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समाज

कमला हैरिस और माइक पेंस के बीच "तीखी बहस"

८ अक्टूबर २०२०

डेमोक्रैट कमला हैरिस और रिपब्लिकन माइक पेंस के बीच गुरुवार को पहली और एकमात्र वाइस प्रेसिडेंशियल डिबेट अमेरिका के सॉल्ट लेक सिटी में हुई. कोरोना वायरस को लेकर देश की प्रतिक्रिया और आर्थिक नीति को लेकर बहस हुई.

तस्वीर: Brian Snyder/Reuters

अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में आम तौर पर वाइस प्रेसिडेंशियल डिबेट उतना ध्यान आकर्षित नहीं करती है लेकिन यह दौर पहले के सालों से अलग है. कोरोना वायरस व्हाइट हाउस तक घुसपैठ कर चुका है और खुद अमेरिका के राष्ट्रपति कोरोना से संक्रमित हैं. नतीजतन, 2020 के उपराष्ट्रपति की इस बहस ने सुर्खियां बटोरी. 55 साल की कमला हैरिस डिबेट की शुरुआत से ही आक्रामक नजर आईं. हैरिस ने कोरोना वायरस को संभालने को लेकर ट्रंप सरकार को घेरा और कहा कि ट्रंप प्रशासन महामारी से निपटने में विफल रहा. उन्होंने डिबेट के शुरू होते ही कहा, "अमेरिकी जनता इस बात की गवाह है कि अमेरिकी इतिहास में देश का कोई भी राष्ट्रपति प्रशासन इतनी बुरी तरह से कभी विफल नहीं हुआ.” इसके जवाब में माइक पेंस ने महामारी के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया और वायरस से निपटने के लिए अमेरिकी प्रशासन की सराहना की. उन्होंने ट्रंप के उस फैसले की भी सराहना की जिसमें ट्रंप ने जनवरी के आखिर में चीन से आने वाले यात्रियों पर पाबंदी लगाई थी.

पेंस ने कहा, "मैं अमेरिकी जनता को यह बताना चाहता हूं कि पहले ही दिन से राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने जनता के स्वास्थ्य को आगे रखा है. कोरोना वायरस के लिए चीन को ही जिम्मेदार ठहराना चाहिए. ट्रंप पर आरोप लगने से वे नाराज हैं.”

संभावित वैक्सीन के बारे में जब हैरिस से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वे सिर्फ वैज्ञानिकों के शब्दों पर यकीन करेंगी ना कि ट्रंप के कहने पर. हैरिस ने कहा, "अगर डॉक्टर कहते हैं कि हमें इसे लेना चाहिए तो मैं सबसे पहले कतार में खड़ी होंगी और वैक्सीन लूंगी. लेकिन अगर डॉनल्ड ट्रंप कहते हैं कि वैक्सीन लेनी चाहिए तो मैं उसे नहीं लूंगी.” इसके जवाब ने पेंस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी और कहा कि यह हद से ज्यादा है. उन्होंने कहा, "लोगों की जिंदगी के साथ राजनीति नहीं होनी चाहिए.”

12 फीट की दूरी

इस बहस के दौरान दोनों उप राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों के सामने शीशे लगाए गए थे. ऐसा कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए किया गया था. दोनों के बीच 12 फीट की दूरी थी. अमेरिका में कोरोना वायरस के कारण 2,10,000 लोगों की मौत हो चुकी है और अर्थव्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है. इसके अलावा डिबेट में ट्रंप के कथित टैक्स चोरी का मुद्दा भी उठा. हैरिस ने कहा कि वे ऐसा राष्ट्रपति चाहेंगी जो टैक्स चोरी ना करे. न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप ने 2016 में कुल 750 डॉलर का इनकम टैक्स भरा था. राष्ट्रपति बन जाने के बाद पहले साल यानी 2017 में भी उन्होंने इतना ही टैक्स भरा था. हैरिस ने कहा, "हम टैक्स और स्वास्थ्य दोनों को लेकर पारदर्शिता रखने पर विश्वास रखते हैं. यह भी जानना जरूरी होगा कि ट्रंप के पास किसका पैसा है. जनता को पता होना चाहिए कि उनके फैसलों पर क्या प्रभाव डाल रहा है." हालांकि पेंस ने ओबामा केयर को लेकर सवाल खड़े किए और उसे "त्रासदी" करार दिया.

कोरोना, चीन, टैक्स चोरी जैसे मुद्दे पर बहस हुई. तस्वीर: Alex Wong/Getty Images/AFP

दोनों के बीच चीन के साथ चल रहे ट्रेड वॉर के मुद्दे पर भी बहस हुई. पेंस ने जो बाइडेन को चीन के चीयरलीडर के तौर पर काम करने का आरोप लगाया तो इसके जवाब में हैरिस ने कहा कि देश चीन के साथ ट्रेड वॉर हार चुका है और लोगों की नौकरियां गईं और किसान दिवालिया हो रहे हैं.

90 मिनट की इस डिबेट को अलग-अलग हिस्सों में बांटा गया था और इसको मॉडरेट सुजैन पेज ने किया. अमेरिकी इतिहास में पहली बार कोई भारतीय मूल का व्यक्ति वाइस प्रेसिडेंशियल डिबेट में हिस्सा लिया. 55 साल की हैरिस के पिता जमैका के थे और मां भारतीय मूल की थी.

एए/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)

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