गुरुग्राम में धार्मिक सद्भाव का परिचय देते हुए एक गुरुद्वारा समिति ने मुसलमानों से कहा है कि वो गुरुद्वारों में नमाज पढ़ सकते हैं. पिछले कई हफ्तों से कुछ संगठन खुली जगहों पर नमाज पढ़े जाने का विरोध कर रहे हैं.
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गुरुद्वारा समिति का यह प्रस्ताव गुरुग्राम प्रशासन के उस आदेश के कुछ ही दिनों बाद आया है जिसके तहत मुस्लिम समुदाय को शहर के आठ स्थानों पर शुक्रवार की नमाज पढ़ने के लिए दी गई इजाजत वापस ले ली गई थी. मूल अनुमति 37 स्थानों पर नमाज पढ़ने की थी.
प्रशासन का कहना था कि 37 में से इन आठ स्थानों पर स्थानीय लोगों और उनके संगठनों ने इन इलाकों में खुले में नमाज पढ़े जाने पर आपत्ति प्रकट की थी, जिसकी वजह से वहां नमाज पढ़ना मना कर दिया गया. अब गुरुद्वारा समिति के इस प्रस्ताव से नमाज पढ़ने के लिए वैकल्पित स्थानों की व्यवस्था हो गई है.
कहीं नफरत कहीं सद्भाव
गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा समिति पांच गुरुद्वारों का प्रबंधन देखती है. समिति के अध्यक्ष शेरदिल सिंह सिद्धू ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार बताया कि इन गुरुद्वारों में 2,000 से ज्यादा लोग समा सकते हैं लेकिन उन्होंने प्रस्ताव दिया है कि कोविड की वजह से सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरतों को देखते लोग 30-40 के समूहों में आकर नमाज अदा करें.
सिद्धू ने यह भी कहा, "गुरुद्वारा गुरु का घर है. यहां सभी समुदायों के लोगों का स्वागत है. अगर मुस्लिम समुदाय के लोगों को तय स्थानों पर नमाज पढ़ने में दिक्कत हो रही है, तो वो लोग गुरुद्वारों में नमाज पढ़ सकते हैं. गुरुद्वारों के दरवाजे सब के लिए खुले हैं"
गुरुग्राम में जहां कुछ हिंदुत्ववादी संगठन इन स्थानों पर नमाज का कड़ा विरोध कर रहे हैं, वहीं कुछ और लोग मुस्लिमों की मदद के लिए आगे आए हैं. कुछ दिनों पहले अक्षय यादव नाम के व्यापारी ने मुसलमानों को उनकी दुकान में नमाज अदा करने का प्रस्ताव दिया था.
कहां पढ़ें नमाज
उनका कहना है कि पिछले शुक्रवार 15 लोगों ने उनकी दुकान में नमाज पढ़ी. मुस्लिम समुदाय ने गुरुद्वारा समिति के प्रस्ताव का स्वागत किया है और कहा है कि वहां इस शुक्रवार जरूर नमाज पढ़ी जाएगी. गुरुग्राम में जमीयत उलेमा के अध्यक्ष मुफ्ती मोहम्मद सलीम गुरुद्वारों के प्रतिनिधियों से मिले और नमाज पढ़ने का फैसला किया.
एक रिपोर्ट के अनुसार गुरुग्राम में करीब पांच लाख मुस्लिम रहते हैं लेकिन वहां सिर्फ 13 मस्जिदें हैं. इस्लाम में शुक्रवार यानी जुमे की नमाज समूह में ही पढ़ने का रिवाज है. इस दिन मुस्लिम जुमे की नमाज मस्जिद में साथ मिल कर अदा करते हैं और वहां मौलवी समसामयिक मुद्दों पर इस्लाम के दृष्टिकोण से रौशनी भी डालते हैं.
देखिए विश्व की 10 सबसे बड़ी मस्जिदें
मॉस्को में यूरोप की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक जुमा मस्जिद है. इस छह मंजिला मस्जिद में 20,000 वर्गमीटर के क्षेत्र में 10,000 लोगों के लिए नमाज पढ़ने की जगह है. दुनिया की कुछ बड़ी मस्जिदों पर एक नजर.
