गुजरात के खेड़ा जिले में गरबा के आयोजन पर पथराव के आरोपियों को खंभे से सटाकर उनकी पिटाई करने का वीडियो वायरल हो गया है. आरोप लग रहे हैं कि बर्बर तरीके से पिटाई करने वाले पुलिस के अफसर हैं.
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खेड़ा जिले के उंधेला गांव का यह वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में पथराव के कथित आरोपियों की सादे कपड़े पहने लोग पिटाई कर रहे हैं. वीडियो में एक शख्स चिल्ला रहा है "मुझे माफ कर दो, मुझे माफ कर दो." इस शख्स को बिजली के खंभे की दूसरी ओर से एक व्यक्ति पकड़े हुए है और उसके चारों तरफ सादे कपड़े वाले लोग खड़े हुए हैं, जिनके हाथों में डंडे हैं.
आरोप हैं कि वे पुलिसकर्मी हैं. पिटाई करने वाले एक व्यक्ति की कमर पर पिस्तौल बंधी है. पहले व्यक्ति की पिटाई के बाद दूसरे आरोपी को लाया जाता है. वह भी कहता है, "साहब माफ कर दो."
सोशल मीडिया पर यह वीडियो वीटीवी गुजराती न्यूज एंड बियॉन्ड ने डाला है.
चौराहे पर पिटाई और जयकारा
वीडियो में गांव के चौराहे पर लोगों की भीड़ जमा दिख रही है और वे पिटाई से उत्साहित नजर आ रही है. वीडियो में "भारत माता की जय" के नारे भी सुनाई पड़ रहे हैं. सैकड़ों की संख्या में लोग खड़े होकर इस पिटाई को देख रहे हैं. भीड़ में बच्चे, बूढ़े और महिलाएं भी मौजूद हैं.
वीटीवी गुजराती न्यूज एंड बियॉन्ड का यह वीडियो कुल 1.16 मिनट का है. पिटाई के बाद पथराव के कथित आरोपी भीड़ के सामने हाथ जोड़कर माफी मांगते हैं तो वहां मौजूद लोग खुशी से झूमते नजर आते हैं और हाथों को हवा में उछालने लगते हैं.
एक के बाद एक करके करीब 5 से 6 आरोपियों की इस तरह से पिटाई की जाती है और उसके बाद वे पास ही में खड़ी पुलिस वैन में बैठाए जाते हैं. सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने के बाद विपक्ष ने कार्रवाई की मांग की है और कहा है कि जो सादी कमीज में पिटाई करने वाला व्यक्ति है वह पुलिस अधिकारी है. जमालपुर-खाडिया से कांग्रेस के विधायक इमरान खेड़ावाला ने इस वीडियो का जिक्र करते हुए राज्य के डीजीपी को ट्विटर पर टैग करते हुए लिखा, "आरोपियों को एक खंभे से बांध दिया गया और पुलिस ने उन्हें सार्वजनिक रूप से डंडे मारे और ग्रामीणों ने ताली बजाई. आरोपियों को दंडित करने के लिए कानून-व्यवस्था और एक अदालत है. किसी को भी कानून हाथ लेने का अधिकार नहीं है. अगर रखवाला ही भक्षक बन जाए तो लोकतंत्र में यह काम नहीं करता. कानून को हाथ में लेने वाले अधिकारियों को तत्काल निलंबित किया जाए."
मीडिया की रिपोर्टों में कहा जा रहा है जिन लोगों को खंभे के साथ लगाकर पीटा गया उनकी पहचान नहीं हो पाई है लेकिन पुलिस ने पुष्टि की कि सोमवार रात गरबा को कथित रूप से बाधित करने के आरोप में गिरफ्तार किए गए सभी दस मुस्लिम समुदाय के हैं.
