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पाकिस्तानी पत्रकार के दावे पर क्या बोले हामिद अंसारी

१४ जुलाई २०२२

पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने बीजेपी द्वारा लगाए गए उन आरोपों का खंडन किया है कि उन्होंने उपराष्ट्रपति रहते हुए एक पाकिस्तानी पत्रकार को भारत आने के लिए आमंत्रित किया था, जिसने बाद में जानकारी आईएसआई के साथ साझा की.

हामिद अंसारी
हामिद अंसारीतस्वीर: AP

यह पूरा विवाद पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा द्वारा किए गए दावों के बाद खड़ा हुआ है. पाकिस्तानी पत्रकार नुसरत मिर्जा ने दावा किया है कि पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने उन्हें 2005-2011 के बीच पांच बार भारत आमंत्रित किया था. मिर्जा का कहना है कि उन्होंने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ अपनी यात्राओं के दौरान एकत्र की गई जानकारी की साझा की. मिर्जा का दावा है कि मुलाकात के दौरान खुफिया और गोपनीय जानकारी साझा की गई.

पाकिस्तानी पत्रकार के कथित दावों का हवाला देते हुए बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने आरोप लगाया कि अंसारी ने उनके (मिर्जा) साथ कई "संवेदनशील और गोपनीय" जानकारियां साझा कीं. भाटिया ने भारतीय जासूसी एजेंसी रॉ के एक पूर्व अधिकारी की टिप्पणियों का भी हवाला दिया, जिनमें आरोप लगाया गया था कि अंसारी ने ईरान में राजदूत के रूप में देश के हितों को नुकसान पहुंचाया था.

बीजेपी के आरोप

बुधवार को पत्रकार वार्ता में बीजेपी ने कहा, "भारत के लोग आपको (अंसारी) इतना सम्मान दे रहे हैं और आप देश के साथ विश्वासघात कर रहे हैं. क्या यह देशद्रोह नहीं है? सोनिया गांधी, राहुल गांधी और हामिद अंसारी को सामने आकर इसका जवाब देना चाहिए."

बीजेपी ने कहा, "अगर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और तत्कालीन उपराष्ट्रपति सत्ताधारी दल द्वारा उठाए गए सवालों पर चुप रहते हैं, तो यह इन पापों को स्वीकार करने के समान होगा."

बीजेपी का कहना है "पूरे विश्व में आतंकवाद के खिलाफ जो मुहिम है, भारत उसमें अग्रणी भूमिका निभा रहा है. और कांग्रेस की सरकार 2005-11 के बीच में पांच बार ऐसे व्यक्ति को भारत आने का निमंत्रण देती है, देश की गोपनीय जानकारी साझा की जाती हैं."

बीजेपी ने कांग्रेस पर देश को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा, "एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश की अखंडता को मजबूत कर रहे हैं, आतंकवाद को देश से खत्म करने का हमारा संकल्प है. दूसरी तरफ कांग्रेस पाटी की सोच देश को कमजोर करने की रही है."

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बीजेपी पर अंसारी का पलटवार

अंसारी ने उपराष्ट्रपति रहते हुए भारत में एक संदिग्ध पाकिस्तानी पत्रकार को आमंत्रित करने के आरोपों पर बीजेपी पर पलटवार किया है. विवाद बढ़ने के बाद अंसारी ने एक बयान में कहा, "पहले मीडिया के एक वर्ग और बाद में बीजेपी के प्रवक्ता ने मेरे खिलाफ झूठ फैलाया." उन्होंने पत्रकार नुसरत मिर्जा से मिलने या आमंत्रित करने से इनकार किया.

अंसारी ने अपने बयान में कहा, "मेरे ऊपर आरोप लगाए जा रहे हैं कि आतंकवाद पर एक कॉन्फ्रेंस में और ईरान में भारत का राजूदत रहने के दौरान मैं मिर्जा से मिला था. ये भी आरोप लगाए जा रहे हैं कि मैंने राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ विश्वासघात किया. लेकिन यहां मैं ये साफ करना चाहता हूं कि न तो मैं मिर्जा से मिला हूं न ही मैंने उन्हें बुलाया."

अंसारी ने अपनी सफाई में कहा कि यह एक ज्ञात तथ्य है कि उपराष्ट्रपति द्वारा विदेशी मेहमानों को निमंत्रण सरकार की सलाह पर भेजा जाता है, आमतौर पर विदेश मंत्रालय के माध्यम से.

अंसारी का कहना है कि ईरान में बतौर भारत के राजदूत का कामकाज सरकार की जानकारी में रहा है. बयान में उन्होंने कहा, "देश की सुरक्षा को लेकर मैं प्रतिबद्ध हूं और इस पर बयान देने से हमेशा खुद को दूर रखता हूं. भारत सरकार के पास सारी जानकारियां हैं और वही सिर्फ सच बता सकती है. ईरान में मेरा कार्यकाल रिकॉर्ड में दर्ज है. इसके बाद मुझे न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र में भारत का स्थायी सदस्य बनाया गया था. मेरे काम को देश और दुनिया में सराहा गया है."

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कांग्रेस ने की बीजेपी के बयान की आलोचना

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पूर्व उपराष्ट्रपति अंसारी के खिलाफ बीजेपी के प्रवक्ता द्वारा लगाए आरोपों की निंदा की. रमेश ने अंसारी के खिलाफ बीजेपी के प्रवक्ता द्वारा "आक्षेप और कटाक्ष" किए जाने की भी निंदा की. जयराम रमेश ने कहा,"प्रधानमंत्री और उनकी पार्टी के प्रवक्ता सार्वजनिक बहस को कमजोर करने के लिए किस हद तक गिरेंगे वह चौंकाने वाला है."

पत्रकार नुसरत मिर्जा ने एक वर्चुअल संबोधन के दौरान ये दावे किए थे और इनके सामने आने के एक दिन बाद बीजेपी ने इस मुद्दे को हाथों हाथ ले लिया था. बीजेपी चाहती थी कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और सांसद राहुल गांधी इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण जारी करें.

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