तस्वीर: imago/T. Müller
जुमा मस्जिद, मॉस्को
मॉस्को की केंद्रीय मस्जिद जुमा मस्जिद या कैथीड्रल मस्जिद के नाम से भी जानी जाती है. 1904 में बनी यह मस्जिद यूरोप की सबसे बड़ी मस्जिदों में शामिल है और जीर्णोद्धार के बाद यहां 10,000 लोग एक साथ नमाज पढ़ सकते हैं.
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अल हरम मस्जिद, मक्का
इस्लाम धर्म की सबसे महत्वपूर्ण और साढ़े तीन लाख वर्गमीटर में फैली दुनिया की सबसे बड़ी मस्जिद है अल हरम. मूल रूप से 16वीं सदी में बनी इस मस्जिद में 9 मीनारें हैं. मस्जिद के अंदर काबा है जो इस्लाम का मुख्य पवित्रस्थल है.
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पैगंबर मस्जिद, मदीना
मक्का की अल हरम मस्जिद के बाद मदीने की मस्जिद इस्लाम का दूसरी सबसे पवित्र स्थल है. यहां पैगंबर मुहम्मद की कब्र है. यह मस्जिद 622 ईस्वी में बनी थी. इस मस्जिद में 600,000 श्रद्धालु एक साथ नमाज अदा कर सकते हैं.
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अल अक्सा मस्जिद, येरूशलम
येरूशलम में टेंपल माउंट पर स्थित अल अक्सा मस्जिद 5,000 जगहों के साथ दुनिया की छोटी मस्जिदों में शुमार होती है, लेकिन सोने के गुंबद वाली 717 ईस्वी में बनी यह मस्जिद विश्वविख्यात है और इस्लाम की तीसरी सबसे महत्वपूर्ण मस्जिद है.
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हसन मस्जिद, कासाब्लांका
सीधे अटलांटिक सागर तट पर बनी मस्जिद का नाम मोरक्को के पूर्व शाह हसन द्वितीय के नाम पर है. इसे 1993 में उनके जन्म की 60 वीं सालगिरह पर बनाया गया था. इसकी 210 मीटर ऊंची मीनार मस्जिदों में विश्व रिकॉर्ड बनाती है.
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शेख जायद मस्जिद, अबू धाबी
इस मस्जिद का उद्घाटन 2007 में हुआ. यह दुनिया की 8वीं सबसे बड़ी मस्जिद है. यह 224 मीटर लंबे और 174 मीटर चौड़े इलाके पर बनी है और मीनारों की ऊंचाई 107 मीटर है. मुख्य गुंबद का व्यास 32 मीटर है जो विश्व रिकॉर्ड है.
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जामा मस्जिद, दिल्ली
मुगल सम्राट शाह जहां द्वारा बनवाई गई जामा मस्जिद भारत की प्रसिद्ध मस्जिदों में शामिल है. 1656 में बनकर पूरी हुई पुरानी दिल्ली की यह मस्जिद दुनिया की 9वीं सबसे बड़ी मस्जिद है. यहां 25,000 लोग एक साथ नमाज अदा कर सकते हैं.
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रोम की मस्जिद
कैथोलिक धर्म की राजधानी कहे जाने वाले रोम में भी एक विशाल मस्जिद है. 30,000 वर्गमीटर जगह वाली यह मस्जिद यूरोप की सबसे बड़ी मस्जिद होने का दावा करती है. दस साल में बनी इस मस्जिद का उद्घाटन 1995 में किया गया था.
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अखमत कादिरोव मस्जिद, ग्रोज्नी
यह मस्जिद भूतपूर्व मुफ्ती और चेच्न्या के राष्ट्रपति रहे कादिरोव के नाम पर बनी है. वे 2004 में एक हमले में मारे गए थे. मस्जिद का निर्माण कार्य चेच्न्या युद्ध के कारण कई बार रोकना पड़ा. इसे 2008 में आम लोगों के लिए खोला गया.
इस मस्जिद का नाम रूसी अधिग्रहण से पहले कजान के आखिरी इमाम के नाम की याद दिलाता है. पड़ोस में स्थित कैथीड्रल के साथ इसे तातर जाति के मुसलमानों और ऑर्थोडॉक्स ईसाइयों के शांतिपूर्ण सहजीवन का सूत माना जाता है.