मध्य गुजरात मुस्लिम समाज सेवा समिति के अध्यक्ष अब्दुल करीम मलिक ने कहा कि पथराव इसलिए हुआ "क्योंकि एक गलतफहमी हो गई कि दंगा भड़क गया. गरबा खेलते समय जोर-जोर से चीख-पुकार मच गई थी."
खेड़ा जिले के उंधेला गांव में सोमवार की रात गरबा आयोजन के दौरान अन्य समुदाय के लोगों ने कथित पर पथराव किया था. पत्थरबाजी का आरोप समुदाय विशेष के 43 लोगों पर लगा था. बताया जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने गांव में एक मस्जिद के पास गरबा आयोजित करने को लेकर विरोध किया था. और आरोप है कि भीड़ ने आयोजन स्थल पर पथराव किया था जिसमें एक पुलिसकर्मी समेत सात लोग घायल हो गए थे.
अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने आईजीपी (अहमदाबाद रेंज) वी चंद्रशेखर के हवाले से लिखा, "अभी तक वीडियो की वास्तविकता का पता लगाना बाकी है."
वहीं खेड़ा जिले के एसपी राजेश गढ़िया ने कहा कि वह "कथित वीडियो को देखेंगे."
ट्विटर पर इस वीडियो को कुछ लोग साझा करते हुए इस कार्रवाई के लिए गुजरात पुलिस की सराहना कर रहे हैं. गुजरात में ही गरबा से संबंधित एक अलग घटना में सोमवार रात एक जगह पर तैनात बाउंसरों पर डंडों से लैस कुछ लोगों द्वारा हमला किए जाने के बाद सूरत में झड़प हो गई. पुलिस ने कहा कि दो बाउंसर घायल हो गए और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया.
एक घायल बाउंसर मुस्लिम समुदाय से था और उसने आरोप लगाया कि गरबा आयोजन में काम करने के लिए उस पर हमला किया गया.
भारत में इन मुद्दों से खड़ा हुआ विवाद
भारत में बीते कुछ अर्से से हर रोज एक नया विवाद जन्म ले रहा है. ज्यादातर विवाद दो धर्मों के बीच होते हैं. खान-पान, पहनावा और प्रार्थना स्थल को लेकर देश के कई हिस्सों में विवाद पैदा हो चुके हैं.
तस्वीर: Anushree Fadnavis/REUTERS
कर्नाटक का हिजाब विवाद
जनवरी 2022 में कर्नाटक के उडुपी में एक कॉलेज में छह छात्राओं के हिजाब पहनकर आने से रोकने पर विवाद खड़ा हो गया था. कॉलेज प्रशासन ने लड़कियों को हिजाब पहनकर कॉलेज में आने से मना कर दिया. जिसके खिलाफ लड़कियों ने विरोध प्रदर्शन किया. मामला कर्नाटक हाईकोर्ट पहुंचा और कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि हिजाब पहनना इस्लाम की अनिवार्य प्रथा का हिस्सा नहीं है.
तस्वीर: Money SHARMA/AFP
मस्जिदों के लाउडस्पीकर पर मचा शोर
महाराष्ट्र में अप्रैल के महीने में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे ने मस्जिदों और अन्य धार्मिक स्थलों में प्रार्थनाओं की आवाज को सीमा के भीतर रखने को लेकर अभियान चलाया था. उन्होंने कहा था कि अगर मस्जिदों ने ऐसा नहीं किया तो उनके समर्थक विरोध जताने के लिए मस्जिदों के बाहर हिंदू मंत्रोच्चार करेंगे. महाराष्ट्र की करीब 900 मस्जिदों ने अजान की आवाज कम करने की सहमति दी थी.
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उत्तर प्रदेश में लाउडस्पीकरों पर कार्रवाई
उत्तर प्रदेश में सभी धार्मिक स्थलों से करीब 1.29 लाख लाउडस्पीकर उतारे गए या फिर उनकी आवाज को तय मानकों के मुताबिक कम किया गया. यूपी सरकार ने 23 अप्रैल को धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाने के आदेश जारी किए थे. इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश पर राज्य सरकार ने पूरे प्रदेश में यह अभियान चलाया. सरकारी कार्रवाई मंदिर, मस्जिद और अन्य संस्थानों के लाउडस्पीकरों पर हुई.
