पाकिस्तान में एक ऐसा इलाका है जहां दुनिया की किसी भी बंदूक का मॉडल मिल जाएगा, वो भी बेहद सस्ते दामों में. यह इलाका ऐसी जगह है जहां अब तक पुलिस भी जाने से बचती रही है.
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दर्रा आदमखेल, पेशावर से कोई 35 किलोमीटर दूर, पहाड़ों में बसा छोटा सा शहर. यहां की एक मंडी मशहूर है लेकिन खाने पीने के सामान के लिए नहीं, बंदूकों के लिए. यह पाकिस्तान का हथियारों का सबसे बड़ा काला बाजार है. चुराए हुए हथियार तो यहां मिलते ही हैं लेकिन हाथ के काम की यहां ज्यादा मांग है. रूस की एके47 हो या बुल्गारिया की एमपी5, सब यहां बनती हैं, वो भी कबाड़ में उठाए गए मेटल से. दर्रा आदमखेल में कुछ लोग इन मशहूर हथियारों की हूबहू नकल करने में माहिर हैं.
45 साल के खिताब गुल अपनी एमपी5 पर एक साल की गारंटी भी देते हैं. कीमत महज 7,000 पाकिस्तानी रुपये. भारतीय मुद्रा में इसकी कीमत हुई करीब साढ़े चार हजार रुपये. इसी तरह एके47 यहां 13,000 पाकिस्तानी रुपये यानी सवा आठ हजार भारतीय रुपये में मिल जाती है. बेचने से पहले खिताब गुल टेस्ट फायर कर के भी दिखाते हैं, ग्राहक को पूरी तसल्ली के बाद ही वो कुछ बेचते हैं. गुल का दावा है, "हमारे कारीगर इतने होनहार हैं कि उन्हें कोई भी हथियार दिखा दें, वो उसकी नकल कर देंगे." ग्राहकों के साथ साथ गुल भी अपनी दुकान की बंदूकों से संतुष्ट हैं, "पिछले दस साल में मैंने दस हजार बंदूकें बेची हैं, आज तक एक भी शिकायत नहीं आई."
जानिए, हथियारों का सबसे बड़ा निर्यातक कौन है
हथियारों का सबसे बड़ा निर्यातक कौन
स्टॉकहोम इंटरनेशल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिपरी) ने अपनी 2016 रिपोर्ट में बताया है कि साल 2011-15 के बीच वैश्विक हथियार व्यापार में 2006-10 के मुकाबले 14 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई. देखिए सबसे बड़े निर्यातक देश कौन हैं.
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1. अमेरिका
दुनिया के 58 देश हथियारों का निर्यात करते हैं जिनमें सबसे आगे है अमेरिका. यूएसए 96 देशों को हथियार भेजता है, जिनमें सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात उसके सबसे बड़े खरीदार हैं. 2015 के अंत में ही अमेरिका ने एफ-35 विमानों की बिक्री के एक बड़े ठेके पर हस्ताक्षर किए.
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2. रूस
दुनिया भर के हथियारों के कुल व्यापार में एक चौथाई हिस्सेदारी रूस की है. भारत, चीन और वियतनाम इसके सबसे बड़े खरीदार हैं. भारत के तो 70 फीसदी हथियार रूस से ही आते हैं. इसके अलावा अपने लड़ाकू विमानों, टैंकों, परमाणु पनडुब्बियों और राइफलों को रूस ने यूक्रेन समेत दुनिया के 50 देशों में भेजा.
पिछले सालों में चीन हथियारों के मामले में ज्यादा आत्मनिर्भर हुआ है और आयात कम कर निर्यात को बढ़ाया है. चीन ने पिछले साल 37 देशों को हथियारों की आपूर्ति की, जिनमें पाकिस्तान (35%), बांग्लादेश (20%) और म्यांमार (16%) इसके सबसे बड़े ग्राहक रहे. 2006-10 और 2011-15 के बीच चीनी हथियारों के निर्यात में 88 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज हुई.
