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बीजेपी में शामिल हुए हार्दिक पटेल

चारु कार्तिकेय
२ जून २०२२

पहले एक आंदोलनकारी और बाद में एक कांग्रेस नेता के रूप में सात साल बीजेपी का विरोध करने के बाद हार्दिक पटेल विधानसभा चुनावों से ठीक पहले बीजेपी में ही शामिल हो गए.

हार्दिक पटेल
हार्दिक पटेलतस्वीर: Ajit Solanki/AP/picture alliance

2015 में पटेल ने गुजरात के पाटीदार समाज के लोगों को ओबीसी आरक्षण दिलवाने के लिए पाटीदार अनमत आंदोलन समिति (पास) बनाई थी. उनके नेतृत्व में पाटीदार आंदोलन इतना मजबूत हो गया था कि आंदोलन से जुड़ी रैलियों में लाखों लोग आने लगे थे और दो दशक से भी ज्यादा से गुजरात में सत्ता में कायम बीजेपी को चुनाव हारने का डर सताने लगा था.

आंदोलन का ऐसा असर हुआ कि 2017 विधान सभा चुनावों में बीजेपी ने एक बार फिर जीत दर्ज तो कर ली, लेकिन पिछले चुनावों के मुकाबले पार्टी को 16 सीटें कम मिली. पटेल ने उन चुनावों में कांग्रेस को अपना समर्थन दिया और कांग्रेस ने पिछली बार के मुकाबले 16 सीटें ज्यादा हासिल की. यह पार्टी का गुजरात में तीन दशकों में सबसे अच्छा चुनावी प्रदर्शन था.

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नहीं बनी कांग्रेस में बात

मार्च 2019 में लोकसभा चुनावों के ठीक पहले पटेल कांग्रेस में शामिल हो गए और जुलाई 2020 में उन्हें गुजरात में पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष बना दिया. लेकिन दो साल के अंदर ही उन्होंने कांग्रेस पर उन्हें नजरअंदाज करने का और बड़े फैसले लेने में उनसे सलाह न लेने का आरोप लगा कर पार्टी से इस्तीफा दे दिया.

तब से कई अटकलें लग रही थीं कि अब वो बीजेपी या आम आदमी पार्टी का दामन थाम सकते हैं. कई दिनों तक बीजेपी में शामिल होने की संभावना को नकारने के बाद पटेल ने गुरुवार दो जून को ट्वीट किया कि अब वो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एक 'छोटा सा सिपाही' बन कर काम करेंगे.

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गुजरात में इसी साल दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने की उम्मीद है और चुनावी साल में हार्दिक पटेल का बीजेपी में शामिल होना काफी मायने रखता है, लेकिन पार्टी में उनकी उपस्थिति उनके और पार्टी के लिए कितनी लाभकारी सिद्ध होगी यह अभी कहना मुश्किल है.

बीजेपी में भूमिका

पटेल सात साल से बीजेपी, मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के विरोधी और आलोचक रहे हैं, लेकिन बीजेपी में शामिल होने से पहले उन्होंने अपने ट्विटर खाते से बीजेपी की आलोचना वाले सभी पुराने ट्वीट हटा दिए हैं. अब देखना यह है कि भाजपा उनका स्वागत करने के बाद उन्हें किस तरह की भूमिका देती है.

हार्दिक पटेल सालों तक बीजेपी का विरोध करते रहेतस्वीर: SAM PANTHAKY/AFP

बीजेपी महीनों पहले से चुनावों की तैयारी में जुट चुकी है. मार्च में उत्तर प्रदेश समेत चार राज्यों के विधानसभा चुनावों में जीत दर्ज करने के अगले ही दिन मोदी ने गुजरात की दो दिवसीय यात्रा के साथ राज्य में बीजेपी के चुनावी अभियान की शुरुआत कर दी थी. उसके बाद वो कई बार गुजरात जा चुके हैं.

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ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन और विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक तेद्रोस अधनोम गेब्रयेसुस जैसे अंतरराष्ट्रीय नेताओं के लिए भी गुजरात के दौरे आयोजित किए जा चुके हैं.

स्पष्ट है कि 2017 में हार के काफी करीब आने के बाद बीजेपी गुजरात विधानसभा में अपनी सीटें बढ़ाने की कोशिश में कोई कसर बाकी नहीं रहने देना चाह रही है. ऐसे में हार्दिक पटेल बीजेपी की योजना में कहां फिट बैठेंगे, यह देखना होगा.

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