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हिंसक घटनाएं
रामनवमी और हनुमान जयंती के दौरान दो समुदायों के बीच कई जगहों पर हिंसक झड़प हो गई थी. दिल्ली के जहांगीरपुरी में दो समुदायों के बीच झड़प हुई और माहौल तनावपू्र्ण हो गया. इसके अलावा मध्य प्रदेश के खरगोन, मुंबई की आरे कॉलोनी में एक धार्मिक यात्रा के दौरान दो समुदायों के लोगों के बीच हिंसा हुई. कर्नाटक के हुबली में भी एक व्हाट्सऐप संदेश को लेकर बवाल मच गया था.
तस्वीर: Charu Kartikeya/DW
बुलडोजर पर सवाल
उत्तर प्रदेश में हाल के महीने में कई मामले सामने आए जिनमें ऐसे आरोपियों के घर पर प्रशासन ने बुलडोजर चलवा दिया जिनका नाम किसी तरह के मामले में दर्ज हुआ. बुलडोजर चलाने को लेकर सवाल भी खड़े हुए और मामला सुप्रीम कोर्ट जा पहुंचा. कोर्ट में यूपी सरकार ने हलफनामा देकर कहा कि नियमों के मुताबिक कार्रवाई की गई है.
तस्वीर: Ritesh Shukla/REUTERS
यूपी की तर्ज पर एमपी में भी बुलडोजर चला
मध्य प्रदेश के खरगोन में रामनवमी पर दंगों के बाद प्रशासन ने कई मकान और दुकानों पर बुलडोजर चलवाकर तोड़ दिया. खरगोन प्रशान ने दंगों के एक दिन बाद 12 अप्रैल को कम से 45 मकानों और दुकानों पर बुलडोजर चलाकर कार्रवाई की थी. यहां भी सवाल उठे कि बिना नोटिस के प्रशासन ने कार्रवाई क्यों की.
तस्वीर: Charu Kartikeya/DW
पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी
एक टीवी बहस के दौरान बीजेपी की प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने पैगंबर मोहम्मद पर विवादित टिप्पणी की जिसके बाद अरब जगत से इस पर विरोध दर्ज कराया गया. इसके बाद बीजेपी ने नूपुर शर्मा और नवीन कुमार जिंदल को पार्टी से निकाल दिया और बयान से किनारा कर लिया. टिप्पणी के विरोध में कई जगहों पर हिंसक घटनाएं हुईं.
तस्वीर: Vipin Kumar/Hindustan Times/imago
मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी
दिसंबर 2021 में हरिद्वार में एक धर्म संसद हुई थी और इस धर्म संसद में देश के मुसलमानों के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए गए. इस धर्म संसद में हिंदू राष्ट्र की स्थापना की बात कही गई और मीडिया और कोर्ट के खिलाफ भी आपत्तिजनक बयान दिए गए थे.
तस्वीर: Hindustan Times/imago images
कन्हैयालाल का कत्ल
राजस्थान के उदयपुर में 28 जून को एक दर्जी कन्हैयालाल को इस सिर्फ दो मुसलमान व्यक्तियों ने धारदार हथियार से मार डाला क्योंकि उन्होंने नूपुर शर्मा के समर्थन में व्हॉट्सऐप स्टेटस लगाया था. कन्हैयालाल इस मामले में गिरफ्तार हो चुके थे और शिकायतकर्ता और उनके बीच पुलिस ने समझौता करा लिया था, उन्होंने पुलिस से जान मारने की धमकी मिलने की शिकायत की थी. हत्या के विरोध में राजस्थान में तनाव का माहौल बन गया.