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आतंकवादरूस

रूस के दागेस्तान में धार्मिक स्थलों पर हमला, 19 की मौत

२४ जून २०२४

रूस के दागेस्तान रिपब्लिक में हथियारबंद हमलावरों ने 15 पुलिस अधिकारियों और एक पादरी समेत 19 लोगों की हत्या कर दी. घटना के कारण 24 से 26 जून तक शोक घोषित किया गया है.

23 जून को डर्बेंट शहर में हमलावरों एक यहूदी प्रार्थना स्थल को निशाना बनाया. हमले के कारण इसमें लगी आग बुझाते दमकल कर्मी.
23 जून को हुए इस हमले से तीन महीने पहले मार्च में मॉस्को के एक सभागार पर हुए आतंकवादी हमले में 140 से ज्यादा लोग मारे गए थे. यह पिछले दो दशकों में रूस पर हुआ सबसे बड़ा आतंकवादी हमला था. तस्वीर: Gyanzhevi Gadzhibalayev/TASS/dpa/picture alliance

हमलावरों ने 23 जून की शाम उत्तरी कॉकेशस के दागेस्तान में एक साथ दो शहरों को निशाना बनाया. रूसी शहर डर्बेंट में बंदूकधारियों ने एक यहूदी प्रार्थना स्थल और चर्च पर हमला किया. रूस की सरकारी समाचार एजेंसी तास के मुताबिक, हमले में दोनों ही इमारतों ने आग पकड़ ली. 

तकरीबन इसी वक्त दागेस्तान की राजधानी मखचकला में भी एक चर्च, एक यहूदी प्रार्थना स्थल और ट्रैफिक पुलिस के पोस्ट पर हमला किया गया. समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, हमले में 15 पुलिस अधिकारियों और चार नागरिकों समेत 19 लोग मारे गए हैं. 

इससे पहले मार्च में रूस की राजधानी मॉस्को के एक कॉन्सर्ट हॉल पर हुए हमले में 145 लोग मारे गए थे. यूक्रेन युद्ध की शुरुआत के करीब दो साल बाद हुए इस हमले के समय भी रूसी अधिकारियों ने बिना कोई साक्ष्य पेश किए हमले का संबंध यूक्रेन से जोड़ने की कोशिश की थी, लेकिन कीव ने इन आरोपों से इनकार किया था. 

1990 और 2000 के दशक में उत्तरी कॉकेशस बड़े स्तर पर सरकार विरोधी हिंसा से ग्रस्त रहा था. हालिया सालों में भी रूस आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के निशाने पर रहा है. यह संगठन उत्तरी कॉकेशस में अपनी मौजूदगी का दावा करता है. तस्वीर: The National Antiterrorism Committee via AP/picture alliance

सभी हमलावरों के मारे जाने की खबर

प्रशासन ने आतंकवादरोधी कार्रवाई शुरू की, जिसमें सभी हमलावरों के मारे जाने की खबर है. हालांकि, बंदूकधारियों की संख्या के बारे में अलग-अलग स्रोत अलग-अलग जानकारी दे रहे हैं. आतंकवादरोधी समिति ने पांच हमलावरों को मार गिराने की बात कही है, वहीं प्रांत के गवर्नर ने छह आक्रमणकारियों के मारे जाने की जानकारी दी है. अभी यह स्पष्ट नहीं है कि हमले में कितने चरमपंथी शामिल थे.

रिपब्लिक ऑफ दागेस्तान, उत्तरी कॉकेशस में बसा है. यह रूस के 21 रिपब्लिकों में से एक है. रिपब्लिक, रूस में प्रांत के समकक्ष एक प्रशासनिक इकाई है. रिपब्लिकों के पास कई मामलों में स्वायत्त अधिकार होते हैं. 

23 जून को हमलावरों ने दागेस्तान के डर्बेंट शहर में जिस यहूदी प्रार्थना स्थल को निशाना बनाया, वह यूनेस्को की वैश्विक विरासत सूची का हिस्सा है. दागेस्तान मुसलमान बहुल आबादी वाला इलाका है. यहां ईसाई समुदाय एक छोटा सा अल्पसंख्यक समूह है. यहां यहूदी आबादी और भी कम है.

दागेस्तान का यहूदी समुदाय यहां के माउंटेन ज्यू समूह का हिस्सा बताया जाता है. 'दि वर्ल्ड होलोकॉस्ट रिमेंब्रेंस सेंटर' की वेबसाइट के मुताबिक, माउंटेन ज्यू पूर्वी एवं दक्षिणी कॉकेशस और चेचन्या, दागेस्तान समेत आधुनिक रूस के कई स्वायत्त रिपब्लिकों में रहते थे. 

1990 और 2000 के दशक में उत्तरी कॉकेशस बड़े स्तर पर हिंसक संघर्ष का शिकार था. खासतौर पर दागेस्तान और चेचन्या की स्थिति काफी गंभीर थी, जहां हथियारबंद विद्रोही और रूसी सरकार आमने-सामने थे. यह तब यूरोप का सबसे बड़ा आंतरिक सशस्त्र संघर्ष था. 

23 जून को हुए हमले में दो ऑर्थोडॉक्स गिरिजाघरों, दो यहूदी प्रार्थना स्थलों और एक पुलिस चेकपॉइंट को निशाना बनाया गया. दागेस्तान के गवर्नर सेर्गेई मेलिकोव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि प्रशासन "इन स्लिपर सेल्स के सभी सदस्यों की तलाश कर रहा है, जिन्होंने इस हमले की तैयारी की." रूसी ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रमुख ने कहा कि "दुश्मन रूस का धार्मिक सौहार्द तबाह" करना चाहते हैं. तस्वीर: The National Antiterrorism Committee via AP/picture alliance

किसी संगठन ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है

दागेस्तान के गवर्नर सेर्गेई मेलिकोव ने टेलिग्राम पर प्रसारित एक वीडियो में शोक जताते हुए कहा, "यह दागेस्तान और पूरे देश के लिए एक दुखद दिन है." मेलिकोव ने कहा, "हम समझते हैं कि आतंकवादी हमलों के पीछे कौन है और उनका क्या मकसद है." हालांकि, गवर्नर ने किसी संगठन का नाम नहीं लिया.  

समाचार एजेंसी तास ने भी सुरक्षा एजेंसियों के हवाले से बताया कि "जिन बंदूकधारियों ने मखचकला और डर्बेंट में हमले को अंजाम दिया, वे एक अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी संगठन के समर्थक है." हालांकि, दागेस्तान के एक सांसद अब्दुलखाखिम हदझियेव ने यूक्रेन और पश्चिमी देशों पर आरोप लगाते हुए दावा किया, "इसमें कोई संदेह नहीं कि ये आतंकवादी हमले किसी ना किसी तरह यूक्रेन और नाटो देशों की खुफिया एजेंसियों के साथ जुड़े हैं."

इससे पहले रूस ने अक्टूबर 2022 में क्रीमिया के पुल पर हुए बम धमाके का आरोप भी यूक्रेन पर लगाया था. यह पुल रूस को क्रीमिया से जोड़ता है. एक बैठक के दौरान पुतिन ने इल्जाम लगाया, "इसमें कोई संदेह नहीं कि यह एक आतंकवादी गतिविधि थी. इसका आदेश देने और इसे अंजाम देने वाले यूक्रेन के स्पेशल सर्विस के लोग थे." यूक्रेन ने इन आरोपों को खारिज किया था. 

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एसएम/सीके (एपी, रॉयटर्स, एएफपी)

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