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4. फ्रांस
हालांकि फ्रेंच हथियारों के निर्यात में 2010 के बाद से 9.8% की कमी आई है, फिर भी वह दुनिया में चौथे नंबर का आर्म्स एक्सपोर्टर बना हुआ है. यूरोप में उससे बाद आने वाले जर्मनी से निर्यात कम हुआ है. हाल ही मिले कुछ बड़े ठेकों के कारण फ्रांस के अगले साल भी निर्यातकों के टॉप 5 में शामिल रहने का अनुमान है.
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5. जर्मनी
प्रमुख जर्मन हथियारों के निर्यात में वर्ष 2011-15 के बीच 51 फीसदी की कमी आई. इन सालों में जर्मनी ने अपने खास हथियार 57 देशों को भेजे. इन्हें आयात करने वालों में 29 प्रतिशत तो अन्य यूरोपीय देश ही थे. इसके बाद एशिया, अमेरिका, ओशिनिया को 23 प्रतिशत जबकि इतना ही मध्य पूर्व को बेचा गया. अमेरिका, इजरायल और ग्रीस जर्मन हथियारों के सबसे बड़े उपभोक्ता हैं.
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6. ब्रिटेन
अगर सऊदी अरब (46%), भारत (11%) और इंडोनेशिया (8.7%) जैसे बाजार ना हों तो ब्रिटिश हथियार उद्योग दिवालिया हो जाएगा. साल 2006–10 और 2011–15 के बीच ब्रिटेन से हथियारों का निर्यात करीब 26 प्रतिशत बढ़ा. यूरोप में इसके बाद स्पेन और इटली का स्थान आता है.
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हथियार बनाने के लिए ये लोग स्क्रैप यार्ड से मेटल उठाते हैं. यह अक्सर पुराने समुद्री जहाजों का कबाड़ होता है, जिसे इस काम के लिए इस्तेमाल किया जाता है. आसपास के इलाकों में रहने वालों को भी कोई परेशानी नहीं है क्योंकि इलाका पश्तून बहुल है और पश्तून परिवारों में जमानों से हथियार रखने का चलन रहा है.
एक जमाना ऐसा भी था जब इस बाजार में हर अवैध चीज मिल जाती, फिर चाहे चोरी की गाड़ी हो या फिर फर्जी डिग्री. 1980 के दशक में यह बाजार काफी फलाफूला. अफगानिस्तान से सीमा पार कर मुजाहिद्दीन यहां आ जाया करते और सोवियत संघ के खिलाफ जंग के लिए यहीं से हथियार खरीदा करते. बाद में इस जगह पर पाकिस्तान तालिबान का कब्जा रहा. अब पिछले कुछ वक्त से हालात बदले हैं. सरकार धीरे धीरे इलाके पर नियंत्रण करने की कोशिश में लगी है.
बाजार में दुकान लगाने वालों से बात करेंगे तो पता चलेगा कि "सरकार ने जीना हराम किया हुआ है". कभी यहां 7,000 से भी ज्यादा दुकानें हुआ करती थीं, आज आधी भी नहीं बचीं. गुल बताते हैं कि पहले उनकी वर्कशॉप में हर रोज दस बंदूकें बनती थीं, अब चार ही बन पाती हैं. सरकार की सख्ती की वजह से "मांग कम हुई है." शहर के बाहर नाके लगा दिए गए हैं. जगह जगह लोगों को रोक कर तलाशी ली जाती है. ऐसे में अब दर्रा आदमखेल से हथियारों को बाहर ले जाना मुश्किल हो गया है. साथ ही विदेशियों के लिए यहां आने पर मनाही है.
किसके पास कितने ऐटम बम हैं, यहां देखिए
किसके पास, कितने एटम बम
दुनिया भर में इस वक्त नौ देशों के पास करीब 13,865 परमाणु बम हैं. हाल के सालों में परमाणु हथियारों की संख्या घटी है. चलिए देखते हैं कि किस देश के पास कितने परमाणु हथियार हैं.
