलीबाबा की ऑनलाइन सेल में लोगों ने 17.8 अरब डॉलर का सामान खरीदा.
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जीडीपी में योगदान
बड़े पैमाने पर इंटरनेट के इस्तेमाल का सीधा फायदा दुनिया की दूसरी सबसे बड़े अर्थव्यवस्था चीनी अर्थव्यवस्था को मिल रहा है.