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रूस
स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (सिप्री) के मुताबिक परमाणु हथियारों की संख्या के मामले में रूस सबसे आगे है. 1949 में पहली बार परमाणु परीक्षण करने वाले रूस के पास 6,500 परमाणु हथियार हैं.
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अमेरिका
1945 में पहली बार परमाणु परीक्षण के कुछ ही समय बाद अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा और नागासाकी शहरों पर परमाणु हमला किया. सिप्री के मुताबिक अमेरिका के पास आज भी 6,185 परमाणु बम हैं.
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फ्रांस
यूरोप में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार फ्रांस के पास हैं. उसके एटम बमों की संख्या 300 बताई जाती है. परमाणु बम बनाने की तकनीक तक फ्रांस 1960 में पहुंचा.
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चीन
एशिया में आर्थिक महाशक्ति और दुनिया की सबसे बड़ी थल सेना वाले चीन की असली सैन्य ताकत के बारे में बहुत पुख्ता जानकारी नहीं है. लेकिन अनुमान है कि चीन के पास 290 परमाणु बम हैं. चीन ने 1964 में पहला परमाणु परीक्षण किया.
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ब्रिटेन
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य ब्रिटेन ने पहला परमाणु परीक्षण 1952 में किया. अमेरिका के करीबी सहयोगी ब्रिटेन के पास 200 परमाणु हथियार हैं.
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पाकिस्तान
अपने पड़ोसी भारत से तीन बार जंग लड़ चुके पाकिस्तान के पास 150-160 परमाणु हथियार हैं. 1998 में परमाणु बम विकसित करने के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच कोई युद्ध नहीं हुआ है. विशेषज्ञों को डर है कि अगर अब इन दोनों पड़ोसियों के बीच लड़ाई हुई तो वह परमाणु युद्ध में बदल सकती है.
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भारत
1974 में पहली बार और 1998 में दूसरी बार परमाणु परीक्षण करने वाले भारत के पास 130-140 एटम बम हैं. चीन और पाकिस्तान के साथ सीमा विवाद के बावजूद भारत ने वादा किया है कि वो पहले परमाणु हमला नहीं करेगा. साथ ही भारत का कहना है कि वह परमाणु हथियार विहीन देशों के खिलाफ भी इनका प्रयोग नहीं करेगा.
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इस्राएल
1948 से 1973 तक तीन बार अरब देशों से युद्ध लड़ चुके इस्राएल के पास 80 से 90 नाभिकीय हथियार हैं. इस्राएल के परमाणु कार्यक्रम के बारे में बहुत कम जानकारी सार्वजनिक है.
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उत्तर कोरिया
पाकिस्तान के वैज्ञानिक अब्दुल कादिर खान की मदद से परमाणु तकनीक हासिल करने वाले उत्तर कोरिया के पास 20 से 30 परमाणु हथियार हैं. तमाम प्रतिबंधों के बावजूद 2006 में उत्तर कोरिया ने परमाणु परीक्षण किया.
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एक वर्कशॉप के बाहर बैठे मुज्जमिल खान बताते हैं, "मैं यहां 30 साल साल से काम कर रहा हूं लेकिन अब करने को कुछ है ही नहीं, अब तो मैं अपनी मशीनें बेचने को भी तैयार हूं." ऐसा ही हाल एक अन्य दुकानदार मुहम्मद कासिर का भी दिखा. उन्हें तो डर है कि अगर सरकार यूं ही सख्ती दिखाती रही, तो "दर्रा खत्म ही हो जाएगा." यहां का एक ट्रेड यूनियन भी है जिसके अध्यक्ष बादाम अकबर बड़ी चिंता के साथ बताते हैं, "ना ही हमारे पास बिजली है, ना पानी और ना धंधा. अब यहां जीना बहुत मुश्किल हो गया है."